Special Article: योगी सरकार के आठ साल- उत्तर प्रदेश की आर्थिक प्रगति, सुशासन और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का स्वर्णिम अध्याय
2017 में सत्ता संभालने के बाद से योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए। आज उत्तर प्रदेश...
लेखक : डॉ कौशलेंद्र विक्रम सिंह
Special Article: उत्तर प्रदेश, जो कभी अव्यवस्था, अपराध और विकास की चुनौतियों से जूझ रहा था, आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नए युग की ओर बढ़ रहा है। बीते आठ वर्षों में राज्य ने न केवल आर्थिक मोर्चे पर शानदार प्रगति की है, बल्कि कानून-व्यवस्था, बुनियादी ढांचे और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के क्षेत्र में भी कई ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल की हैं।
2017 में सत्ता संभालने के बाद से योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए। आज उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का आकार ₹32 लाख करोड़ के पार पहुँच चुका है।उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को 2027-28 तक 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार ने विस्तृत रोडमैप तैयार किया है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में विकास दर को बढ़ाना शामिल है। राज्य सरकार ने निवेश को आकर्षित करने के लिए "ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी" और "ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट" जैसी पहलें कीं, जिनके फलस्वरूप ₹40 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिसमें 15 लाख करोड़ का निवेश पहले ही चुका है।
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आने से पहले संगठित अपराध, माफिया राज और असुरक्षा की स्थिति बनी हुई थी। सरकार ने "ज़ीरो टॉलरेंस" की नीति अपनाई और 1.54 लाख से अधिक पुलिस विभाग में नौजवानों की भर्ती कर सुरक्षा तंत्र को मजबूत किया। माफियाओं पर कार्यवाही के तहत 2,500 से अधिक अपराधियों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोज़र चलाया गया। मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं के लिए विशेष सुरक्षा उपाय किए गए, जिससे महिला अपराधों में 50% तक की कमी आई। आज उत्तर प्रदेश देश के सबसे सुरक्षित राज्यों में गिना जाता है, जहाँ निवेशक और आम नागरिक निर्भीक होकर रहते हैं।
योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को "एक्सप्रेसवे प्रदेश" बना दिया है। गंगा एक्सप्रेसवे (594 किमी), पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (340 किमी) और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (296 किमी) जैसे हाईवे बनाए गए। उत्तर प्रदेश में 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और कुल 10 एयरपोर्ट क्रियाशील हो चुके हैं। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम जैसी परियोजनाएँ राज्य को नई गति दे रही हैं। इसी तरह मेट्रो का विस्तार भी किया जा रहा है।
बिजली, पेयजल और स्मार्ट सिटी योजनाओं में भी सरकार ने उल्लेखनीय प्रगति की है। 2017 में योगी सरकार आने के बाद उत्तर प्रदेश में बिजली आपूर्ति और बुनियादी ढांचे में कई महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं। 2017 से पहले के मुकाबले अब ग्रामीण क्षेत्रों में 18-20 घंटे और शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तक बिजली आपूर्ति की जा रही है। बिजली उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई जिससे आपूर्ति बेहतर हुई।
2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार के सत्ता में आने के बाद, उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास हुए हैं। विशेष रूप से, नए मेडिकल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की स्थापना पर जोर दिया गया है। योगी सरकार ने "एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज" के लक्ष्य के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए हैं, जिससे एमबीबीएस सीटों की संख्या में वृद्धि हुई है। राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसी तरह प्रत्येक मंडल में विश्वविद्यालय खोला जा रहा है।
योगी सरकार के कार्यकाल में अयोध्या, काशी और मथुरा को केंद्र में रखकर धार्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण को विशेष प्राथमिकता दी गई। अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य तेज़ी से पूरा हुआ, जिससे राज्य का आध्यात्मिक और पर्यटन महत्व बढ़ा। वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के पुनर्विकास से श्रद्धालुओं को एक भव्य और दिव्य अनुभव प्राप्त हो रहा है। ब्रज क्षेत्र को भक्ति और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में पुनः विकसित किया गया है। अयोध्या में दीपोत्सव और प्रयागराज में कुम्भ मेले का ऐतिहासिक आयोजन किया गया, जिससे उत्तर प्रदेश को वैश्विक पहचान मिली। सरकार ने 2017 से अब तक 1 लाख से अधिक मंदिरों का जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण किया, जिससे राज्य की सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित किया जा सका।
योगी सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के लिए स्टार्टअप इंडिया, ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट) और स्वरोज़गार योजनाओं को बढ़ावा दिया। प्रदेश में 10 लाख से अधिक सरकारी नौकरियाँ दी गईं। यूपी देश का स्टार्टअप हब बन गया, जहाँ 12,000 से अधिक स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं।
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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाएँ सभी नागरिकों को उनके धर्म, जाति या पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना लाभान्वित करने के लिए बनाई गई हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को समान अवसर और सुविधाएँ प्रदान करना है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से समाज में सर्वधर्म-समभाव और सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिला है। इसके तहत विभिन्न समुदायों और धर्मों के रीति-रिवाजों के अनुसार सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कन्या सुमंगला योजना के तहत उत्तर प्रदेश की निवासी सभी धर्मों के परिवारों की दो बालिकाओं तक को लाभ मिलता है। राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के मुखिया की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को बिना किसी धार्मिक भेदभाव के आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। उत्तर प्रदेश में जीरो पॉवर्टी उत्तर प्रदेश अभियान चलाया गया है। इसका उद्देश्य प्रदेश में गरीबी उन्मूलन करना है। इसके तहत, सभी धर्मों के गरीब परिवारों की पहचान कर उन्हें विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाता है, जिससे उनकी आय बढ़ाई जा सके।
इन योजनाओं के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियाँ और कार्यक्रम सभी नागरिकों को समान रूप से लाभान्वित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जिससे समाज में समावेशिता और समानता को बढ़ावा मिलता है। बीते आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मोर्चे पर एक नई पहचान बनाई है। योगी सरकार की सख्त कानून-व्यवस्था, मज़बूत बुनियादी ढांचा, निवेश में बढ़ोतरी और सांस्कृतिक पुनर्जागरण ने राज्य को विकास के पथ पर अग्रसर किया है।
आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश भारत के सर्वश्रेष्ठ राज्यों में शामिल होगा, और यह यात्रा योगी सरकार के सुशासन की एक मिसाल बनेगी।
(लेखक : डॉ कौशलेंद्र विक्रम सिंह शिक्षाविद् हैं और वर्तमान में राजकीय महाविद्यालय पिहानी हरदोई में तैनात हैं।)
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