कर्नल सोफिया कुरैशी (Sofia Qureshi): ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान की पोल खोलने वाली वीरांगना
कर्नल सोफिया कुरैशी (Sofia Qureshi) भारतीय सेना के सिग्नल कोर की एक वरिष्ठ अधिकारी हैं, जिन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता और निडरता के लिए देश-विदेश में ख्याति प्राप्त की है। 1990 में कमीशन प्राप्त करने...
7 मई 2025 को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor)’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए। इस ऑपरेशन ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ता को दर्शाया, बल्कि भारतीय सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल सोफिया कुरैशी (Sofia Qureshi) ने पाकिस्तान के आतंकी ढांचे की पोल खोलकर दुनिया के सामने भारत की ताकत और सच्चाई को प्रस्तुत किया। इस ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल सोफिया कुरैशी (Sofia Qureshi) ने पहली बार भारतीय सेना और वायुसेना का नेतृत्व करते हुए विश्व को ऑपरेशन की जानकारी दी। आइए, जानते हैं कि कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी (Sofia Qureshi) और कैसे उन्होंने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब किया।
कर्नल सोफिया कुरैशी (Sofia Qureshi): एक प्रेरणादायक सैन्य अधिकारी
कर्नल सोफिया कुरैशी (Sofia Qureshi) भारतीय सेना के सिग्नल कोर की एक वरिष्ठ अधिकारी हैं, जिन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता और निडरता के लिए देश-विदेश में ख्याति प्राप्त की है। 1990 में कमीशन प्राप्त करने वाली सोफिया ने तीन दशकों से अधिक समय तक भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दी हैं। उनकी उपलब्धियां और साहसिक योगदान उन्हें भारतीय सेना में महिलाओं के लिए एक रोल मॉडल बनाते हैं।
- ऐतिहासिक उपलब्धियां: 2016 में, सोफिया कुरैशी (Sofia Qureshi) ने उस समय इतिहास रचा जब वह 35 वर्ष की आयु में फोर्स 18, ASEAN प्लस बहुराष्ट्रीय सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास में भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं। इस अभ्यास में 18 देशों ने हिस्सा लिया था, और सोफिया एकमात्र महिला टुकड़ी कमांडर थीं। उन्होंने शांति स्थापना और मानवीय खदान कार्रवाई (Humanitarian Mine Action) जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया, जिसने भारत की सैन्य क्षमता को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया।
- शांति मिशन में योगदान: सोफिया ने 2006 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने शांति स्थापना और प्रशिक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। उनकी यह सेवा उनके सैन्य मूल्यों और अनुशासन के प्रति समर्पण को दर्शाती है।
- पारिवारिक सैन्य विरासत: सोफिया का परिवार सैन्य परंपराओं से गहराई से जुड़ा है। उनके पति मशीनीकृत इन्फैंट्री (Mechanised Infantry) के एक अधिकारी हैं, जो वर्तमान में एक फ्रंटलाइन युद्ध इकाई का नेतृत्व कर रहे हैं। उनके पिता भी सेना में सेवा दे चुके हैं, और उन्होंने भी ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद अपनी बेटी की उपलब्धियों पर गर्व जताते हुए कहा, “मौका मिले तो अब भी मैं पाकिस्तानियों को खत्म कर सकता हूं।”
- विशिष्ट व्यक्तित्व: कर्नल सोफिया को उनकी बेबाकी, पेशेवर रवैये और बिना समझौता किए निर्णय लेने की क्षमता के लिए जाना जाता है। पूर्व सैन्य अधिकारी मेजर जनरल (डॉ.) यश मोर ने उन्हें एक “पेशेवर और उत्कृष्ट अधिकारी” बताते हुए कहा कि वह उनके साथ तब से परिचित हैं, जब वह मेजर थीं।
ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor): प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान की पोल खुली
7 मई 2025 को नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल सोफिया कुरैशी (Sofia Qureshi), विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor)’ की विस्तृत जानकारी दी। इस ऑपरेशन में भारत ने 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके शामिल थे। कर्नल सोफिया ने अपनी ब्रीफिंग में न केवल ऑपरेशन की तकनीकी और रणनीतिक जानकारी दी, बल्कि पाकिस्तान के आतंकी ढांचे और उसके झूठ को बेनकाब किया।
- पाकिस्तान के आतंकी ढांचे का खुलासा: सोफिया ने बताया कि पिछले तीन दशकों से पाकिस्तान आतंकी बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दे रहा है, जिसमें भर्ती केंद्र, प्रशिक्षण शिविर और लॉन्च पैड शामिल हैं। ये ठिकाने पाकिस्तान और PoK में फैले हुए हैं और भारत के खिलाफ हमलों की साजिश रचते हैं। उन्होंने विशेष रूप से मुरीदके का जिक्र किया, जहां 2008 के मुंबई हमले के आतंकी अजमल कसाब और डेविड हेडली को प्रशिक्षित किया गया था।
- सटीक और गैर-उकसावे वाली कार्रवाई: कर्नल सोफिया ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) में किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया और अब तक किसी नागरिक हताहत की खबर नहीं है। यह भारत की “सटीक, संयमित और गैर-उकसावे वाली” नीति को दर्शाता है। उन्होंने हमलों के वीडियो फुटेज और नक्शे प्रस्तुत किए, जो आतंकी ठिकानों पर सटीक प्रहार को दर्शाते हैं।
- पहलगाम हमले का जवाब: सोफिया ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ित मासूम नागरिकों और उनके परिवारों को न्याय दिलाने के लिए लॉन्च किया गया।” उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल 2025 को हुए इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे, और आतंकियों ने जानबूझकर परिवारों के सामने हत्याएं कीं ताकि अधिक से अधिक दहशत फैलाई जा सके।
- पाकिस्तान की जवाबदेही पर सवाल: विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ मिलकर सोफिया ने पाकिस्तान के आतंकवाद को संरक्षण देने की नीति पर सवाल उठाए। मिस्री ने खुलासा किया कि पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) का सीधा संबंध लश्कर-ए-तैयबा से है, और पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में TRF का उल्लेख हटाने की कोशिश की थी। यह पाकिस्तान के आतंकियों को बचाने की मंशा को दर्शाता है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस का ऐतिहासिक महत्व
यह पहली बार था जब भारतीय सेना और वायुसेना की दो महिला अधिकारियों ने किसी बड़े सैन्य ऑपरेशन की प्रेस कॉन्फ्रेंस का नेतृत्व किया। कर्नल सोफिया कुरैशी (Sofia Qureshi) और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की उपस्थिति ने न केवल भारत की सैन्य ताकत, बल्कि लैंगिक समानता और महिलाओं की बढ़ती भूमिका को भी प्रदर्शित किया।
- प्रतीकात्मक संदेश: ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) का नाम पहलगाम हमले में विधवा हुई महिलाओं के सम्मान में रखा गया था। दो महिला अधिकारियों का प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेतृत्व करना इस बात का प्रतीक था कि भारत की महिलाएं न केवल पीड़ित हैं, बल्कि देश की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा में भी अग्रणी हैं।
- सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया: कर्नल सोफिया की ब्रीफिंग ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया। एक यूजर ने लिखा, “नाम याद रखना पाकिस्तानियों — सोफिया कुरैशी (Sofia Qureshi)!” दूसरों ने उनकी बेबाकी और पेशेवर अंदाज की तारीफ की, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के आतंकी ढांचे को बेनकाब किया।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और झूठ का पर्दाफाश
ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद पाकिस्तान ने भारत पर “नागरिक क्षेत्रों” को निशाना बनाने का आरोप लगाया, लेकिन कर्नल सोफिया की ब्रीफिंग ने इन दावों की हवा निकाल दी। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने भी खुलासा किया कि पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर “झूठी खबरें और मनगढ़ंत कहानियां” फैलाने की कोशिश की, जैसे कि “चमत्कारी सैन्य जीत” का दावा।
- पाकिस्तान का भ्रमजाल: पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने दावा किया कि भारत के हमलों में “8 लोग मारे गए,” लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं दिया। कर्नल सोफिया ने वीडियो और नक्शों के साथ साबित किया कि भारत ने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
- आतंकी हताहत: सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन में 70 से अधिक आतंकी मारे गए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के 10 परिवारजन और 4 सहयोगी शामिल थे। यह पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका था।
कर्नल सोफिया का संदेश: भारत की ताकत और संयम
कर्नल सोफिया ने अपनी ब्रीफिंग में भारत की नीति को स्पष्ट करते हुए कहा, “हमने संयम बरता, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम कमजोर हैं। अगर पाकिस्तान ने कोई उकसावे की कार्रवाई की, तो भारतीय सेना जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।” उनकी यह बात न केवल पाकिस्तान, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी थी कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में पीछे नहीं हटेगा।
What's Your Reaction?