Sambhal : सम्भल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मनाया शताब्दी वर्ष, समाज में पंच परिवर्तन का आह्वान
शताब्दी वर्ष का शुभारंभ विजयादशमी के दिन हुआ, जो 2025 से 2026 तक चलेगा। इस दौरान संघ ने समाज में पांच प्रमुख परिवर्तनों पर जोर दिया है, जिन्हें पंच परिव
Report : उवैस दानिश, सम्भल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह संगठन 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा स्थापित किया गया था। आज यह विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बन चुका है, जिसमें देशभर में 83,000 से अधिक शाखाएं चल रही हैं। संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर विभिन्न स्थानों पर भव्य कार्यक्रम आयोजित हुए, जिनमें पथ संचलन, शस्त्र पूजा और विचार सत्र शामिल रहे। संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने नागपुर में मुख्य समारोह को संबोधित किया, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में विशेष सिक्का और डाक टिकट जारी कर संगठन की सेवा यात्रा की सराहना की।
शताब्दी वर्ष का शुभारंभ विजयादशमी के दिन हुआ, जो 2025 से 2026 तक चलेगा। इस दौरान संघ ने समाज में पांच प्रमुख परिवर्तनों पर जोर दिया है, जिन्हें पंच परिवर्तन कहा जाता है। जिला प्रचारक संजीव कुमार ने एक स्थानीय कार्यक्रम में कहा कि संघ की स्थापना से लेकर अब तक पांच पीढ़ियों के स्वयंसेवकों के अथक प्रयासों से यह संगठन वटवृक्ष की तरह मजबूत हुआ है। उन्होंने समाज से अपील की कि पंच परिवर्तन को जीवन में उतारें, ताकि राष्ट्र मजबूत बने।
पंच परिवर्तन में पहला है स्व का बोध, यानी स्वदेशी जीवनशैली को अपनाना। इससे व्यक्ति अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़ता है, तथा विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता कम होती है। दूसरा है नागरिक कर्तव्य का पालन, जिसमें कर समय पर जमा करना, मतदान में भाग लेना, यातायात नियमों का पालन और राष्ट्रीय संपत्ति की रक्षा शामिल है। संजीव कुमार ने कहा कि इससे देश समृद्ध होगा और हर नागरिक का योगदान बढ़ेगा। तीसरा आयाम है पर्यावरण संरक्षण, जहां वृक्षारोपण, जल बचत और प्रदूषण रोकने पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पर्यावरण की रक्षा न की गई, तो वैश्विक संकट बढ़ेगा।
चौथा परिवर्तन सामाजिक समरसता है, जो जाति-धर्म के भेदभाव को मिटाने पर केंद्रित है। संजीव कुमार ने बताया कि समाज के सभी वर्गों के बीच संवाद बढ़ाकर एकता लानी होगी, ताकि भेदभाव समाप्त हो और सब मिलकर राष्ट्र निर्माण करें। पांचवां है कुटुम्ब प्रबोधन, यानी परिवार में संस्कारों का प्रसार। परिवार को मजबूत बनाने से सामाजिक मूल्य सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने कहा कि यदि ये पांच आयाम अपनाए गए, तो समाज में बड़ा बदलाव आएगा और राष्ट्र परम वैभव की ओर बढ़ेगा।
शताब्दी वर्ष के मुख्य कार्यक्रमों में नागपुर के रेशिमबाग मैदान पर तीन पथ संचलन हुए। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि थे। स्वयंसेवकों ने परेड में आधुनिक हथियारों जैसे पिनाका मिसाइल और ड्रोन के मॉडल भी दिखाए। दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी ने 100 रुपये का स्मृति सिक्का जारी किया, जिसमें पहली बार भारत माता की छवि अंकित है। उन्होंने कहा कि संघ की 100 वर्षों की यात्रा त्याग और सेवा की मिसाल है। संघ ने घर-घर संपर्क अभियान शुरू किया है, जिसमें 2000 टोलियां बनाई गई हैं। ये टोलियां परिवारों से मिलकर पंच परिवर्तन का संदेश पहुंचाएंगी। जनवरी से फरवरी 2026 तक बस्ती स्तर पर हिंदू सम्मेलन होंगे, जहां समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट किया जाएगा।
स्थानीय स्तर पर भी उत्साह रहा। संघ का मार्ग शिशु शिक्षा केंद्र विद्यालय से शुरू होकर शहर के प्रमुख स्थानों शंकर चौराहा, तहसील रोड, टंडन तिराहा, कोतवाली, सर्राफा बाजार, गंज, मेंथा मार्केट, सुनारों गली, गद्दी मोहल्ला होते हुए रामलीला मैदान, सरथल चौकी और दरगाह मंदिर से वापस विद्यालय पर समाप्त हुआ। इस पथ संचलन में सैकड़ों स्वयंसेवक शामिल हुए, जो अनुशासन और उत्साह से भरे दिखे। कार्यक्रम में नगर संघचालक कमल कौशल वर्णवाल, नगर खंड प्रचारक गगन, नगर प्रचार प्रमुख राजुल गुप्ता के अलावा मनोज गुप्ता, राहुल दीक्षित, मनीष रस्तोगी, नरेंद्र रुहेला, हिमांशु शर्मा, देव गुप्ता, अनंत त्यागी, राजेश सिंघल, मुकुल रस्तोगी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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