बेंगलुरु में कॉलेज छात्रा के साथ गैंगरेप- दो लेक्चरर और उनके दोस्त गिरफ्तार।
Bangalore College Gangraped News: बेंगलुरु, जो भारत की तकनीकी राजधानी के रूप में जाना जाता है, वहां हाल ही में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने शैक्षणिक संस्थानों...
बेंगलुरु जो भारत की तकनीकी राजधानी के रूप में जाना जाता है, वहां हाल ही में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने शैक्षणिक संस्थानों की सुरक्षा और शिक्षकों की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंगलुरु जिले के मूडबिद्री में एक निजी कॉलेज की छात्रा के साथ दो लेक्चरर, नरेंद्र (फिजिक्स लेक्चरर) और संदीप (बायोलॉजी लेक्चरर), और उनके दोस्त अनूप ने कथित तौर पर गैंगरेप किया। यह अपराध नोट्स देने के बहाने छात्रा को बेंगलुरु बुलाकर और उसे ब्लैकमेल करके किया गया। पीड़िता ने अपनी आपबीती अपने माता-पिता को बताई, जिन्होंने कर्नाटक राज्य महिला आयोग से संपर्क किया। इसके बाद, मारथहल्ली पुलिस ने 10 जुलाई 2025 को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। यह मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 63 (बलात्कार) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत दर्ज किया गया है।
यह शर्मनाक घटना मूडबिद्री के एक निजी कॉलेज से जुड़ी है, जहां पीड़िता पढ़ाई करती थी। पुलिस के अनुसार, फिजिक्स लेक्चरर नरेंद्र (27) ने सबसे पहले पीड़िता से पढ़ाई के नोट्स देने के बहाने दोस्ती की। उसने नियमित रूप से मैसेज के जरिए पीड़िता से बातचीत शुरू की और उसका भरोसा जीता। फरवरी 2025 में, नरेंद्र ने नोट्स देने के बहाने पीड़िता को बेंगलुरु बुलाया। वह उसे अपने दोस्त अनूप (27), जो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, के मारथहल्ली स्थित घर पर ले गया। वहां नरेंद्र ने कथित तौर पर पीड़िता के साथ बलात्कार किया और उसे धमकी दी कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया, तो गserious परिणाम भुगतने होंगे।
कुछ दिनों बाद, बायोलॉजी लेक्चरर संदीप (28) ने पीड़िता को निशाना बनाया। उसने नरेंद्र के साथ हुए अपराध का वीडियो होने का दावा किया और इस वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर पीड़िता को ब्लैकमेल किया। डर और दबाव में, पीड़िता ने संदीप की मांगों को मान लिया, जिसके बाद उसने भी अनूप के ही घर पर पीड़िता के साथ बलात्कार किया। इसके बाद, अनूप ने भी पीड़िता को सीसीटीवी फुटेज होने का दावा करते हुए धमकाया और उसके साथ बलात्कार किया। यह सिलसिला पिछले एक महीने से चल रहा था, और पीड़िता को बार-बार ब्लैकमेल कर शारीरिक शोषण किया गया।
जुलाई 2025 में, पीड़िता ने सदमे और डर से उबरते हुए अपने माता-पिता को इस दर्दनाक अनुभव के बारे में बताया। माता-पिता ने तुरंत कर्नाटक राज्य महिला आयोग से संपर्क किया, जिसने मामले को गंभीरता से लिया और मारथहल्ली पुलिस स्टेशन को कार्रवाई करने का निर्देश दिया। 10 जुलाई 2025 को, पीड़िता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 63 (बलात्कार) के तहत मामला दर्ज किया। मारथहल्ली पुलिस इंस्पेक्टर बीके चेतन ने बताया कि तीनों आरोपी—नरेंद्र, संदीप, और अनूप—को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले की गहन जांच चल रही है।
पुलिस ने आरोपियों के फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए हैं, ताकि ब्लैकमेलिंग में इस्तेमाल किए गए वीडियो और अन्य सबूतों की जांच की जा सके। पीड़िता को मेडिकल जांच और काउंसलिंग के लिए भेजा गया है, ताकि उसे मानसिक और शारीरिक रूप से सहायता मिल सके। पुलिस ने यह भी सुनिश्चित किया है कि पीड़िता की पहचान गोपनीय रखी जाए, ताकि उसकी निजता और सम्मान की रक्षा हो।
इस घटना ने शैक्षणिक संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा और शिक्षकों की जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाए हैं। स्कूल और कॉलेज, जो शिक्षा और नैतिकता का प्रतीक माने जाते हैं, वहां इस तरह की घटनाएं समाज में गहरी निराशा और गुस्सा पैदा करती हैं। सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। एक एक्स यूजर ने लिखा, "शिक्षक, जो बच्चों के भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी लेते हैं, अगर ऐसे अपराध करें, तो समाज का भरोसा कैसे बनेगा?"
कर्नाटक राज्य महिला आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और स्कूलों व कॉलेजों में सुरक्षा नीतियों को और सख्त करने की मांग की है। आयोग की अध्यक्ष ने कहा, "यह घटना दर्शाती है कि हमें शैक्षणिक संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा के लिए और कड़े नियम और जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने होंगे।"
यह घटना हाल के समय में दूसरी ऐसी घटना है, जिसने शैक्षणिक संस्थानों में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। हाल ही में बालासोर, ओडिशा में एक छात्रा ने अपने प्रोफेसर द्वारा उत्पीड़न के बाद आत्मदाह कर लिया था, क्योंकि उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इस तरह की घटनाएं समाज और प्रशासन को यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि ऐसी वारदातों को रोकने के लिए और क्या कदम उठाए जाने चाहिए।
यह मामला एक बार फिर कॉलेजों में छात्राओं की सुरक्षा की स्थिति पर प्रकाश डालता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कई शैक्षणिक संस्थानों में यौन उत्पीड़न और अपराधों को रोकने के लिए पर्याप्त नीतियां और तंत्र नहीं हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और अन्य शैक्षणिक नियामक निकायों ने यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं, लेकिन कई निजी संस्थानों में इनका पालन नहीं होता। इस मामले में, मूडबिद्री का निजी कॉलेज भी ऐसी नीतियों को लागू करने में विफल रहा, जिसके कारण यह अपराध हुआ।
महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि सभी कॉलेजों में यौन उत्पीड़न शिकायत समितियां (Internal Complaints Committees) अनिवार्य रूप से सक्रिय हों। इसके अलावा, छात्राओं को जागरूक करने के लिए यौन उत्पीड़न और उनके अधिकारों पर कार्यशालाएं आयोजित की जानी चाहिए।
यह मामला न केवल कानूनी, बल्कि सामाजिक चुनौतियों को भी उजागर करता है। भारत में बलात्कार के मामलों में सजा की दर अभी भी कम है, और पीड़िताओं को अक्सर सामाजिक कलंक और मानसिक आघात का सामना करना पड़ता है। इस मामले में, पीड़िता ने साहस दिखाते हुए अपनी शिकायत दर्ज की, लेकिन ब्लैकमेलिंग और धमकियों के कारण उसे लंबे समय तक चुप रहना पड़ा। यह दर्शाता है कि यौन अपराधों में ब्लैकमेलिंग एक बड़ी समस्या है, जिसके लिए कानूनी और तकनीकी समाधान की जरूरत है।
पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की, जो सराहनीय है, लेकिन यह भी जरूरी है कि जांच पूरी तरह पारदर्शी हो और पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय मिले। समाज में यह धारणा बनानी होगी कि यौन अपराधों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए।
बेंगलुरु के इस गैंगरेप मामले ने एक बार फिर समाज को झकझोर दिया है। नरेंद्र, संदीप, और अनूप जैसे लोग, जो समाज में सम्मानजनक भूमिका निभाने की जिम्मेदारी लेते हैं, अगर इस तरह के जघन्य अपराध करते हैं, तो यह शिक्षा प्रणाली और सामाजिक मूल्यों पर गंभीर सवाल उठाता है।
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