Delhi Blast : क्या जैश-ए-मोहम्मद और मसूद अज़हर का हाथ था दिल्ली धमाके में? जांच में सामने आ रही कई बातें
धमाका उस समय हुआ जब एक सफेद Hyundai i20 कार मोटे-मोटे ट्रैफिक सिग्नल पर रुकी थी, फिर उनमें विस्फोट हुआ।कार की पंजीकरण जानकारी, पिछले मालिक और राज्य-
राजधानी के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल Red Fort के पास हुई कार धमाके की जांच अब एक बेहद गंभीर दिशा में आगे बढ़ रही है। शुरुआत में इसे एक दुर्घटना या तकनीकी खराबी मानने की संभावना थी, लेकिन अब अधिकांश जांच एजेंसियों का निष्कर्ष है कि यह संगठित आतंकी हमला हो सकता है। इसमें खास रूप से पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन Jaish-e-Mohammed (JeM) तथा उसके नेता मसूद अज़हर के नाम सामने आए हैं।
जांचकर्ताओं के अनुसार, इस धमाके में उपयोग किया गया है कार, उसमें रखे विस्फोटक, और संदिग्धों का नेटवर्क सब कुछ JeM की पहचान से मेल खा रहा है। एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने कहा है कि JeM ने “श्वेत-पोश (white-collar) मॉड्यूल” तैयार किया था जिसमें मेडिकल प्रोफेशनल, डॉक्टर, एजेंट और आतंकी नेटवर्क शामिल थे, और यह मॉड्यूल भारतीय राजधानी में वाहन आधारित आत्मघाती हमला करने की योजना बना रहा था।
विश्लेषण यह भी दिखा रहा है कि धमाका उस समय हुआ जब एक सफेद Hyundai i20 कार मोटे-मोटे ट्रैफिक सिग्नल पर रुकी थी, फिर उनमें विस्फोट हुआ।कार की पंजीकरण जानकारी, पिछले मालिक और राज्य-सीमा पार से आने-जाने का सुराग भी मिल रहा है। जांच में सामने आया है कि यह वाहन पूर्व में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा क्षेत्र से संबंध रखने वाले व्यक्ति के नाम से जुड़ी थी।
लिहाजा सवाल उठ रहा है: क्या ये सब केवल संयोग है या इस हमले के पीछे JeM का हाथ है? इस प्रश्न के जवाब में वर्तमान स्थिति इस प्रकार है
पहला, सुराग-सबूत
जांच में पता चला है कि हरियाणा के फरीदाबाद से लगभग 2,900 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ जब्त किया गया था, जिनमें अमोनियम नाइट्रेट शामिल था।इस सामग्री से यह संभावना बन रही है कि वही या उससे मिलती-जुलती सामग्री इस कार धमाके में भी उपयोग की गई हो।
इसके अलावा, कई डॉक्टरों को संदिग्धों के रूप में हिरासत में लिया गया है इनमें Shaheen Shaheed नामक डॉक्टर हैं जिनके ऊपर आरोप है कि उन्होंने JeM की महिलाओं की शाखा बनाने का काम संभाला था।
दूसरा, संगठन-शैली
JeM की पिछली कई वारदातों में वाहन-आधारित बम हमले, विशेष रूप से कार बम, समयित किए गए हैं। जांच में यह बात सामने आई है कि इस धमाके की तैयारी में उसी तरह का पैटर्न था वाहन द्वारा लक्षित स्थान तक आना-रुकना, विस्फोट करना। JeM के संस्थापक मसूद अज़हर ने पिछले कुछ महीनों में भारत के अंदर प्रतिशोध की अपील की थी, विशेष रूप से मई 2025 में भारत द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद।
तीसरा, हाल की पूछताछ एवं एजेंसियों का रुख
निर्धारित एजेंसियों जैसे कि National Investigation Agency (NIA) इस मामले को ‘आतंकवाद की धारा’ यानी Unlawful Activities (Prevention) Act (UAPA) के अंतर्गत दर्ज कर चुकी है। गृह मंत्री ने कहा है कि “सभी कोणों से जांच चलनी है” और किसी भी संभावना को खारिज नहीं किया जा रहा।
हालाँकि, अभी तक अंतिम प्रमाण नहीं जुटाए गए हैं जो सीधे यह कह सकें कि मसूद अज़हर ने खुद इस हमले का निर्देशन दिया है। एजेंसियाँ इसे एक संभावित JeM मॉड्यूल के हिस्से के रूप में देख रही हैं, जिसमें ऑनलाइन ऑडियो क्लिप्स, सोशल मीडिया मैसेजिंग चैनल, सीमा पार संचालित नेटवर्क का हिस्सा होने की छान-बीन हो रही है।
इसलिए, जब पूछा जाए कि “क्या मसूद अज़हर की साजिश थी?”, वर्तमान में उत्तर यह होगा कि- संभावना बहुत है लेकिन पूरी तरह से पुष्टि नहीं हुई है।
उदाहरण के लिए, एक मीडिया रिपोर्ट इस तरह कहती है:
“Investigators said the Pakistan-based group had cultivated a network of radicalised doctors to plan vehicle-borne suicide attacks in the national capital.”
