Palwal News: पलवल जिले में अधिकारीयों और दलालों का बड़ा खेल बांग्लादेश के रोहिंग्या की हो रही रजिस्ट्रियां।
झारखंड व पश्चिम बंगाल के आधार कार्ड के जरिये कराई जा रही रजिस्ट्री, समाधान शिविर में शिकायत आने पर हुआ मामले का खुलासा...

पलवल से ऋषि भारद्वाज की रिपोर्ट
- पुलिस अधीक्षक को जांच के लिए लिखा गया पत्र, दस्तावेजों में संदेह होने पर नहीं की गई रजिस्ट्री
पलवल। बांग्लादेश के रोहिंग्या महिलाओं द्वारा फर्जी आधार कार्ड के जरिये आवासीय जमीन खरीदने का मामला सामने आया है। जेवर एयरपोर्ट के पास पलवल के खादर क्षेत्र के गांव नंगलिया, बागपुर व सोलडा में जमीन खरीदी गई थी। महिलाएं रजिस्ट्री करवाने के लिए पलवल तहसील पहुंची तो मामले का खुलासा हुआ। महिलाओं द्वारा 30 व 50 गज के छोटे-छोटे प्लॉट खरीदे जा रहे थे। सोमवार को लघु सचिवालय में आयोजित समाधान शिविर में डीड राइटर ने रजिस्ट्री न करने की शिकायत की तो जिला उपायुक्त डॉ. हरीश कुमार ने मामले की जांच कराने के निर्देश दिए।
सोमवार को समाधान शिविर में पहुंचे डीड राइटर ने शिकायत की थी कि उनकी रजिस्ट्री नहीं की जा रही है। रजिस्ट्री के लिए सभी पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध कराने के बाद भी कर्मचारी टाल-मटोल कर रहे हैं। इस पर जिला उपायुक्त ने कहा कि आप बांग्लादेश की महिलाओं की रजिस्ट्री कराने के लिए पहले भी आए थे। इस पर डीड राइटर ने रजिस्ट्री के लिए भारत का आधार कार्ड व गवाह नंबर एक व दो के हस्ताक्षर होने की बात कही। इस पर जिला उपायुक्त ने मामले की जांच के निर्देश देते हुए कहा कि रजिस्ट्री के लिए आवेदन करने वाले के आधार कार्ड की जांच की जाए। वहीं, गवाहों से उनसे रिश्ते व जानकारी के बारे में जानकारी जुटाई जाए। जानकारी के मुताबिक प्रशासन को संदेह है कि बांग्लादेश से आए रोहिग्याओं द्वारा झारखंड व पश्चिम बंगाल के आधार कार्ड बनवाए जाते हैं। ये लोग दिल्ली व हरियाणा के अलग-अलग क्षेत्रों में रह रहे हैं। जेवर एयरपोर्ट के नजदीक प्रॉपर्टी डीलरों से 30 से 50 गज जमीन के छोटे-छोटे प्लाट खरीद जा रहे हैं। 2022-23 में कई एग्रीमेंट पंजीकृत भी किए गए हैं। प्रापर्टी डीलरों ने बड़े स्तर पर बांग्लादेशी महिलाओं के नाम एग्रीमेंट किए हुए हैं। मामले में महिलाओं का सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हो रहा है।
जिसमें महिलाओं द्वारा कहा जा रहा है कि वे दिल्ली में रहती हैं और उनका एक घर बांग्लादेश में भी है। उन्होंने साल 2016 में जमीन खरीदी थी। वे साल 2022 में भी रजिस्ट्री करवाने के लिए आईं थी, परंतु रजिस्ट्री नहीं की जा रही है। जेवर एयरपोर्ट के चलते खादर क्षेत्र में बसे 19 गांवों को कंट्रोल एरिया में शामिल किया है। इन गांवों में जमीन बेचने के लिए नगर योजनाकार विभाग के एनओसी लेनी अनिवार्य है। ऐसे में इन गांवों में प्लॉटों की बिक्री होना भी संदेह के घेरे में है। जानकारी के मुताबिक जेवर एयरपोर्ट के चलने इन गांवों में जमकर प्लॉटिंग की जा रही है। जिन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। मामले की जांच के लिए एसपी चंद्रमोहन को जांच के लिए पत्र लिखा गया है।
Also Read- Uttarakhand News: शिविर में 19 लोगों की ब्लड प्रेशर ब्लड शुगर की नि:शुल्क जांच दवाइयां वितरण।
बांग्लादेशी महिलाओं ने जेवर एयरपोर्ट के नजदीक पलवल के गांव नंगलिया, बागपुर, सोलडा व आसपास के गांवों में प्रॉपर्टी डीलरों से छोटे-छोटे प्लॉटों का एग्रीमेंट किया हुआ है। शुक्रवार को तीन-चार महिलाएं रजिस्ट्री के लिए आईं, लेकिन दस्तावेजों पर संदेह होने के चलते रजिस्ट्री नहीं की गई। आधार कार्ड, गवाह नंबर एक और दो के साथ जमीन बेचने वाले, प्रापर्टी डीलर व एग्रीमेंट लिखने वालों की भी जांच करने की मांग की गई है। वही तहसीलदार प्रेम प्रकाश की माने तो सोशल मीडिया पर हो रहे वायरल वीडियो के आधार पर पलवल डीसी ने उन्हें इसकी जांच के लिए निर्देश दिए। जिनके निर्देशानुसार उन्होंने एक शिकायत पलवल एसपी को देकर इस मामले की जांच करने के लिए कहा। हालांकि मामले की असल सच्चाई पुलिस जांच के बाद ही सामने पाएगी।
What's Your Reaction?






