Deoband News: सरकार की आलोचना करना देश का विरोध करना नहीं है- मदनी
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष व पूर्व राज्यसभा सांसद मौलाना महमूद मदनी ने अशोका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी पर...

देवबंद। जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष व पूर्व राज्यसभा सांसद मौलाना महमूद मदनी ने अशोका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त की और इसे सांविधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताया। कहा कि सरकार की आलोचना करना देश का विरोध करना नहीं है।
मौलाना महमूद मदनी ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि प्रोफेसर अली खान का बयान जोकि मेरे भी संज्ञान में है, देशद्रोह या अपमान के रुप में पेश करना समझ से परे है। जहां तक आलोचना या असहमति का सवाल है इसकी अनुमति है, भले ही इसका सरकार से ही लेना देना क्यों न हो। यह एक स्थापित तथ्य है कि सरकार या देश के किसी वर्ग या संगठन से असहमति, देश का विरोध करने के समान नहीं है। मौलाना मदनी ने सरकार और प्रशासन के दोहरे मापदंड का भी जिक्र करते हुए कहा कि एक तरफ मध्यप्रदेश सरकार के एक मंत्री कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन कहते हैं जिसके लिए अदालत उन्हें फटकार लगाती है लेकिन सरकार या पार्टी ने अभी तक कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की।
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जबकि उनका बयान देश की एकता का अपमान है। हालांकि प्रोफेसर अली को तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाता है। यह दृष्टिकोण न्याय प्रदान करने वाली संस्थाओं के प्रति लोगों में अविश्वास को बढ़ावा देता है। मौलाना महमूद ने भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने और प्रोफेसर अली खान की बिना शर्त रिहाई के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाए जाने की मांग की है। बता दें, कि प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में भारतीय सेना की महिला अधिकारियों का अपमान किया और सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा दिया।
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