MP Forest Department: बैतूल में सागौन के जंगलों का अवैध कटान, लकड़ियां गायब, रेंजर दुर्गेश मालवीय के संरक्षण में जमीन की जुताई, डीएम पर उठते सवाल।
MP News: मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में वनों को लेकर एक गहरी चिंताजनक स्थिति बनी हुई है तेजी से वनों का सफाया हो रहा है वहीं जिनको जंगल...
रिपोर्ट- शशांक सोनकपुरिया, बैतूल मध्यप्रदेश
MP News: मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में वनों को लेकर एक गहरी चिंताजनक स्थिति बनी हुई है तेजी से वनों का सफाया हो रहा है वहीं जिनको जंगल बचाने की जिम्मदारी दी गई है वही जंगल के रक्षक भक्षक बने हुए है और अतिक्रमण कारियों को संरक्षण देकर अपनी जेबें भरने में लगे हुए है जंगल की सुरक्षा से उनका कोई सरोकार नही है यही कारण है कि लाखों रुपये से जंगल में लगाये गए सागौन प्लान्टेशनों का तेजी से सफाया हो रहा है और शासन को लाखों का चूना जिम्मदार अधिकारी कर्मचारी लगा रहे है।
ताजा मामला मध्यप्रदेश वन राज्य निगम की रामपुर भतोड़ी परियोजना में 12 साल से विभिन्न पदों पर पदस्थ डिप्टी रेंजर दुर्गेश मालवीय का सामने आया है जहाँ डिप्टी अंगद की पैर की तरह निगम के मलाईदार परिक्षेत्र में जमे हुए है और निगम को लाखों का चूना प्लांटेशन और मेडिकल के नाम पर सालों से लगा रहे है पर इनके मामलों में कोई जांच न होना अब नवागत संभागीय प्रबन्धक की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहे है आपको बता दें कि रामपुर रेंज की घोघरा बीट के कक्ष क्रमांक 505,506,512,518 और 520 में सैकड़ो सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई हो गई और अतिक्रमण कारियों द्वारा हल की मदद से जुताई का काम धड़ल्ले से किया जा रहा है जबकि यह मामला हमारे द्वारा डीएम के संज्ञान में भी डाला गया था और इसके बाद डीएम खुद मौके पर जाकर स्थिति का मुआयना करके आ गए है पर इस मामले में अब तक कोई कार्यवाही डीएम द्वारा डिप्टी के खिलाफ नही की गई।
सूत्रों के हवाले से जानकारी यह भी मिली है कि 12 साल से पदस्थ डिप्टी का एक छत्र राज रामपुर में चला रहे है इनके द्वारा आज तक भी कोई पीओआर किया ही नही गया न ही कोई कार्यवाही की गई बल्कि संरक्षण देकर अतिक्रमण कारियों से जंगल का सफाया खुद दुर्गेश मालवीय करवा रहे है और अतिक्रमण कारियों को यह भी हिदायत दे रखी है कि तुम मीडिया से बच कर रहो बस तुम पर कोई कार्यवाही नही होगी मीडिया को गांव में आने ही मत दो । आइस मामले में जब निगम की रामपुर भतोड़ी परियोजना मंडल के संभागीय प्रबंधक को उनके मोबाइल पर 2 बार कॉल किया गया तो उनके द्वारा कॉल रिसीव ही नही किया इससे इनकी छवि पर भी एक प्रश्नचिन्ह लग रहा है कि आखिर क्यों संभागीय प्रबंधक मीडिया के सवालों से भाग रहे है ।
अब देखना यह है कि इस नए अतिक्रमण के मामले में जिम्मदारों द्वारा जांच करवाई जाएगी या जैसे 12 साल से अंगद के पैर की तरह जमे डिप्टी को अधिक संरक्षण देकर निगम के जंगलों के सौदा बदस्तूर जारी रहेगा और आरजीएम हर माह की तरह इस माह भी नीलामी में आएंगे तो क्या जंगल मे जांच के लिये जा पाएंगे या फिर वही लीपापोती कर इधर से उधर वाली कार्यवाही में जुट जाएंगे।
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