Ballia News: कला हमारे अंदर मनुष्यता का बोध पैदा करती है- प्रोफेसर संजीत गुप्ता
उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी लखनऊ द्वारा आयोजित चित्रकला कार्यशाला का समापन श्री मुरली मनोहर टाउन इंटर कॉलेज के...

रिपोर्ट- सै0 आसिफ हुसैन जैदी
बलिया। कला हमारे अंदर मनुष्यता का बोध पैदा करती है। कला हमें संवेदनशील बनाती है ।कला हमें सामाजिक सरोकारों से जोड़ती है। उक्त बातें जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजीत गुप्ता ने कला प्रदर्शनी के समापन के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कही। उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी लखनऊ द्वारा आयोजित चित्रकला कार्यशाला का समापन श्री मुरली मनोहर टाउन इंटर कॉलेज के सभागार में हुआ।
डॉ० इफ्तेखार खान के निर्देशन में लगी चित्रकला प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर संजीत गुप्ता ने कहा कि बच्चों के अंदर जो प्रतिभा है उसे तरास कर मंच प्रदान किया जाए तो यह बच्चे राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कला की दुनिया में अपनी पहचान बना सकते हैं। उन्होंने बच्चों से उनकी पेंटिंग के बारे में बातचीत की और उन्हें प्रोत्साहित भी किया। इस अवसर पर प्रोफेसर दयालानन्द राय ने कहा की गर्मी की छुट्टी में लगने वाला यह कार्यशाला बच्चों के हुनर को एक नया पंख प्रदान करता है। बच्चे प्रशिक्षित होकर कला की दुनिया में अपना करियर भी बनाते हैं ।
वरिष्ठ पत्रकार अशोक जी ने कहा कि डॉ. इफ्तेखार खान के निर्देशन में चित्रकला को एक नया मुकाम हासिल हुआ है। श्री मुरली मनोहर टाउन इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. अखिलेश सिंह ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया और कार्यशाला के संयोजक डॉ. इफ्तेखार खान ने कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर श्री मुरली मनोहर टाउन इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य श्री ईश्वर दयाल मिश्र, राघवेंद्र सिंह, शशि प्रेम देव जी , शिवजी पांडे रसराज, अखिलेश श्रीवास्तव, अनिमेष कुमार मिश्रा, लालजी सिंह यादव, आनंद प्रकाश मिश्रा, अश्वनी श्रीवास्तव, अशोक कुमार वर्मा, प्रशिक्षक इरशाद अहमद अंसारी, कैफ़ खान, विनीत मौर्य, अनस इत्यादि उपस्थित रहे l
कार्यक्रम का संचालन रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने किया। अनिष्का,ईशानी, हर्षिता तिवारी, दिव्यांश पाराशर, अर्पित यादव, अर्पिता यादव, शुभम,आद्रिका, करण राज, यशांत, आयुष, हर्षित, अरुनी प्रकाश, कुमारी आर्या,आर्य नंदिनी ओझा,संपदा, आयत गुफरान, प्रीति, ज्योति, नितेश राज, दिव्यांशु, अभिराज, आशीर्वाद, वैष्णवी, सात्विक, वैभवी, अर्शिका,अद्वित आनंद, काव्या सिंह, अनुग्रह नारायण सिंह, माहेनूर, बागीसा, महक, फलक, आफिया, तैयबा,सायमा बिट्टू की पेंटिंग की सराहना हुई l
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