Saharanpur : भगवानपुर में एल्युमीनियम चोरी का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार
जांच में पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज देखे। इससे संदीप के अलावा दो अन्य लोगों का हाथ होने का पता चला। फिर मुखबिरों की मदद ली गई। मुखबिर की सू
भगवानपुर थाना क्षेत्र की ओक्सो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से चोरी हुए एल्युमीनियम की छड़ों के मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को चोरी का माल बरामद कर गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।
पीड़ित चंद्रपाल सैनी, जो कंपनी के एचआर मैनेजर हैं और शिव गंगा एन्क्लेव सिडकुल हरिद्वार में रहते हैं, ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी संदीप ने दोपहर के समय 25 किलोग्राम एल्युमीनियम की छड़ें चुरा लीं। इस पर भगवानपुर थाने में मामला दर्ज हुआ।
घटना का पता लगाने के लिए थाना प्रभारी निरीक्षक ने एक पुलिस टीम बनाई। इसमें चौकी प्रभारी काली नदी उपनिरीक्षक संजय पूनिया, कांस्टेबल प्यारेलाल जोशी, कांस्टेबल प्रदीप गुप्ता और कांस्टेबल परम सिंह शामिल थे। टीम को जल्दी कार्रवाई करने के आदेश दिए गए।
जांच में पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज देखे। इससे संदीप के अलावा दो अन्य लोगों का हाथ होने का पता चला। फिर मुखबिरों की मदद ली गई। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को चोरी की एल्युमीनियम छड़ों के साथ पकड़ लिया।
गिरफ्तार आरोपी हैं- संदीप, जो मुंडीखेड़ी गांव का रहने वाला है और रामपुर मनिहारन थाना क्षेत्र सहारनपुर जिले से है, लेकिन हाल में खुब्बनपुर गांव में रहता है। दूसरा अक्षय कुमार, बुन्दूगढ़ गांव का रहने वाला, ननौता थाना क्षेत्र सहारनपुर जिले से, हाल में खुब्बनपुर में रहता है। तीसरा रवि यादव, विशरौली गांव का रहने वाला, गौरीगंज थाना क्षेत्र अमेठी जिले से, हाल में चौली अड्डा गांव भगवानपुर थाना क्षेत्र हरिद्वार जिले में रहता है।
पूछताछ में तीनों ने बताया कि वे कंपनी में मोल्डिंग मशीन ऑपरेटर का काम करते हैं। अक्षय कुमार और रवि यादव ने कंपनी की टिन की दीवार में छेद किया और एल्युमीनियम छड़ें बाहर निकाल लीं। उन्हें पास के पानी में फेंक दिया। बाद में संदीप ने छड़ें निकालकर झाड़ियों में छिपा दीं।
उपनिरीक्षक संजय पूनिया, कांस्टेबल प्यारेलाल जोशी, प्रदीप गुप्ता और परम सिंह की तेज कार्रवाई और तकनीकी जांच से यह चोरी का मामला सुलझा। आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया और जेल भेज दिया गया।
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