Varanasi : काशी में भारत-मॉरीशस के बीच सांस्कृतिक और कूटनीतिक बंधन मजबूत, प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत

जीएसटी में बदलाव के बाद पहली बार वाराणसी आने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री का आभार जताया। वे जीएसटी और धन्यवाद लिखी तख्तियां लेकर खड़े थे। पूरे रास्ते

Sep 11, 2025 - 22:33
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Varanasi : काशी में भारत-मॉरीशस के बीच सांस्कृतिक और कूटनीतिक बंधन मजबूत, प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत
काशी में भारत-मॉरीशस के बीच सांस्कृतिक और कूटनीतिक बंधन मजबूत, प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए काशी पहुंचे। लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। हवाई अड्डे से प्रधानमंत्री हेलीकॉप्टर से पुलिस लाइन पहुंचे और वहां से ताज होटल की ओर रवाना हुए। रास्ते में भाजपा कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। शंख की ध्वनि, हर हर महादेव के नारे और फूलों की वर्षा से पूरा इलाका गूंज उठा। प्रधानमंत्री ने भी हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया। यह दृश्य रोड शो जैसा लग रहा था, जहां सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में लोग खड़े थे।

जीएसटी में बदलाव के बाद पहली बार वाराणसी आने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री का आभार जताया। वे जीएसटी और धन्यवाद लिखी तख्तियां लेकर खड़े थे। पूरे रास्ते में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। कलाकारों ने लोक नृत्य और अन्य प्रस्तुतियां देकर स्वागत किया। कचहरी, अंबेडकर चौराहा समेत कई जगहों पर ऐसे कार्यक्रम हुए। छह स्थानों पर भाजपा पदाधिकारियों और जन प्रतिनिधियों ने मंच सजाकर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाईं। काशी के लोगों ने इस अवसर को उत्सव की तरह मनाया, जो शहर की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम एक दिन पहले ही काशी पहुंच गए थे। उनका भी भव्य स्वागत हुआ। काशी के लोगों ने अपनी परंपरा के अनुसार उन्हें और उनके प्रतिनिधिमंडल को सम्मान दिया। वे शाम को क्रूज से गंगा आरती देखेंगे और अगली सुबह बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करेंगे। उसके बाद वे अयोध्या जाएंगे। यह यात्रा दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने वाली है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अध्यात्म और आधुनिकता के संगम वाली नई काशी में हार्दिक स्वागत और अभिनंदन। यह पोस्ट शहर के विकास और सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करता है।

द्विपक्षीय वार्ता में दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने दोनों देशों के बीच सहयोग को और गहरा करने पर सहमति जताई। मुख्य क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य सेवा, डिजिटल तकनीक, ऊर्जा और समुद्री सुरक्षा शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और मॉरीशस सिर्फ साझेदार नहीं, बल्कि परिवार जैसे हैं। यह बयान दोनों देशों के गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक बंधन को दर्शाता है। मॉरीशस की बड़ी आबादी भारतीय मूल की है, जो दोनों राष्ट्रों को करीब लाती है।

वार्ता के दौरान स्थानीय मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। यह कदम दोनों अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करेगा और व्यापार को आसान बनाएगा। पिछले साल यूपीआई की शुरुआत के बाद यह एक और महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा, विशेष पैकेज की घोषणा हुई, जो मॉरीशस के विकास में मदद करेगा। दोनों देशों ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया, जैसे जलवायु परिवर्तन, समुद्री सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग।काशी में यह बैठक इसलिए खास है क्योंकि यह शहर सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र है। मॉरीशस के प्रधानमंत्री का यहां आना दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करता है। काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा आरती जैसे कार्यक्रम मॉरीशस के लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वहां भी हिंदू परंपराएं मजबूत हैं। यह विजिट भारत-मॉरीशस संबंधों में नया अध्याय जोड़ती है।

प्रधानमंत्री मोदी का काशी से गहरा लगाव है। यह उनका संसदीय क्षेत्र है और वे यहां अक्सर आते हैं। इस बार का दौरा द्विपक्षीय महत्व का है, लेकिन स्थानीय लोगों के लिए उत्साह का कारण बना। रास्ते में ढोल-नगाड़े बजते रहे, बटुकों ने शंख बजाए और हर हर महादेव के नारे गूंजते रहे। भाजपा कार्यकर्ताओं ने विशेष रूप से जीएसटी सुधारों का आभार जताया, जो व्यापारियों के लिए फायदेमंद साबित हुए हैं।

काशी के विकास पर भी ध्यान केंद्रित रहा। शहर में हाल के वर्षों में कई परियोजनाएं पूरी हुई हैं, जैसे विश्वनाथ कॉरिडोर, बेहतर सड़कें और पर्यटन सुविधाएं। यह नई काशी का प्रतीक है, जहां पुरानी परंपराएं और आधुनिक सुविधाएं साथ चलती हैं। मुख्यमंत्री योगी ने इसे अध्यात्म और आधुनिकता का संगम कहा। इस विजिट से शहर की अंतरराष्ट्रीय पहचान और बढ़ेगी।

दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक बंधन

भारत और मॉरीशस के बीच सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराने हैं। मॉरीशस में करीब 70 प्रतिशत आबादी भारतीय मूल की है। वे हिंदी, भोजपुरी और अन्य भारतीय भाषाएं बोलते हैं। दीपावली, होली जैसे त्योहार वहां धूमधाम से मनाए जाते हैं। मॉरीशस में गंगा तलाव जैसे स्थान हैं, जो गंगा की याद दिलाते हैं। इस विजिट से ये बंधन और मजबूत होंगे। नवीनचंद्र रामगुलाम ने काशी में मिले स्वागत को अभूतपूर्व बताया। उन्होंने कहा कि ऐसा सम्मान किसी अन्य प्रधानमंत्री को नहीं मिला होगा। यह भारत के आतिथ्य सत्कार की मिसाल है।वार्ता में स्वास्थ्य क्षेत्र पर विशेष जोर रहा। दोनों देश कोविड महामारी के दौरान एक-दूसरे की मदद कर चुके हैं। अब स्वास्थ्य सेवाओं में सहयोग बढ़ाने की योजना है, जैसे दवाओं का आदान-प्रदान और चिकित्सा पर्यटन। डिजिटल तकनीक में भी साझेदारी होगी। भारत की डिजिटल इंडिया योजना से मॉरीशस लाभ उठा सकता है। ऊर्जा क्षेत्र में नवीकरणीय स्रोतों पर काम होगा, जैसे सौर ऊर्जा। समुद्री सुरक्षा महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों देश हिंद महासागर क्षेत्र में हैं।

बुनियादी ढांचे में सहयोग से मॉरीशस में सड़कें, बंदरगाह और अन्य परियोजनाएं विकसित होंगी। भारत पहले भी ऐसे प्रोजेक्ट्स में मदद कर चुका है। यह विजिट मॉरीशस के प्रधानमंत्री की पहली विदेश यात्रा है, जो भारत को महत्व देती है।

स्वागत के दृश्य और उत्साह

हवाई अड्डे पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया। पुलिस लाइन से ताज होटल तक का रास्ता सजा हुआ था। भाजपा कार्यकर्ता और स्थानीय लोग तख्तियां लेकर खड़े थे। फूलों की वर्षा और नारों से माहौल उत्सवी था। कलाकारों ने शहनाई और लोक गीतों से स्वागत किया। यह दृश्य काशी की जीवंतता दिखाता है। प्रधानमंत्री ने कार से हाथ हिलाकर लोगों का शुक्रिया अदा किया।

यह बैठक वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका को मजबूत करती है। हिंद महासागर क्षेत्र में मॉरीशस महत्वपूर्ण साझेदार है। दोनों देश संयुक्त राष्ट्र और अन्य मंचों पर साथ देते हैं। जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए साझा प्रयास जरूरी हैं। मॉरीशस छोटा द्वीप राष्ट्र है, लेकिन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण। भारत की एक्ट ईस्ट नीति में यह फिट बैठता है।

काशी में बैठक का चुनाव भी सोचा-समझा है। यह शहर मोदी का गृह क्षेत्र है और सांस्कृतिक महत्व रखता है। मॉरीशस के प्रधानमंत्री को गंगा आरती और मंदिर दर्शन से भारतीय संस्कृति का अनुभव होगा। अयोध्या जाना रामायण की साझा विरासत को याद दिलाता है।

द्विपक्षीय समझौते और लाभ

वार्ता में चार समझौते हुए। इनमें स्थानीय मुद्राओं में व्यापार, स्वास्थ्य सहयोग और डिजिटल साझेदारी शामिल हैं। इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं मजबूत होंगी। मॉरीशस के लिए भारत बड़ा बाजार है। पर्यटन बढ़ेगा और निवेश आएगा। भारत को समुद्री सुरक्षा में मदद मिलेगी। यह साझेदारी लंबे समय तक फायदेमंद रहेगी।

काशी के लोगों के लिए यह विजिट गर्व का विषय है। शहर में पर्यटन बढ़ा है और विकास कार्य तेज हुए हैं। प्रधानमंत्री के आने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है। भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्साह दिखाता है कि पार्टी का आधार मजबूत है।

मॉरीशस प्रधानमंत्री का कार्यक्रम

मॉरीशस के प्रधानमंत्री काशी में गंगा आरती देखेंगे। क्रूज से यह दृश्य अद्भुत होगा। अगली सुबह काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करेंगे। फिर अयोध्या जाएंगे, जहां राम मंदिर देखेंगे। यह यात्रा सांस्कृतिक आदान-प्रदान है। कुल मिलाकर, यह विजिट दोनों देशों के लिए फायदेमंद है। संबंध मजबूत होंगे और विकास को गति मिलेगी। काशी ने एक बार फिर अपनी मेजबानी दिखाई।

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