हरदोई न्यूज़: फ़ाइलेरिया दुनिया में दिव्यांगता का दूसरा प्रमुख कारणः- मुख्य चिकित्सा अधिकारी
- शनिवार से शुरू हो रहा आईडीए अभियान
हरदोई। राष्ट्रीय फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनसमुदाय को फ़ाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराने के लिए 10 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) शुरू होगा जो कि दो सितम्बर तक चलेगा। इसके तहत घर-घर जाकर लोगों को फ़ाइलेरियारोधी दवाएं एल्बेन्डाजोल, डाईइथाईल कार्बामजीन और आइवरमेक्टिन खिलाई जाएँगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रोहताश कुमार ने लोगों से अपील की है कि जब भी स्वास्थ्य कार्यकर्ता फ़ाइलेरियारोधी दवाओं का सेवन कराने घर आयें तो उसका सेवन अवश्य करें। दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रमाणित हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि फ़ाइलेरियारोधी दवा एक साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को खानी है। फ़ाइलेरियारोधी दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है। फ़ाइलेरियारोधी दवा सेवन से किन्हीं व्यक्तियों में चक्कर आना, जी मिचलाना आदि समस्याएँ हो सकती हैं लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। यह समस्या शरीर में फ़ाइलेरिया के परजीवियों के मरने के परिणामस्वरूप होती है। यह सकारात्मक प्रभाव है पता चल गया कि शरीर में फ़ाइलेरिया के परजीवी थे और उनके मरने के बाद में यह प्रभाव प्रकट हुए हैं जो कि कुछ समय बाद स्वतः ठीक हो जाते हैं ।
यह शुभ संकेत है कि फ़ाइलेरिया से बचाव हो गया। उत्तर प्रदेश सरकार ने फ़ाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य साल 2030 रखा है। यह बीमारी मच्छर के काटने से होती है द्य यह जानलेवा तो नहीं है लेकिन व्यक्ति को आजीवन के लिए दिव्यांग बना देती है। फ़ाइलेरिया दुनिया में दिव्यांगता का दूसरा प्रमुख है। इस बीमारी में शरीर के लटकने वाले अंगों जैसे हाथ, पैर , पुरुषों के अंडकोष और स्त्रियों के स्तन प्रभावित होते हैं। वर्तमान में जनपद में फ़ाइलेरिया के 3432 मरीज हैं जिनमें लिम्फोडिमा के 2994 और हाइड्रोसील के 438 हैं।
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