एल्विश यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका: स्नेक वेनम मामले में याचिका खारिज, ट्रायल कोर्ट में होगी सुनवाई
एल्विश यादव का नाम पहली बार नवंबर 2023 में उस समय सुर्खियों में आया, जब नोएडा के सेक्टर-49 पुलिस स्टेशन में उनके और छह अन्य लोगों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई। यह एफआईआर...
प्रयागराज: मशहूर यूट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी 2 के विजेता एल्विश यादव (Elvish Yadav) को इलाहाबाद हाईकोर्ट से करारा झटका लगा है। कोर्ट ने स्नेक वेनम और रेव पार्टी से जुड़े मामले में उनके खिलाफ दायर चार्जशीट और समन आदेश को रद्द करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव की एकल पीठ ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई की और कहा कि चार्जशीट और FIR में लगाए गए आरोपों की सत्यता की जांच ट्रायल कोर्ट में होगी। इस फैसले के बाद अब एल्विश यादव (Elvish Yadav) को नोएडा की ट्रायल कोर्ट में इस मामले का सामना करना पड़ेगा, जहां उनके खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट के तहत आरोप तय किए गए हैं।
मामले की पृष्ठभूमि
एल्विश यादव (Elvish Yadav) का नाम पहली बार नवंबर 2023 में उस समय सुर्खियों में आया, जब नोएडा के सेक्टर-49 पुलिस स्टेशन में उनके और छह अन्य लोगों के खिलाफ एक FIR दर्ज की गई। यह FIR पशु अधिकार संगठन पीपल फॉर एनिमल्स (PFA) के प्रतिनिधि गौरव गुप्ता की शिकायत पर आधारित थी। गुप्ता ने आरोप लगाया कि एल्विश यादव (Elvish Yadav) ने नोएडा में एक रेव पार्टी आयोजित की थी, जहां सांपों के जहर का उपयोग नशीले पदार्थ के रूप में किया गया। इसके अलावा, उन पर सांपों का दुरुपयोग कर यूट्यूब वीडियो बनाने और विदेशी नागरिकों को ड्रग्स के सेवन के लिए प्रोत्साहित करने का भी आरोप है।
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FIR में एल्विश यादव (Elvish Yadav) के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 9, 39, 48A, 49, 50, और 51, आईपीसी की धारा 284 (जानवरों के संबंध में लापरवाही), 289 (जानवरों के संबंध में लापरवाही), और 120B (आपराधिक साजिश), साथ ही एनडीपीएस एक्ट की धारा 8, 22, 29, 30, और 32 के तहत आरोप लगाए गए हैं। गौतम बुद्ध नगर के प्रथम अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इस मामले में समन आदेश भी जारी किया था।
एल्विश यादव (Elvish Yadav) की याचिका और कोर्ट में दलीलें
एल्विश यादव (Elvish Yadav) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चार्जशीट और समन आदेश को रद्द करने की मांग की थी। उनकी याचिका में निम्नलिखित प्रमुख दलीलें दी गईं:
- अधिकारहीन शिकायतकर्ता: एल्विश के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता नवीन सिन्हा और निपुण सिंह ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत FIR दर्ज करने के लिए अधिकृत नहीं थे, क्योंकि वे अब पशु कल्याण अधिकारी नहीं थे।
- कोई सबूत नहीं: याचिका में दावा किया गया कि एल्विश के पास से कोई सांप, नशीला पदार्थ, या साइकोट्रॉपिक पदार्थ बरामद नहीं हुआ। साथ ही, उनके और अन्य सह-आरोपियों के बीच कोई सीधा संबंध स्थापित नहीं किया गया।
- मीडिया का दबाव: एल्विश ने तर्क दिया कि एक प्रभावशाली सार्वजनिक हस्ती होने के नाते, उनकी गिरफ्तारी के बाद मामले को मीडिया ने बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। इसके दबाव में पुलिस ने जल्दबाजी में एनडीपीएस एक्ट की धारा 27 और 27A को जोड़ा, जो बाद में सबूतों के अभाव में हटा दी गईं।
हालांकि, अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष गोयल ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि पुलिस जांच में पाया गया कि एल्विश यादव (Elvish Yadav) ने उन लोगों को सांप उपलब्ध कराए थे, जिनसे बरामदगी हुई थी। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि चार्जशीट में पर्याप्त सबूत और बयान हैं, जो मामले को ट्रायल के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
कोर्ट का फैसला
जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव ने याचिका पर सुनवाई के बाद इसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में निम्नलिखित बिंदुओं पर जोर दिया:
- ट्रायल में होगी जांच: कोर्ट ने कहा कि FIR और चार्जशीट में एल्विश यादव (Elvish Yadav) के खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जिनकी सत्यता की जांच ट्रायल कोर्ट में होगी। इस स्तर पर याचिका को स्वीकार करना उचित नहीं है।
- FIR पर सवाल नहीं: कोर्ट ने यह भी नोट किया कि एल्विश ने अपनी याचिका में FIR को चुनौती नहीं दी, बल्कि केवल चार्जशीट और समन आदेश को रद्द करने की मांग की। ऐसे में, कोर्ट मौजूदा कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
- कानूनी प्रक्रिया का पालन: कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि मामले में कई FIR और चार्जशीट दर्ज हैं, जिनका पूरा कानूनी परीक्षण ट्रायल के दौरान ही हो सकता है।
इसके साथ ही, कोर्ट ने मामले को नोएडा की ट्रायल कोर्ट में भेज दिया, जहां एल्विश यादव (Elvish Yadav) को अब इन आरोपों का सामना करना होगा।
