Madhya Pradesh News: विदेशी मेहमानों ने चखा बैतूल का गुड़- साऊथ एशियन पीस कान्फे्रंस एवं इटरनेशनल यूथ कल्चरल फेस्टीवल में विदेशों से आए मेहमान।
मध्यप्रदेश के लोकनृत्यों की दी प्रस्तुति, तीन दिवसीय इंटरनेशल कार्यक्रम का गौरी पदम ने किया सफल संचालन...
रिपोर्ट- शशांक सोनकपुरिया, बैतूल मध्यप्रदेश
Madhya Pradesh News बैतूल। देश की अंतराष्ट्रीय सरहदों पर तैनात जवानों के साथ रक्षा बंधन का पर्व मनाने प्रारंभ किए राष्ट्र रक्षा मिशन की हाल ही में रजत जयंती मनाने वाली संस्था बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति के 15 सदस्यीय दल ने आंध्रप्रदेश की फिल्म सिटी करनूल में आयोजित साऊथ एशियन पीस कान्फे्रंस एवं इटरनेशनल यूथ कल्चरल फेस्टीवल में 10 से 12 जनवरी 2025 तक अपनी सहभागिता दर्ज कराई। संस्था अध्यक्ष गौरी बालापुरे पदम के नेतृत्व में करनूल पहुंंचे दल ने प्रत्येक दिन बैतूल एवं मध्यप्रदेश के लोक जीवन पर आधारित लोकनृत्य की आकर्षक प्रस्तुति इस इंटरनेशनल मंच पर दी।
नृत्य ज्योति फाईन आर्ट डेव्ल्पमेंट एसोसिएशन करनूल के एवं टी जी वैंकटेश फाईन आर्टस एकेडमी करनूल के संयुक्त बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में 22 प्रदेश एवं साऊथ एशिया के चार देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैतूल से शामिल हुए दल में ईश्वर सोनी, प्रीति सोनी, प्रचिति कमाविसदार, रेणुका उपासनी (छिंदवाड़ा)प्रज्ञा झगेकर, प्रियंका पंडोले, उषा अतुलकर, छाया प्रजापति, नीरज पंडोले, रविन्द्र सहित अन्य शामिल थे। पूर्व में भी यह दल आयोजक डॉ केवी भार्गव के निमंत्रण पर वर्ष 2023 मेें करनूल पहुंचा था। इस कार्यक्रम में साऊथ एशिया फेटरनिटी एवं लोक सेवक मंडल नई दिल्ली से दीपक कुमार मालवीय एवं नेशनल यूथ प्रोजेक्ट से धर्मेन्द्र कुमार सहित विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी नेतृत्व शामिल हुआ।
- अफगानिस्तान, नेपाल और भूटान के मेहमानों ने भी चखा बैतूल का गुड़
साऊथ एशियन पीस कान्फे्रंस एवं इटरनेशनल यूथ कल्चरल फेस्टीवल में भारत के 22 प्रांतों के अलावा अफगानिस्तान, नेपाल एवं भूटान के प्रतिनिधि भी पहुंचे थे। इसे अलवा साऊथ एशिया यूनिवर्सिटी से भी विभिन्न देशों के डेलीगेट्स ने फेस्टीवल में भाग लिया। कार्यक्रम में विभिन्न प्रांतों के लोग अपने-अपने प्रदेश की संस्कृति से जुड़े उपहार लेकर पहुंचे थे। बैतूल की टीम भी इस आयोजन में पूरे देश में प्रसिद्ध जिले का जैविक गुड़ लेकर पहुंची। समिति से जुड़े प्रदीप निर्मले एवं उनके पिता उन्नत कृषक श्याम निर्मले द्वारा गुड़ को चॉकलेट के सांचे में ढालकर भेंट किया। यह गुड़ कार्यक्रम में आए देश एवं विदेश के मेहमानों ने बड़ी ही आत्मीयता चखा और तारीफ भी की।
- कार्यक्रम के संचालन की बखूबी निभाई जिम्मेदारी
बैतूल का दल जब करनूल पहुंचा तो प्रतिभागी के रुप में था लेकिन इस दल को जिस तरह से आयोजकों ने जिम्मेदारी दी वह चौकाने वाली थी। जहां समिति अध्यक्ष गौरी पदम को इस इंटरनेशल कार्यक्रम के मंचीय संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई वहीं दल के अन्य सदस्यों को भी अन्य जिम्मेदारियां दी गई। श्रीमती पदम ने बताया कि अलग-अलग प्रांतों एवं देशों से अलग-अलग संस्कृति एवं भाषा से जुड़े लोगों तक आयोजकों की मंशा और उद्देश्य को पहुंचाना उनके लिए चुनौती तो था लेकिन उन्होंने इसे पूरी संजीदगी से निभाया। तीनों दिन सुबह-शाम आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रमों का संचालन कर उन्होंने अलग-अलग भाषा, प्रांत एवं देश के प्रतिनिधियों को जोडऩे का पूरा सफल प्रयास किया जिसकी सभी ने सराहना की।
- लोकनृत्य और वैचारिक सभा में सहभागिता
अलग-अलग दिन आयोजित कार्यक्रमों में जहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति के दल ने भाग लिया वहीं वैचारिक सत्र में भी अपनी सहभागिता दर्ज कराई। संस्था के सह सचिव ईश्वर सोनी एवं सदस्य रेणुका उपासनी ने डॉ एसएन सुब्बाराव एवं स्वामी विवेकानंद के विचारों पर आधारित वक्तव्य दिया। समिति के दल ने जिले के गोंड जनजाति की वेशभूषा में विभिन्न लोकनृत्य प्रस्तुत किए।
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