Deoband : फर्जी ऑर्थो सर्जन बनकर मरीजों को ठगने वाला डॉक्टर उमर फारूख अली फंसा, कोर्ट ने पुलिस को मुकदमा दर्ज करने का दिया आदेश
ऑपरेशन के दो दिन बाद घाव से लगातार खून बहने लगा। डॉ. उमर ने मरीज को दोबारा ऑपरेशन थिएटर ले जाकर कई घंटे तक सर्जरी की, लेकिन खून नहीं रुका। परिजनों
देवबंद (सहारनपुर)। खुद को एम.एस. ऑर्थो सर्जन बताकर लोगों की जान से खिलवाड़ करने के आरोप में किसान हॉस्पिटल (मजनू वाला रोड) के डॉ. उमर फारूख अली के खिलाफ एसीजेएम कोर्ट ने मुकदमा दर्ज कर जांच के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय निवासी अमरेज ने कोर्ट में दाखिल परिवाद में बताया कि 27 दिसंबर 2024 को उनके पिता मेहंदी हसन का रिक्शा से एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उनकी कूल्हे की हड्डी टूट गई। इलाज के लिए उन्हें किसान हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। वहां डॉ. उमर फारूख अली ने खुद को हड्डी रोग विशेषज्ञ बताते हुए ऑपरेशन का जिम्मा लिया और कहा कि सर्जरी डॉ. सुशील करेंगे। कुल 1 लाख 80 हजार रुपये खर्च बताया गया।
ऑपरेशन के दो दिन बाद घाव से लगातार खून बहने लगा। डॉ. उमर ने मरीज को दोबारा ऑपरेशन थिएटर ले जाकर कई घंटे तक सर्जरी की, लेकिन खून नहीं रुका। परिजनों का आरोप है कि इस दौरान डॉ. उमर ने गलती से पैर की प्रमुख नसें काट दीं। हालत बिगड़ने पर मरीज को पहले मुजफ्फरनगर डॉ. सुशील चौधरी के पास और फिर बेगराजपुर मेडिकल कॉलेज ले जाना पड़ा, जहां दोबारा कूल्हा बदलने का ऑपरेशन हुआ, लेकिन मरीज को पूरी राहत नहीं मिली।
कोतवाली पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद अमरेज ने एसीजेएम परविंदर सिंह की अदालत में परिवाद दायर किया। अदालत ने सबसे पहले सीएमओ सहारनपुर से जांच कराई। महीनों टालमटोल के बाद सीएमओ ने तीन वरिष्ठ डॉक्टरों की कमेटी बनाई, लेकिन कमेटी ने भी स्पष्ट जवाब देने की बजाय कहा कि मरीज का कई जगहों पर इलाज हुआ और नस कटने का कारण साफ नहीं है। जांच में सामने आया कि असल ऑपरेशन किसी डॉ. जुबैर खान ने किया था, जबकि डॉ. उमर ने कोर्ट में सिर्फ बीयूएमएस की डिग्री पेश की।
सभी पक्षों को सुनने और हॉस्पिटल के बोर्ड पर लगी गलत डिग्री देखने के बाद एसीजेएम परविंदर सिंह ने डॉ. उमर फारूख अली की योग्यता पर गंभीर सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि यह जांच का विषय है कि मरीज का ऑपरेशन किसी योग्य विशेषज्ञ ने किया या नहीं। अदालत ने डॉ. उमर के खिलाफ फर्जी डिग्री दिखाकर लोगों को ठगने और लापरवाही बरतने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच के आदेश दिए हैं।
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