इसी तरह, एक अन्य रिपोर्ट बताती है कि JeM के भारत-संबंधी नेटवर्क की छान-बीन चल रही है और वह यहीं तक सीमित नहीं है कि यह सिर्फ एक वाहन धमाका था; बल्कि यह एक बड़े प्लान का हिस्सा हो सकता है।
अब बात आती है कि JeM आतंकी इतने “बौखलाए” क्यों दिख रहे हैं? इसके पीछे कई कारण सामने आ रहे हैं:
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भारत द्वारा सीमा पार की घटनाओं पर कार्रवाई बढ़ी है, जिसमे ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियान शामिल हैं, जिसने JeM के ठिकानों व नेटवर्क को क्षति पहुंचाई थी।
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JeM अपने पुराने मॉडल – कश्मीर-केन्द्रित उग्र प्रतिक्रिया – से आगे बढ़कर अब भारत के अंदर बड़े सार्वजनिक स्थलों पर हमला कर अपनी क्षमता दिखाना चाहता है, ताकि वे अपनी राजनीतिक व मानसिक सफलता का संदेश दें।
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हाल के महीनों में एजेंसियों ने कई छापे मारे हैं, नेटवर्क पकड़े हैं, इसलिए दबाव में आने पर JeM ने अधिक धीरे-धीरे, कम सुसंगठित रूप से हमला करने का रास्ता अपनाया हो सकता है, जिससे वे “पैनिक” मोड में चले गए हैं जांच में ऐसा संकेत मिल रहा है कि दिल्ली धमाके में ड्राइवर ने घबराहट में विस्फोट को समय से पहले ट्रिगर कर दिया था।
इस तरह की चुनौतियाँ आगे की दिशा-निर्देश तय करती हैं कि स्थिति कितनी गंभीर है। भारत की राजधानी में किसी प्रमुख स्थल के पास इस तरह की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था को काफी सवालों के घेरे में ला दिया है।
अभी आगे क्या हो रहा है, इसे भी ध्यान देना महत्वपूर्ण है:
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फोरेंसिक विश्लेषण चल रहा है कि विस्फोटक किस प्रकार का था, अमोनियम नाइट्रेट का कौन-सा मिश्रण था, कहाँ से आया था।
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संदिग्ध डॉक्टरों, कार मालिकों, वाहन के पंजीकरण और मालिक-बदलाव की पूरी श्रृंखला जांच में है।
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डिजिटल ट्रेल यानी सोशल मीडिया, मैसेजिंग ऐप्स, ऑडियो क्लिप्स का विश्लेषण जारी है, जिन्होंने JeM-संबंधित निर्देश व अपील भेजी हों, इस पर काम हो रहा है।
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सीमा-पार सहयोग, नकदी प्रवाह, लॉजिस्टिक्स चैनल, हथियार एवं विस्फोटक आपूर्ति का नेटवर्क विखंडित करने की दिशा में प्रयास चल रहे हैं।
इस पूरे घटनाक्रम से यह निष्कर्ष निकलता है कि हम केवल एक हादसे की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि एक सुनियोजित आतंकी प्रयास की संभावना बहुत अधिक है, जिसमें JeM और उसके मस्तिष्क मसूद अज़हर का नाम प्रमुख है। हालांकि अभी “पूरी तरह प्रमाणित” नहीं हुआ है कि वे सीधे इस हमले के पीछे थे, लेकिन संकेत बहुत स्पष्ट हैं।
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