‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर दुनिया सतर्क: ट्रंप बोले ‘जल्द खत्म हो’, शाहबाज की धमकी, जानिए वैश्विक नेताओं ने क्या कहा

ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की संयुक्त कार्रवाई थी, जिसमें पहली बार लॉइटरिंग म्यूनिशन (आत्मघाती ड्रोन), SCALP मिसाइल और HAMMER बम का उपयोग हुआ। इस ऑपरेशन....

May 8, 2025 - 00:40
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‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर दुनिया सतर्क: ट्रंप बोले ‘जल्द खत्म हो’, शाहबाज की धमकी, जानिए वैश्विक नेताओं ने क्या कहा

7 मई 2025 की रात भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले कर आतंकवाद के खिलाफ अपनी अटल प्रतिबद्धता दिखाई। यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए क्रूर आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शहीद हुए थे। इस ऑपरेशन ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के सरगना मसूद अजहर के परिवार सहित आतंकी ढांचे को तहस-नहस कर दिया। भारत की इस निर्णायक कार्रवाई पर वैश्विक नेताओं की प्रतिक्रियाओं ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर हलचल मचा दी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से लेकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ तक, आइए जानते हैं किसने क्या कहा और इस कार्रवाई का वैश्विक प्रभाव क्या रहा।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की संयुक्त कार्रवाई थी, जिसमें पहली बार लॉइटरिंग म्यूनिशन (आत्मघाती ड्रोन), SCALP मिसाइल और HAMMER बम का उपयोग हुआ। इस ऑपरेशन में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया, जिनमें बहावलपुर का मरकज सुभान अल्लाह (जैश का मुख्यालय), मुरीदके का लश्कर-ए-तैयबा कैंप (26/11 मुंबई हमले का प्रशिक्षण केंद्र) और सियालकोट का हिजबुल मुजाहिदीन ठिकाना शामिल थे।

  • परिणाम: मसूद अजहर ने स्वीकार किया कि उनके परिवार के 10 सदस्य (बड़ी बहन, बहनोई, भतीजा, भतीजी, पांच बच्चे) और 4 सहयोगी मारे गए। कुल 70-90 आतंकी ढेर हुए।
  • सटीकता: कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साबित किया कि किसी भी नागरिक या पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को नुकसान नहीं पहुंचा।

वैश्विक नेताओं की प्रतिक्रियाएं: समर्थन से लेकर संयम की अपील तक

अमेरिका: ट्रंप की सतर्क प्रतिक्रिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऑपरेशन सिंदूर पर संयमित बयान दिया। उन्होंने कहा, “व्हाइट हाउस में प्रवेश करते समय मुझे इसकी जानकारी मिली। शायद लोगों को पहले से कुछ अंदाजा था। भारत और पाकिस्तान लंबे समय से, कई दशकों और सदियों से लड़ रहे हैं। मैं बस यही उम्मीद करता हूं कि यह जल्द खत्म हो।” ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान तनाव के लंबे इतिहास का जिक्र किया, लेकिन सीधे तौर पर न तो समर्थन दिया और न ही निंदा की।

  • विदेश मंत्री मार्को रुबियो: रुबियो ने एक्स पर लिखा, “मैं भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति पर करीब से नजर रख रहा हूं। मैं राष्ट्रपति ट्रंप की बात दोहराता हूं कि यह जल्द खत्म हो। मैं भारतीय और पाकिस्तानी नेतृत्व के साथ शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत जारी रखूंगा।”
  • हाउस स्पीकर माइक जॉनसन: जॉनसन ने भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन करते हुए कहा, “भारत को आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना होगा। ट्रंप प्रशासन ऊर्जा और संसाधनों के साथ भारत की मदद करेगा।” एक्स पर यूजर्स ने जॉनसन के संसाधन देने के वादे की सराहना की।
  • उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस: वेंस ने पाकिस्तान से आतंकियों के खिलाफ सहयोग की मांग की, “हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान, जो आतंकियों को पनाह देता है, भारत के साथ मिलकर उन्हें खत्म करे।”
  • रक्षा मंत्री पीट हेग्सेथ और खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड: दोनों ने भारत के साथ एकजुटता जताई। हेग्सेथ ने कहा, “अमेरिका भारत के साथ है और उसके आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है।”

पाकिस्तान: शाहबाज शरीफ की धमकी

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भारत के हमलों को “युद्ध की कार्रवाई” करार दिया और “कड़ा जवाब” देने की धमकी दी। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान को भारत के इस युद्ध के जवाब में कड़ा रुख अपनाने का पूरा अधिकार है, और हम मजबूत जवाब दे रहे हैं। पाकिस्तानी राष्ट्र और सेना जानते हैं कि दुश्मन से कैसे निपटना है। हम दुश्मन के नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे।”

