Hardoi : मिशन शक्ति 5.0- जिले भर में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा, सम्मान तथा स्वावलंबन को मजबूती देने पर जोर, हेल्पलाइन नंबर्स की दी जा रही जानकारी
मिशन शक्ति 2020 में शुरू हुआ था। यह उत्तर प्रदेश सरकार की एक बड़ी योजना है, जो महिलाओं के सशक्तिकरण पर केंद्रित है। पहले चार चरणों में लाखों महिलाओं को जा
उत्तर प्रदेश में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा, सम्मान तथा स्वावलंबन को मजबूत बनाने के लिए मिशन शक्ति का पांचवां चरण शुरू हो गया है। यह अभियान शारदीय नवरात्रि के समय से चला है, जो एक महीने तक जारी रहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 सितंबर 2025 को लखनऊ के लोक भवन में इसका शुभारंभ किया।
इस दौरान प्रदेश के सभी 1647 थानों में मिशन शक्ति केंद्र खोले गए। ये केंद्र महिलाओं को तुरंत मदद देंगे और उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ेंगे। अभियान का मुख्य लक्ष्य है कि हर महिला और लड़की सुरक्षित महसूस करे, अपना सम्मान बनाए रखे और आर्थिक रूप से मजबूत बने।
मिशन शक्ति 2020 में शुरू हुआ था। यह उत्तर प्रदेश सरकार की एक बड़ी योजना है, जो महिलाओं के सशक्तिकरण पर केंद्रित है। पहले चार चरणों में लाखों महिलाओं को जागरूक किया गया। अब पांचवें चरण में फोकस त्योहारों के दौरान सुरक्षा पर है। नवरात्रि और दुर्गा पूजा में भीड़भाड़ वाली जगहों पर पिंक बूथ लगाए जाएंगे। ये बूथ महिलाओं के लिए विशेष सहायता केंद्र होंगे। साथ ही, एंटी रोमियो टीम को सक्रिय किया गया है। यह टीम सार्वजनिक स्थानों पर नजर रखेगी और गलत व्यवहार करने वालों पर कार्रवाई करेगी। अभियान के तहत स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। महिलाओं को आत्मरक्षा के तरीके सिखाए जा रहे हैं। हेल्पलाइन नंबर जैसे 1090, 181 और 112 को प्रचारित किया जा रहा है।
इस अभियान की सफलता के लिए पुलिस विभाग ने बड़े स्तर पर तैयारी की है। डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि 21 सितंबर को में बाइक रैलियां निकाली गईं। इनमें 18 हजार महिला पुलिसकर्मी शामिल हुईं। रैलियों में नारी सुरक्षा का संदेश दिया गया। सोशल मीडिया पर #MissionShakti5 का इस्तेमाल कर लाखों लोगों तक पहुंच बनाई गई। ग्रामीण इलाकों में चौपाल लगाकर महिलाओं को योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। उदाहरण के लिए, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत लड़कियों को जन्म से ही आर्थिक मदद मिलती है। यह योजना कन्या भ्रूण हत्या रोकने में मददगार साबित हुई है।
अब विभिन्न थाना क्षेत्रों में चल रही गतिविधियों पर नजर डालें। कोतवाली शहर क्षेत्र में आर्य कन्या महाविद्यालय में एक विशेष जागरूकता सत्र आयोजित किया गया। यहां अध्यापिकाओं और छात्राओं को मिशन शक्ति केंद्रों के बारे में बताया गया। क्षेत्राधिकारी नगर ने कार्यक्रम का संचालन किया। मिशन शक्ति टीम और एंटी रोमियो टीम प्रभारी ने महिलाओं के अधिकारों पर चर्चा की। सभी महिला आरक्षक मौजूद रहीं। छात्राओं को बताया गया कि अगर कोई परेशानी हो तो तुरंत 1090 पर कॉल करें। इस सत्र में 200 से ज्यादा छात्राएं शामिल हुईं। उन्होंने आत्मरक्षा के बुनियादी कदम सीखे। कार्यक्रम के बाद महिलाओं ने संकल्प लिया कि वे एक-दूसरे की मदद करेंगी।
थाना बघौली क्षेत्र में स्कूल की छात्राओं ने महिला पुलिसकर्मियों के साथ एक भव्य रैली निकाली। यह रैली नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के संदेश को लेकर थी। रैली स्थानीय बाजार से गुजरी, जहां सैकड़ों लोगों ने तालियां बजाकर स्वागत किया। छात्राओं ने बैनर और नारे लगाए। महिला अधिकारी ने कहा कि यह अभियान समाज को एकजुट करेगा। रैली के दौरान पम्फलेट बांटे गए, जिनमें हेल्पलाइन नंबर और सरकारी योजनाएं लिखी थीं। स्थानीय लोगों ने बताया कि इससे महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है। बघौली क्षेत्र में पहले भी ऐसे कार्यक्रम हुए हैं, लेकिन इस बार नवरात्रि के समय इसे जोड़ा गया।
