Hardoi News: आंगनबाड़ी भर्ती में बड़ा घोटाला, DM ने 18 लेखपालों को निलंबित किया, जांच में 21 फर्जी प्रमाण पत्रों का पता चला।
DM मंगला प्रसाद सिंह से शिकायत की कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती में अनियमितताएं बरती गई हैं। शिकायत के आधार पर DM ने तत्काल जांच...
By INA News Hardoi.
हरदोई में आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है, जिसके चलते 18 लेखपालों को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई जिला प्रशासन द्वारा की गई जांच के बाद हुई, जिसमें फर्जी आय, जाति और निवास प्रमाण पत्रों के आधार पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति का खुलासा हुआ। इस घोटाले ने स्थानीय प्रशासन और भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।यह मामला तब सामने आया जब कुछ लोगों ने DM मंगला प्रसाद सिंह से शिकायत की कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती में अनियमितताएं बरती गई हैं। शिकायत के आधार पर DM ने तत्काल जांच के आदेश दिए।
जांच में पाया गया कि कई लेखपालों ने मनमानी तरीके से गलत आख्या दी और फर्जी प्रमाण पत्र जारी किए, जिनके आधार पर अयोग्य उम्मीदवारों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्त किया गया। जांच के बाद 18 लेखपालों को निलंबित किया गया है। इन लेखपालों ने आय, जाति और निवास प्रमाण पत्रों पर गलत मुहर लगाकर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। जांच में 21 फर्जी प्रमाण पत्रों का पता चला, जिन्हें तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया।
- तहसील स्तर के अधिकारी भी जांच के दायरे में
लेखपालों के अलावा तहसील स्तर के कुछ अन्य अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है, और उनकी जांच जारी है। यह घोटाला बाल विकास और पुष्टाहार विभाग के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती से संबंधित है। DM मंगला प्रसाद सिंह ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए न केवल लेखपालों को निलंबित किया, बल्कि भर्ती प्रक्रिया में शामिल अन्य अधिकारियों की जवाबदेही भी तय करने के निर्देश दिए। DM ने यह भी सुनिश्चित किया कि भविष्य में ऐसी अनियमितताओं को रोकने के लिए भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाई जाए। इस कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
जहां कुछ लोग DM की त्वरित कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं, वहीं कई लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि इतने बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा कैसे संभव हुआ। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए रोजगार का एक महत्वपूर्ण अवसर है, और इस तरह के घोटाले से योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय होता है। उत्तर प्रदेश में आंगनबाड़ी भर्ती 2025 के तहत 21,547 कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। इस भर्ती के लिए लाखों आवेदन प्राप्त हुए हैं, और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ऑनलाइन और भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। हरदोई में हुए इस घोटाले ने इस प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। प्रशासन ने तहसील स्तर के अधिकारियों और अन्य संलिप्त कर्मचारियों की जांच तेज कर दी है।
जिन उम्मीदवारों की नियुक्ति फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर हुई थी, उनकी नियुक्ति रद्द की जा रही है, और योग्य उम्मीदवारों को मौका देने की प्रक्रिया शुरू होगी। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को और कड़ा करने की योजना है। हरदोई का आंगनबाड़ी भर्ती घोटाला प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का एक गंभीर उदाहरण है। DM मंगला प्रसाद सिंह की त्वरित कार्रवाई ने इस मामले को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन यह घटना भर्ती प्रक्रियाओं में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करती है। योग्य उम्मीदवारों को उनका हक दिलाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सतत निगरानी और पारदर्शी तंत्र की जरूरत है।
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