रो मत ख़ुश हो जा मेरी वजह से तू चर्चा में है वरना अब कोई भाव नहीं देता तुझे, डॉ. रोहिणी घावरी ने फेसबुक पोस्ट कर चंद्रशेखर की ली चुटकी
डॉ. रोहिणी घावरी इंदौर की रहने वाली हैं। वे जनपावर वेलफेयर फाउंडेशन की संस्थापक हैं और आर एंड एम जेनेवा नेशंस इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर। स्विट्जरलैंड से पीएच
सोशल मीडिया पर एक बार फिर डॉ. रोहिणी घावरी और सांसद चंद्रशेखर आजाद के बीच विवाद ने जोर पकड़ लिया है। स्विट्जरलैंड में रहने वाली डॉ. घावरी ने 26 नवंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली चंद्रशेखर आजाद की संविधान रैली में शामिल होने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद से चंद्रशेखर आजाद को मीडिया कवरेज मिलने लगा है, जो पहले कम था। डॉ. घावरी ने खुद एक पोस्ट में लिखा कि उनकी इस घोषणा के बाद ही खबरें बनने लगीं, वरना मीडिया ने चंद्रशेखर को पूरी तरह नजरअंदाज कर रखा था। उन्होंने चंद्रशेखर को टैग करते हुए कहा, रो मत खुश हो जा, मेरी वजह से तू चर्चा में है, वरना अब कोई भाव नहीं देता तुझे। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और लोगों के बीच बहस छिड़ गई।
डॉ. रोहिणी घावरी इंदौर की रहने वाली हैं। वे जनपावर वेलफेयर फाउंडेशन की संस्थापक हैं और आर एंड एम जेनेवा नेशंस इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर। स्विट्जरलैंड से पीएचडी करने वाली रोहिणी संयुक्त राष्ट्र में प्रतिनिधि के रूप में भी काम कर चुकी हैं। शिक्षा और समानता के क्षेत्र में उनका काम जाना जाता है। दूसरी ओर, चंद्रशेखर आजाद भीम आर्मी के संस्थापक हैं और आजाद समाज पार्टी के प्रमुख। वे उत्तर प्रदेश के नगीना से लोकसभा सांसद हैं। दलित और बहुजन समाज के मुद्दों पर उनकी सक्रियता के कारण वे चर्चित हैं। लेकिन पिछले कुछ महीनों से दोनों के बीच व्यक्तिगत और राजनीतिक आरोपों का दौर चल रहा है।
यह विवाद सितंबर 2025 में शुरू हुआ था। डॉ. घावरी ने चंद्रशेखर पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर ने शादी का झांसा देकर उनका शोषण किया। रोहिणी ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो और ऑडियो क्लिप शेयर कीं, जिनमें चंद्रशेखर की कथित आवाज सुनाई देती है। एक क्लिप में चंद्रशेखर रोते हुए रात तीन बजे बात करते दिखे। रोहिणी ने दावा किया कि चंद्रशेखर ने उनके परिवार को धमकी दी और जेल भेजने की कोशिश की। उन्होंने पुलिस से शिकायत की मांग की। चंद्रशेखर ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि यह राजनीतिक साजिश है। उनके समर्थकों ने रोहिणी को बदनाम करने का आरोप लगाया।
अक्टूबर 2025 में विवाद और गहरा गया। रोहिणी ने एक ऑडियो जारी किया, जिसमें चंद्रशेखर कथित रूप से बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती और कांशीराम पर अपमानजनक टिप्पणियां करते सुनाई देते हैं। ऑडियो में चंद्रशेखर कहते हैं कि मायावती कांशीराम को ब्लैकमेल करती थीं और धमकी देती थीं कि अगर मुख्यमंत्री न बनाया तो रेप का आरोप लगा देंगी। रोहिणी ने कहा कि यह बहुजन आंदोलन को कमजोर करने की साजिश है। उन्होंने चंद्रशेखर पर आरोप लगाया कि वे अमेरिका के सोनू अंबेडकर की किताब को फैला रहे हैं, जो कांशीराम की हत्या का दावा करती है। रोहिणी ने लाइव सेशन में कहा कि अगर ऑडियो फर्जी साबित हो गया तो वे एक करोड़ रुपये देंगी। चंद्रशेखर के समर्थकों ने इसे एआई जनरेटेड बताया, लेकिन रोहिणी ने चुनौती दी कि जांच कराएं।
इस बीच, रोहिणी ने चंद्रशेखर की राजनीति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर बहुजन समाज को बांटने का काम कर रहे हैं। एक पोस्ट में रोहिणी ने लिखा कि चंद्रशेखर ने अपने मुकदमों के लिए ब्राह्मण वकीलों को चुना, जबकि खुद मनुवाद के खिलाफ बोलते हैं। उन्होंने पूछा कि दलित या जाटव वकील क्यों नहीं? रोहिणी ने चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी पर भी तंज कसा कि इससे सिर्फ चंद्रशेखर को फायदा हुआ, जैसे टाइप-8 बंगला और सुरक्षा, लेकिन समाज को कुछ नहीं मिला। रोहिणी ने मायावती की रैली की तारीफ की और कहा कि चंद्रशेखर की राजनीति अब खत्म हो गई।
नवंबर 2025 में रोहिणी ने चंद्रशेखर की संविधान रैली में शामिल होने की घोषणा की। 22 नवंबर को उन्होंने पोस्ट किया, 26 नवंबर को चंद्रशेखर की रैली में पहुंच रही हूं। मंच पर संविधान की शपथ लूंगी और इसे जेल भेजूंगी। उन्होंने कहा कि मंच चंद्रशेखर का, लोग उनके, लेकिन शपथ रोहिणी की। अगर किसी ने हाथ लगाया तो पूरा देश महिला सम्मान का मुद्दा देखेगा। 23 नवंबर को वीडियो पोस्ट किया, जिसमें कहा कि सपना था एक मंच पर होने का, अब पूरा करूंगी। हिम्मत है तो रोक लो। 24 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस पर तंज कसा कि यूट्यूबर्स के सामने प्रेस कॉन्फ्रेंस, नेशनल मीडिया नहीं दिखा रहा। लेकिन मेरे ट्वीट पर मीडिया चला देता है। यह ताकत ईमानदार लड़की की है। मिलते हैं 26 को।
इस घोषणा के बाद मीडिया में चंद्रशेखर की रैली को कवरेज मिला। पहले रैली की खबरें कम थीं, लेकिन अब पट्रिका, अमर उजाला और एनबीटी जैसे अखबारों में सुर्खियां बनीं। एक रिपोर्ट में कहा गया कि रोहिणी की चुनौती से बवाल तय है। चंद्रशेखर के समर्थक रोहिणी को ट्रोल कर रहे हैं। कुछ कह रहे हैं कि यह स्टंट है, कुछ ने सुरक्षा की मांग की। चंद्रशेखर ने अभी चुप्पी साध रखी है। उनके करीबी कहते हैं कि यह पुरानी दुश्मनी है, रैली पर असर नहीं पड़ेगा। रोहिणी के समर्थक उन्हें बहादुर बता रहे हैं। महिलाओं के अधिकारों पर बहस छिड़ी है।
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