Udaipur: पूर्व मेवाड़ राजघराने के महेंद्र सिंह मेवाड़ का निधन, 80 के दशक में राजनीति में कदम रखा था

महेंद्र सिंह मेवाड़ ने 80 के दशक में राजनीति में कदम रखा था। उन्होंने वर्ष 1989 में चित्तौड़गढ़ से भाजपा के टिकट पर सांसद का चुनाव लड़ा था और भारी मतों से जीते थे, लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं से मतभेद के चलते बाद....

Nov 10, 2024 - 22:45
 0  115
Udaipur: पूर्व मेवाड़ राजघराने के महेंद्र सिंह मेवाड़ का निधन, 80 के दशक में राजनीति में कदम रखा था

Udaipur Rajasthan News INA.

पूर्व मेवाड़ राजघराने के महेंद्र सिंह मेवाड़ का दुखद निधन हो गया है। वे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे और अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। रविवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। मेवाड़ राज परिवार के करीबी सूत्रों ने महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन की पुष्टि की है। महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद पूरे मेवाड़ अंचल में शोक की लहर छा गई। अस्पताल में मेवाड़ ने अंतिम सांस ली। महेंद्र सिंह मेवाड़, नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह के पिता और राजसमंद सांसद महिमा कुमारी के ससुर हैं। मेवाड़ के निधन की खबर सुनकर संभाग में शोक की लहर है। वहीं अस्पताल प्रशासन ने निधन की पुष्टि की है।मेवाड़ राजघराने में महाराणा भगवत सिंह के दो पुत्र महेंद्र सिंह मेवाड़ और अरविंद सिंह मेवाड़ हैं जबकि महाराणा प्रताप के वंशज विश्‍वराज सिंह मेवाड़ उनके पौत्र हैं। महेंद्र सिंह मेवाड़ चित्‍तौड़गढ़ से सांसद रह चुके हैं। वे पिछोला झील में बड़ी पाल के पास समोर बाग में रहते थे। बताया जाता है कि करीब 10 दिन पूर्व तबीयत खराब होने पर महेंद्र सिंह मेवाड़ को उदयपुर के अनंता हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। रविवार को अचानक उनकी तबीयत ज्यादा खराब हुई और उन्होंने अंतिम सांस ली।

इस दौरान उनके परिवार के सदस्य भी अस्पताल में मौजूद रहे। महेंद्र सिंह मेवाड़ नाथद्वारा के विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ के पिता हैं। विश्वराज सिंह की पत्नी और स्वर्गीय महेंद्र सिंह मेवाड़ की बहू महिमा कुमारी सिंह भी राजसमंद जिले से सांसद हैं। महेंद्र सिंह मेवाड़ ने 80 के दशक में राजनीति में कदम रखा था। उन्होंने वर्ष 1989 में चित्तौड़गढ़ से भाजपा के टिकट पर सांसद का चुनाव लड़ा था और भारी मतों से जीते थे, लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं से मतभेद के चलते बाद में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। बाद में मेवाड़ 1991 में कांग्रेस के टिकट पर चित्तौड़ से संसद का चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें मेजर जसवंत सिंह ने हरा दिया था। कांग्रेस ने मेवाड़ को एक बार फिर 1996 में भीलवाड़ा से सांसद का चुनाव लड़ाया, लेकिन यहां से भी वह सुभाष चंद्र बाहेड़िया से चुनाव हार गए थे। लगातार दो हार के बाद मेवाड़ राजनीति से पूरी तरह से दूर हो गए थे।

Also Read: Singer Sharda Sinha: बिहार कोकिला शारदा सिन्हा के निधन से छाया मातम, संगीत की दुनिया में अपूर्णनीय क्षति

महेंद्र सिंह मेवाड़ ने अपनी विरासत और गुजरे दौर के स्‍मारकों को सहेजने का काम भी किया। वे कहते थे कि सिसोदिया राजवंश की 76वीं पीढ़ी के रूप में यह उनकी जिम्‍मेदारी है। 1984 में उनकी ताजपोशी हुई थी। वे उदयपुर के महाराणा भगवत सिंह के बड़े बेटे के रूप में गद्दी पर बैठे और मुखिया बने। दरअसल मुख्‍य परिवार को मेवाड़ का राजघराना ही रहा है, लेकिन महेंद्र सिंह मेवाड़ को महाराणा की पदवी मिली थी। महेंद्र सिंह मेवाड़ का परिवार तीन दशक बाद एक बार फिर राजनीति में सक्रिय देखा गया।

पिछले चुनाव में उनके पुत्र विश्वराज सिंह को नाथद्वारा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा गया और वह विधायक चुने गए। महेंद्र सिंह मेवाड़ ने फिल्म पद्मावत का खुलकर विरोध किया था और इसके बाद में एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए थे। इसी बीच राज्‍य सरकार ने पुलिस के माध्‍यम से उनके क्रिमिनल डोजियर तैयार कराने की कोशिश की थी, लेकिन यह मामला खुल गया था। दरअसल जिस कॉन्‍स्‍टेबल को गोपनीय पत्र लेकर सरकारी दफ्तर भेजा गया था, उसी ने यह पत्र मेवाड़ के सामने रख दिया था। उस समय इस मामले ने तूल पकड़ा था और कॉन्‍स्‍टेबल को सस्‍पेंड कर दिया गया था।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow