Delhi Blast : दिल्ली लाल किला कार धमाके में शाहीन के बाद भाई परवेज की गिरफ्तारी, जैश-ए-मोहम्मद से सीधे लिंक मिला

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, डॉ शाहीन शाहिद को हरियाणा के Al Falah University (Faridabad) से गिरफ्तार किया गया था, जहां उन्होंने पढ़ाई और भाग-भाग की भूमि

Nov 11, 2025 - 23:07
 0  36
Delhi Blast : दिल्ली लाल किला कार धमाके में शाहीन के बाद भाई परवेज की गिरफ्तारी, जैश-ए-मोहम्मद से सीधे लिंक मिला
Delhi Blast : दिल्ली लाल किला कार धमाके में शाहीन के बाद भाई परवेज की गिरफ्तारी, जैश-ए-मोहम्मद से सीधे लिंक मिला

नई दिल्ली : राजधानी के नज़दीक ऐतिहासिक स्थल लाल किला (Red Fort) के किनारे हुई कार धमाके की जांच अब एक बड़े आतंकी साजिश की ओर बढ़ती नजर आ रही है। इस बीच सबसे बड़ी चाल यह रही कि पहले गिरफ्तार हुई डॉक्टर डॉ शाहीन शाहिद (Dr Shaheen Shahid) के बाद अब उनके भाई डॉ परवेज अन्सारी (Dr Parvez Ansari) की गिरफ्तारी हुई है, जिससे इस मामले में एक परिवार द्वारा संचालित आतंकी नेटवर्क होने की संभावना और मजबूत हुई है। जांच एजेंसियों का मानना है कि इस नेटवर्क का संबंध पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश‑ए‑मोहम्मद (JeM) से सीधे जुड़ा हुआ है।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, डॉ शाहीन शाहिद को हरियाणा के Al Falah University (Faridabad) से गिरफ्तार किया गया था, जहां उन्होंने पढ़ाई और भाग-भाग की भूमिका निभाई थी। जांच एजेंसियों के मुताबिक उन्हें JeM की महिलाओं की शाखा, जमात‑उल‑मुमिनात (Jamaat-ul-Mominaat) का भारत में गठन करने का काम सौंपा गया था। उनके भाई डॉ परवेज अन्सारी को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में उनके पारिवारिक ठिकानों की छान-बीन के बाद हिरासत में लिया गया है।

जांच के इस मोड़ ने यह संकेत दिया है कि धमाका सिर्फ वाहन धमाका नहीं था बल्कि एक सुनियोजित आतंकी प्रयास हो सकता है, जिसमें एक चिकित्सकीय पेशे में लगे नेटवर्क ने लॉजिस्टिक, भर्ती, वित्त व संचार जैसे कार्य किए होंगे। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि शाहीन के कार में से असॉल्ट राइफल और कारतूस बरामद होने की जानकारी मिली है।

सूत्र बताते हैं कि इस नेटवर्क में शामिल सदस्यों ने छिपकर सोशल मीडिया, मैसेजिंग ऐप्स व विश्वविद्यालय आधारित प्रोफेशनल प्लेटफार्म का उपयोग किया। शाहीन को JeM की पाकिस्तान में सक्रिय महिलाओं की शाखा की अध्यक्षता करने वाले सादिया अज़हर (Sadia Azhar) से संपर्क में होने का भी संदेह है।

इस तरह के खुलासों ने इस घटना को सिर्फ एक स्थानीय घटना से बढ़कर राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती बना दिया है। धमाके में इस्तेमाल कार, विस्फोटक सामग्री, डॉक्टरों की भागीदारी, पुराने नेटवर्क शामिल होना—all मिलकर यह दर्शाते हैं कि कहीं-ना-कहीं बड़ी गहरी साजिश रची गई थी।

हालाँकि अभी तक इस बात की पूरी पुष्टि नहीं हुई है कि JeM का शीर्ष नेतृत्व इस धमाके का सीधे आदेशदाता था अथवा शाहीन-परवेज के नेटवर्क ने स्वतंत्र रूप से यह जमीन-काम किया था। लेकिन जांच एजेंसियों ने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण सुराग पाए हैं। उदाहरण के तौर पर उन्होंने माना है कि डॉक्टर शाहीन को भारत में JeM की महिलाओं को भर्ती करने, ऑपरेशन सेटअप करने और वित्तीय तथा संचार नेटवर्क बनाने का जिम्मा दिया गया था।

जांच में अब तक सामने आए मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं :

  • शाहीन और परवेज दोनों ही चिकित्सकीय पृष्ठभूमि से जुड़े हैं, जिससे यह मानना आसान है कि इस तरह का नेटवर्क प्रोफेशनल लेयर में स्थापित किया गया था।

  • इस नेटवर्क का मुख्य लिंक Faridabad-लखनऊ-दिल्ली का त्रिकोण है, जहाँ विश्वविद्यालय, अस्पताल व हॉस्टल की लोकेशन्स शामिल हैं।

  • इस मामले में बड़े पैमाने पर विस्फोटक सामग्री मिली है, जो स्थानीय स्तर की घटना से कहीं अधिक तैयार रूप ले चुकी थी।

  • चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत लोगों के शामिल होने से इस तरह के आतंकी मॉड्यूल की भयावहता और बढ़ जाती है क्योंकि यह छुपे-छुपे काम कर सकते थे।

  • केंद्रीय एजेंसियों ने इस घटना को UAPA (Unlawful Activities (Prevention) Act) और आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत दर्ज किया है और पूरा केस National Investigation Agency (NIA) को सौंपा गया है।

सरकारी स्तर पर इस घटना को बेहद गंभीर माना गया है। गृह मंत्री ने कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी नेटवर्क उजागर हों। सुरक्षा बलों ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।

क्या करना बाकी है:

  • शाहीन और परवेज के संपर्क-संपत्तियों, बैंक लेन-देन, सोशल नेटवर्क की जाँच हो रही है।

  • विश्वविद्यालयों, अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में ऐसे प्रोफेशनल नेटवर्क की छान-बीन तेज की गई है।

  • विदेश से चल रहे चैनल, सोशल मीडिया मॉड्यूल और फंडिंग का पता लगाया जा रहा है।

  • दिल्ली-एनसीआर व आसपास के बड़े सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है ताकि इस तरह की वारदात पुनः न हो सके।

इस तरह यह मामला सिर्फ एक धमाके का नहीं बल्कि उस संगठनात्मक बदलाव का प्रतीक है जिसमें आतंकी समूह अब पारंपरिक तरीके से नहीं बल्कि पेशेवर लेयर, मेडिकल प्रोफेशनल और सामाजिक प्लेटफार्मों के माध्यम से सक्रिय हो रहे हैं। डॉक्टरों का नाम जुड़ना, विश्वविद्यालयों का लिंक निकलना तथा महिलाओं की शाखा बनाने की योजना इस दिशा में गंभीर संकेत हैं।

Also Click : Hardoi : जिलाधिकारी की अध्यक्षता में निर्वाचक नामावली पुनरीक्षण की समीक्षा बैठक हुई

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow