हिंदुओं पर हमले बर्दाश्त नहीं, भारतीय विदेश मंत्री ने बांग्लादेश से दो टूक कही बात

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार का तख्ता पलट होने के बाद वहां पर रहने वाले हिंदुओं के साथ अत्याचार शुरू हो गया है। वहां पर मौजूद हिंदुओं के मंदिरों को तोड़ा जा रहा है हिंदुओं की बहन बेटियों की आबरू लूटी जा रही है। इसी मामले...

Dec 10, 2024 - 00:57
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हिंदुओं पर हमले बर्दाश्त नहीं, भारतीय विदेश मंत्री ने बांग्लादेश से दो टूक कही बात

By INA News New Delhi.

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ अब भारत ने चुप्पी तोड़ दी है। ढाका में पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री ने वहां की सरकार को खुले अल्फाजों में 2 टूक बात कही है।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार का तख्ता पलट होने के बाद वहां पर रहने वाले हिंदुओं के साथ अत्याचार शुरू हो गया है। वहां पर मौजूद हिंदुओं के मंदिरों को तोड़ा जा रहा है हिंदुओं की बहन बेटियों की आबरू लूटी जा रही है। इसी मामले में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने ढाका में बांगलादेश के विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन के साथ बैठक के दौरान बांगलादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भारत हिंदू और अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा और बांगलादेश को इन समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने सांस्कृतिक और धार्मिक संपत्तियों पर हो रहे हमलों की भी चिंता जताई।

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मिसरी ने बांगलादेश के साथ भारत के रिश्तों को सकारात्मक और रचनात्मक ढंग से आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि भारत बांगलादेश के साथ कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहा है, जैसे व्यापार, कनेक्टिविटी, ऊर्जा, जल संसाधन, और विकास। भारत का उद्देश्य बांगलादेश के साथ दीर्घकालिक, पारस्परिक लाभकारी संबंध बनाना है। बांगलादेश ने इन मुद्दों पर साथ काम करने का भरोसा दिया है।

हिंदुओं पर हमले के बाद भारत से खराब हो रहे रिश्ते

सितंबर में न्यूयॉर्क में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और बांगलादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन के बीच मुलाकात हुई थी, जब जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लेने पहुंचे थे। उस समय यह संभावना जताई जा रही थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांगलादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के बीच भी मुलाकात हो सकती है, लेकिन यह मुलाकात नहीं हो पाई।

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इसके बाद से बांगलादेश के नेताओं की ओर से लगातार भारत विरोधी बयानबाजी की जा रही है, और बांगलादेश की सरकार ऐसे कदम उठा रही है, जिनसे भारत को नुकसान पहुंचे। इन हालात में, विक्रम मिसरी की बांगलादेश में हुई बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह दोनों देशों के रिश्तों में मौजूदा तनाव और चिंताओं के बावजूद संवाद की संभावना को खुला रखता है। भारत का रुख सहयोगात्मक और शांतिपूर्ण संबंधों की ओर है, जबकि बांगलादेश में राजनीतिक माहौल कुछ अलग नजर आ रहा है।

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