  • आतंकी ठिकानों से इनकार: रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया, “भारत का कहना है कि उसने आतंकी ठिकानों पर हमला किया, यह सच नहीं है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया नागरिकों पर हमले वाली जगहों का दौरा कर सकता है।” सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ ने कहा कि 8 लोग मारे गए और 38 घायल हुए।
  • झूठे दावे: पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने पांच भारतीय जेट और एक ड्रोन मार गिराया, जिसे भारत ने खारिज किया, क्योंकि सभी हमले भारतीय क्षेत्र से किए गए। सीएनएन ने बताया कि पाकिस्तान के दावों की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई।
  • पिछला संदर्भ: शाहबाज ने मार्च 2025 में काबुल हवाई अड्डे के हमलावर की गिरफ्तारी में अमेरिका की मदद की थी, जिसके लिए ट्रंप ने उनकी तारीफ की थी। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद उनकी आक्रामक बयानबाजी तनाव को दर्शाती है।

अन्य वैश्विक नेता: समर्थन और संयम की अपील

कई नेताओं ने आतंकवाद की निंदा की, लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच बड़े संघर्ष की आशंका से संयम की अपील भी की।

  • इजरायल: इजरायल ने भारत का खुलकर समर्थन किया, “इजरायल भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है। आतंकियों को पता होना चाहिए कि उनकी जघन्य हरकतों से बचने की कोई जगह नहीं है।” एक्स पर यूजर्स ने इजरायल के रुख की तारीफ की।
  • संयुक्त राष्ट्र (UN): महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने संयम की अपील की, “हम भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की मांग करते हैं ताकि तनाव न बढ़े। भारत-पाकिस्तान के बीच लंबा टकराव किसी के हित में नहीं है।”
  • चीन: चीन ने भारत की कार्रवाई पर खेद जताया, “दोनों पक्ष शांति और स्थिरता के लिए शांत रहें, संयम बरतें और ऐसी कार्रवाइयों से बचें जो स्थिति को जटिल करें।”
  • ब्रिटेन: विदेश सचिव डेविड लैमी ने कहा, “भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चिंताजनक है। ब्रिटेन सरकार दोनों से संयम और कूटनीतिक बातचीत की मांग करती है।”
  • यूएई: उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद ने कहा, “दोनों देश संयम बरतें, तनाव कम करें और क्षेत्रीय शांति को खतरे में डालने वाली कार्रवाइयों से बचें।”
  • जर्मनी (चांसलर ओलाफ शोल्ज): शोल्ज ने आतंकवाद की निंदा की, लेकिन संयम की अपील की, “हम पक्षों से संयम की मांग करते हैं ताकि क्षेत्र में स्थिति और बिगड़े नहीं।”
  • यूरोपीय संघ (विदेश नीति प्रमुख काजा कालास): कालास ने कहा, “ईयू आतंकवाद के खिलाफ है। हम पीड़ितों के प्रति संवेदना जताते हैं।”

वैश्विक प्रतिक्रियाओं को समझने के लिए पहलगाम हमले (22 अप्रैल 2025) की पृष्ठभूमि जरूरी है। ट्रंप, पुतिन, मैक्रों, स्टार्मर और शोल्ज ने इस हमले की कड़ी निंदा की थी। ट्रंप ने पीएम मोदी से फोन पर कहा था, “हमले के दोषियों को सजा दिलाने के लिए अमेरिका भारत का पूरा समर्थन करेगा।” इस संदर्भ में भारत की आत्मरक्षा के अधिकार को व्यापक समर्थन मिला, लेकिन परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच टकराव की आशंका ने संयम की अपील को बढ़ावा दिया।

एक्स पर प्रतिक्रियाएं ध्रुवीकृत रहीं:

  • भारतीय यूजर्स ने अमेरिका और इजरायल के समर्थन की तारीफ की, “ट्रंप और इजरायल आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ!”
  • पाकिस्तानी यूजर्स ने शाहबाज की धमकियों को बढ़ावा दिया, कुछ ने भारत के आतंकी ठिकानों के दावे पर सवाल उठाए।
  • तटस्थ यूजर्स ने UN और ब्रिटेन की संयम की अपील का समर्थन किया, एक पोस्ट में लिखा, “भारत-पाक तनाव बढ़ा, विश्व नेता शांति की अपील कर रहे हैं।”

‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को वैश्विक मंच पर स्थापित किया। ट्रंप और इजरायल जैसे नेताओं ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया, जबकि शाहबाज की धमकियों और झूठे दावों ने पाकिस्तान को अलग-थलग किया। UN, चीन और ब्रिटेन की संयम की अपील परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच टकराव की आशंका को दर्शाती है।

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