Sambhal News: ईद पर मिठास घोलेंगी सम्भल की सिवइयां।
सम्भल में बनने वाली सेवई जिले में ही नहीं अन्य जनपदों में भी मिठास घोलेगी। यहां बनने वाली सेवई की दिल्ली, अलीगढ़, बदायूं समेत....

उवैस दानिश, सम्भल
Sambhal News: सम्भल में बनने वाली सेवई जिले में ही नहीं अन्य जनपदों में भी मिठास घोलेगी। यहां बनने वाली सेवई की दिल्ली, अलीगढ़, बदायूं समेत आसपास के क्षेत्रों में खासा डिमांड है। बाजार में ईद पर सेवई की खरीदारी को लेकर दुकाने सज गईं हैं। सेवई बनवाने वाले मालिक की माने तो इस बार पहले के मुकाबले सेवई का बाजार बढ़िया जा रहा है, मगर महगाई की मार ज़्यादा है। रमज़ान में 150 कुंतल तक सेवई बनाई जा रही है।
सबसे पहले सिवइयां बनाने के लिए मैदा को मशीन में गूँधा जाता है फिर दूसरी मशीन द्वारा मैदा से बारीक़ व मोटी सिवइयां बनाई जाती हैं उसके बाद सेवाइयों को 12 घंटे धूप में सुखाया जाता है। सेवई को तैयार करने में मौसम का बहुत अहम रोल है। अगर मौसम ठंडा होता तो सेवई सूखने में ज्यादा समय लेती है। अगर मौसम में गर्माहट होती है। तो बढ़िया तैयार होती है। कारीगर मौसम गर्म होने पर बारीक सेवई तोड़ते हैं। फिर सिवइयों को भट्टी में रखकर सेका जाता है उसके बाद सिवइयों को अलग अलग वजन के पैकेट में पैक कर बाजार में उतार दिया जाता है। सेवई बनाने में किसी प्रकार का कोई केमिकल नहीं मिलाया जाता है। इसे बनाने में केवल पानी और मैदा का उपयोग किया जाता है। जिस कारण इसको खाने से कोई नुकसान नहीं है। सेवई दो प्रकार की होती हैं। एक मोटी और दूसरी बारीक सेवई होती है। दोनों तरह की सिवइयां सम्भल में बनती है।
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सिवइयां विक्रेता शान वारिस ने बताया कि 1970-75 में पिता द्वारा इस काम की शुरुआत की गई थी 2010 में पिता की मृत्यु के बाद हम इस काम को आगे बढ़ा रहे हैं। हमारे यहाँ की सिवइयां दिल्ली, अलीगढ़, बदायूं जाती है जिसे आगे एजेंट बढ़ाते है। रमजान माह में डेढ़ सौ कुंतल तक सिवइयां बनाई जाती हैं। सिवइयां बनाने में प्रयोग होने वाले सामान में वृद्धि होने पर सिवइयों की कीमतों में इज़ाफ़ा हुआ है।
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