इसी तरह, थाना संडीला क्षेत्र में स्कूल की छात्राओं और महिला पुलिसकर्मियों ने एक और रैली का आयोजन किया। यह रैली भी नारी सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए थी। छात्राओं ने हाथों में तख्तियां थामीं, जिन पर लिखा था 'नारी शक्ति ही राष्ट्र शक्ति'। रैली थाना परिसर से शुरू होकर मुख्य सड़क तक पहुंची। अधिकारी ने छात्राओं को बताया कि स्वावलंबन का मतलब है खुद पर भरोसा करना। संडीला में स्कूलों में नियमित कक्षाएं चल रही हैं, जहां साइबर सुरक्षा पर भी चर्चा होती है। महिलाओं को मोबाइल ऐप्स के इस्तेमाल से सावधान रहने की सलाह दी गई। इस रैली में 150 से ज्यादा लोग शामिल हुए।
थाना टड़ियावां क्षेत्र में गौतम बुध पब्लिक स्कूल की छात्राओं ने महिला पुलिसकर्मियों के साथ रैली निकाली। यह रैली नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन पर केंद्रित थी। क्षेत्राधिकारी हरियावां ने सभी को संबोधित किया। उन्होंने मिशन शक्ति अभियान की पूरी जानकारी दी। छात्राओं को बताया गया कि थाने में मिशन शक्ति केंद्र कैसे काम करता है। रैली स्कूल से शुरू होकर गांव के चौराहे तक गई। रास्ते में लोगों को संदेश दिया गया। क्षेत्राधिकारी ने कहा कि त्योहारों में विशेष सतर्कता बरती जाएगी। छात्राओं ने आत्मरक्षा के प्रशिक्षण में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम से स्थानीय महिलाओं में उत्साह दिखा।
थाना कछौना क्षेत्र में क्षेत्राधिकारी बघौली ने छात्राओं को नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के बारे में जागरूक किया। यह कार्यक्रम स्कूल में हुआ, जहां 100 से ज्यादा छात्राएं मौजूद रहीं। क्षेत्राधिकारी ने सरल शब्दों में समझाया कि महिलाओं को अपने अधिकारों का पता होना चाहिए। उन्होंने हेल्पलाइन नंबरों की सूची दी। छात्राओं को प्रोत्साहित किया कि वे पढ़ाई के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनें। कार्यक्रम में पम्फलेट बांटे गए। कछौना क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं को भी जोड़ा गया। इससे अभियान का दायरा बढ़ा।
ये कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे हैं। चंदौली, बलिया, वाराणसी और बांदा जैसे जिलों में भी रैलियां और सत्र हो चुके हैं। चंदौली में सकलडीहा क्षेत्राधिकारी के नेतृत्व में जागरूकता रैली निकली। बलिया में कलेक्ट्रेट सभागार में लाइव प्रसारण देखा गया। महिलाओं को योजनाओं से जोड़ा गया। वाराणसी में शिव कुमारी बालिका इंटर कॉलेज में जागरूकता सत्र चला। बांदा के अतर्रा थाने में छात्राओं को प्रशिक्षण दिया गया। इन सब से साफ है कि मिशन शक्ति अब हर कोने तक पहुंच रहा है।
अभियान की खास बातें हैं पिंक स्कूटी का वितरण। ये स्कूटी महिला पुलिसकर्मियों को दी जा रही हैं, ताकि वे तेजी से पहुंच सकें। सभी थानों में महिलाओं के लिए बैरक बनाई जा रही हैं। कार्यस्थलों पर रिटायरिंग रूम की व्यवस्था हो रही है। ऑपरेशन मुक्ति के तहत बाल विवाह रोकने पर जोर है। 21 से 31 अक्टूबर तक यह चलेगा। बचाए गए बच्चों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर विशेष कार्यक्रम होंगे।
मिशन शक्ति से महिलाओं का जीवन बदल रहा है। पहले चरणों में 9 करोड़ से ज्यादा महिलाओं तक पहुंच बनी। यौन अपराधों के मामलों में निस्तारण दर 98.80 प्रतिशत है, जो देश में सबसे ऊपर है। महिलाएं अब खुलकर शिकायत करती हैं। स्वयं सहायता समूहों के जरिए आर्थिक मजबूती आ रही है। उदाहरण के तौर पर, लखनऊ में विमेंस फेस्ट में महिलाओं के उत्पाद बिके। इससे उन्हें बाजार मिला।
समाज को भी इसमें भाग लेना चाहिए। पुरुषों को महिलाओं के सम्मान की जिम्मेदारी समझनी होगी। स्कूलों में लड़के-लड़कियां साथ मिलकर जागरूकता फैला सकते हैं। ग्राम पंचायतों में महिला बीट अधिकारी सक्रिय हैं। वे घर-घर जाकर मदद कर रही हैं। त्योहारों में पूजा पंडालों पर सादे कपड़ों में पुलिस तैनात है। इससे शांति बनी रहेगी।
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