छत्तीसगढ़: भारी बारिश के बीच पानी में बहे अधिकारी; तलाश जारी
छत्तीसगढ़।
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में ‘साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड’ (एसईसीएल) के खदान में भारी बारिश के दौरान एक अधिकारी पानी में बह गए। पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस बताया कि कोल इंडिया की सहायक कंपनी एसईसीएल के कुसमुंडा कोयला खदान में शाम लगभग चार बजे अधिकारी और कर्मचारी खदान का निरीक्षण कर रहे थे। अधिकारी लगातार बारिश के कारण खदान के एक हिस्से में जमा हुए पानी का निरीक्षण करने गए थे। जब अधिकारी खदान का निरीक्षण कर रहे थे, तब खदान में ढलान से अचानक भारी मात्रा में पानी बह गया। वहां मौजूद नागरकर और एक अन्य अधिकारी उसमें बह गए। एक अन्य अधिकारी किसी तरह सुरक्षित रहने में कामयाब रहे, लेकिन नागरकर संभल नहीं पाए। अधिकारियों ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद एसईसीएल और राज्य आपदा मोचन बल के कर्मचारियों ने लापता अधिकारी की तलाश शुरू कर दी है। शनिवार को जिले में दोपहर बाद मूसलाधार बारिश हुई। इस दौरान एसईसीएल के कुसमुंडा खदान में एक घटना घट गई। जानकारी के मुताबिक अत्यधिक बारिश होने से खदान के ओल्ड केट फेस में पानी का भराव होने लगा। इसी दौरान छह लोग निरीक्षण पर निकले हुए थे। बताया गया है कि सभी लोग बारिश से बचने के लिए समीप में स्थित एक गुमटी में रूक गए।
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बारिश के नहीं थमने पर यहां से निकलने की सोची। इसी बीच ओव्हर बर्डन की मिट्टी तेजी से बहकर नीचे की ओर आने लगी। वे इसकी चपेट में आ गए। पांच लोग किसी तरह मलबे के बहाव से बाहर निकल आए, लेकिन सहायक प्रबन्धक (माइनिंग) जितेन्द्र नागरकर ओव्हर बर्डन के मलबे में बह गए। इसकी सूचना एसईसीएल प्रबंधन को दी गई। मौके पर रेस्क्यू टीम पहुंची और जितेन्द्र नागरकर की तलाश में जुटी। राज्य आपदा प्रबंधन (एसडीआरएफ) की टीम को भी सूचना दी गई जो घटनास्थल पर पहुंची। एसईसीएल प्रबंधन ने जारी बयान में कहा कि कुसमुंडा मेगा प्रोजेक्ट में शाम 4.30 बजे भारी वर्षा होने के कारण खदान में कार्यरत 6 लोग पानी के बहाव में फंस गए। इनमें से 5 लोग सुरक्षित रूप से निकलने में सफल रहे लेकिन जितेंद्र नागरकर, सहायक प्रबन्धक (माइनिंग) पैर फिसलने के कारण पानी के बहाव में संप में बहे चले गए। कुसमुंडा प्रबंधन ने तुरंत एक्शन लेते हुए बचाव कार्य शुरू किया एवं एसडीआरएफ़ की टीम की सहायता से श्री नागरकर को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। पिछले दो दिनों में कोरबा सहित पूरे राज्य में भारी बारिश हुई है। खदान में एक साथ भारी मात्रा में बारिश होने के कारण, पानी की निकासी के हयूम पाइप्स में मलबा जमा हो गया जिसके कारण पानी ओवरफ़्लो होने से यह घटना हुई है।
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