मामले का इतिहास और अन्य विवाद
एल्विश यादव (Elvish Yadav) का यह पहला कानूनी विवाद नहीं है। इस मामले से पहले भी वह कई बार सुर्खियों में रहे हैं:
- मार्च 2024 में गिरफ्तारी: 17 मार्च 2024 को नोएडा पुलिस ने एल्विश को गिरफ्तार किया था और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। हालांकि, पांच दिन बाद उन्हें स्थानीय कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
- ईडी की जांच: मई 2024 में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने स्नेक वेनम मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की। सितंबर 2024 में, ईडी ने एल्विश और उनके सहयोगी, गायक राहुल यादव उर्फ फाजिलपुरिया की 52.49 लाख रुपये की संपत्तियों को जब्त किया। ईडी का आरोप है कि एल्विश ने सांपों और विदेशी जानवरों का उपयोग करके वीडियो बनाए और इनसे अवैध कमाई की।
- अन्य मामले: जनवरी 2025 में, गाजियाबाद की एक अदालत ने PFA के सदस्यों सौरभ गुप्ता और गौरव गुप्ता को धमकी देने के आरोप में एल्विश के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। गुप्ता बंधुओं ने दावा किया कि एल्विश ने मई 2024 में नोएडा की एक सोसाइटी में जबरन प्रवेश किया और उन्हें धमकाया।
- गुड़गांव मामला: मार्च 2024 में, एल्विश पर एक अन्य यूट्यूबर सागर ठाकुर (मैक्सटर्न) के साथ मारपीट का आरोप लगा। हालांकि, पंजान और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में FIR को रद्द कर दिया, लेकिन एल्विश को हिंसा को बढ़ावा देने से बचने की हिदायत दी।
सोशल मीडिया और जनता की प्रतिक्रिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद सोशल मीडिया, खासकर X पर, इस मामले को लेकर व्यापक चर्चा शुरू हो गई है। कई यूजर्स ने कोर्ट के फैसले का समर्थन किया, जबकि एल्विश के प्रशंसकों ने इसे अन्यायपूर्ण बताया। कुछ प्रमुख X पोस्ट्स में यह प्रतिक्रियाएं देखी गईं:
- @DainikBhaskar ने लिखा, "एल्विश यादव (Elvish Yadav) को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका: ड्रग्स-सांप के जहर के इस्तेमाल का चलेगा केस, चार्जशीट रद्द करने की याचिका खारिज।"
- @AmarUjalaNews ने कहा, "रेव पार्टी में सांपों का प्रदर्शन करने के मामले में दर्ज FIR की चार्जशीट को चुनौती देने वाली याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दी है।"
- @rajgarh_mamta1 ने टिप्पणी की, "यूट्यूबर एल्विश यादव (Elvish Yadav) की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज की।"
हालांकि, एल्विश के कुछ प्रशंसकों ने दावा किया कि यह मामला उनके खिलाफ साजिश का हिस्सा है। एक यूजर ने लिखा, "एल्विश निर्दोष है, यह सब उनकी लोकप्रियता को कम करने की कोशिश है।"
एल्विश यादव (Elvish Yadav) का करियर और मौजूदा स्थिति
एल्विश यादव (Elvish Yadav), जिनका असली नाम सिद्धार्थ यादव है, एक लोकप्रिय यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं। उनकी यूट्यूब पर 1.5 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं, और वह बिग बॉस ओटीटी 2 के विजेता के रूप में भी प्रसिद्ध हुए। वर्तमान में, वह कलर्स टीवी के रियलिटी शो "लाफ्टर शेफ्स - अनलिमिटेड एंटरटेनमेंट 2" में भाग ले रहे हैं, जहां वह अपनी हास्य और खाना पकाने की प्रतिभा दिखा रहे हैं।
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इस कानूनी विवाद के बावजूद, एल्विश ने अपने प्रशंसकों के बीच अपनी लोकप्रियता बनाए रखी है। हालांकि, स्नेक वेनम मामले ने उनकी छवि को प्रभावित किया है, और ट्रायल कोर्ट में आगामी सुनवाई उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण होगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद, अब यह मामला नोएडा की ट्रायल कोर्ट में जाएगा, जहां एल्विश यादव (Elvish Yadav) को अपने खिलाफ लगे आरोपों का जवाब देना होगा। ट्रायल के दौरान, अभियोजन पक्ष को यह साबित करना होगा कि एल्विश ने रेव पार्टी में सांपों के जहर का उपयोग किया और अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल थे। दूसरी ओर, एल्विश की कानूनी टीम उनके निर्दोष होने का दावा कर रही है और ट्रायल में मजबूत बचाव की तैयारी कर रही है।
इसके अलावा, ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच भी एल्विश के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला न केवल एल्विश के लिए, बल्कि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की जिम्मेदारी और कानूनी जवाबदेही पर भी व्यापक बहस छेड़ सकता है।
एल्विश यादव (Elvish Yadav) को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिला यह झटका उनके लिए एक बड़ा कानूनी और व्यक्तिगत संकट है। स्नेक वेनम और रेव पार्टी से जुड़े इस मामले ने न केवल उनकी छवि को प्रभावित किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि प्रभावशाली हस्तियों को भी कानून के दायरे में जवाबदेह होना पड़ता है। अब सभी की नजरें नोएडा की ट्रायल कोर्ट पर टिकी हैं, जहां इस मामले की अगली सुनवाई होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या एल्विश इन आरोपों से बरी हो पाते हैं या यह मामला उनके करियर पर गहरा प्रभाव डालेगा।
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