Sambhal File 1978: बड़ी खबर- फिर से खुलेगी 1978 में हुए दंगों की फाइल, गृह विभाग ने अधिकारियों को पत्र भेजा।
यूपी के संभल में 1978 में हुए दंगों की बंद पड़ी फाइल फिर से खोल कर जांच शुरू करने की कवायद शुरू हो चुकी है। संभल के एसपी के पत्र के...

By INA News Sambhal.
Sambhal File 1978: यूपी के संभल में 1978 में हुए दंगों की बंद पड़ी फाइल फिर से खोल कर जांच शुरू करने की कवायद शुरू हो चुकी है। संभल के एसपी के पत्र के मुताबिक सभंल प्रशासन और पुलिस मिलकर आज से 47 साल पहले हुए दंगों की फिर से जांच करेंगे और 1 हफ्ते में जांच रिपोर्ट देंगे। संभल में साल 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगे की जांच फिर से की जाएगी। इस मामले में गृह विभाग के उप सचिव और मानवाधिकार आयोग ने संभल के डीएम और एसपी से एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। योगी सरकार ने 1978 में हुए संभल दंगों की जांच का जिम्मा एएसपी को सौंपा है।
आपको तफसील से सबकुछ बताते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का मानना है कि जांच में हिंदुओं के साथ में काफी भेदभाव किया गया था। अब सरकार ने दंगों की फाइल को फिर से खोलने के आदेश दे दिए हैं। इस मामले में गृह विभाग की ओर से संभल के जिलाधिकारी और सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस को पत्र भेज दिया है। सभंल प्रशासन और पुलिस मिलकर आज से 47 साल पहले हुए दंगों की फिर से जांच करेंगे और 1 हफ्ते में जांच रिपोर्ट देंगे। एसपी ने अपने पत्र में डीएम से मांग की है कि संयुक्त प्रशासनिक जांच के लिए डीएम प्रशासन से किसी अधिकारी को नामित करें। जिससे पुलिस और प्रशासन संयुक्त रूप से जांच करके जांच रिपोर्ट सौंप सके।
दरअसल, संभल में 1978 में हुए दंगों में मौत का आधिकारिक आंकड़ा 24 था। जबकि स्थानीय निवासियों का दावा था कि दंगे में आधिकारिक आंकड़ों से कई ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। साथ ही पिछले महीने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बयान दिया था कि संभल में 1978 में हुए दंगों में 184 लोग मारे गए थे और कई बेघर हुए थे। ऐसे में देखना होगा कि अब जब संभल प्रशासन 47 साल बाद फिर से दंगों की फाइल खोलने जा रहा है तो कौन से नए तथ्य सामने आते हैं। सूत्रों के मुताबिक संयुक्त जांच में ना सिर्फ संभल पुलिस और प्रशासन 1978 के दंगों में हुई मौतों के असल आंकड़े की जांच करेगा। इसके साथ ही इस दंगे शामिल ऐसे लोग जिनके नाम अभी तक सामने नहीं आए या फिर राजनैतिक कारणों की वजह से दबा दिए गए उन्हें भी सामने रखेगा। इतना ही नहीं सूत्रों के मुताबिक जांच में दंगों के बाद बेघर हुए लोगों का भी असल आंकड़ा प्रशासन जांच में सामने लाने की कोशिश करेगा। 47 साल पहले हुए संभल के दंगों की फाइल को फिर से खंगाला जाएगा।
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यूपी विधानसभा में सीएम योगी के बयान के बाद यह बड़ा निर्णय लिया गया है। संभल में 29 मार्च 1978 को दंगे भड़क गए थे। यह दंगा कोई एक या दो दिन नहीं चला था बल्कि कई दिनों तक रहा और पुलिस ने पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया था। इस हिंसा में 184 लोगों की जान चली गई थी। इसमें करीब 169 केस दर्ज किए गए थे। इतना ही नहीं मुरादाबाद के कमिश्नर ने संभल के डीएम से मामले से जुड़े सभी दस्तावेज अपने पास में मंगवाए हैं। साथ ही मामले में कमिश्नर ने आज बैठक भी बुलाई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में संभल दंगे पर भाषण दिया था। उन्होंने कहा कि 1947 से लेकर अभी तक संभल में 209 हिंदुओं की जान दंगों के चलते गई है। संभल में 29 मार्च 1978 को दंगे के दौरान आगजनी की घटनाएं हुई थीं। इस घटना में कई हिंदू मारे गए। मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि एक भी बार निर्दोष हिंदुओं के लिए इन लोगों ने दो शब्द नहीं बोले। संभल में बजरंग बली का जो मंदिर आज निकल रहा है। 1978 से उस मंदिर को इन लोगों ने खुलने नहीं दिया।
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