Hardoi : राजघाट गंगा तट पर सुविधाओं की मांग, गंगा समग्र संगठन ने सौंपी रिपोर्ट
प्रशासनिक योजनाएं लटकी हुई हैं। स्थानीय लोग कहते हैं कि गंगा तट के प्रति यह उपेक्षा राजनीतिक असंवेदनशीलता का चिन्ह है। गंगा समग्र का यह कदम जनता के बीच
हरदोई। गंगा समग्र जिला हरदोई अवध प्रांत ने बिलग्राम उपजिलाधिकारी को मांग पत्र सौंपा है। यह पत्र अब केवल प्रशासनिक विषय नहीं रह गया, बल्कि राजनीतिक दलों की उदासीनता को भी सामने ला रहा है। पौराणिक राजघाट गंगा तट पर हर साल हजारों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आते हैं, लेकिन वहां आज भी पक्का घाट, पीने का पानी, शौचालय और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। संगठन ने अपनी मांगों में जनता की परेशानियों को उठाया है। साथ ही यह भी बताया कि सत्ता में बैठे राजनीतिक दलों ने वर्षों से राजघाट के विकास को चुनावी मुद्दा बनाकर छोड़ दिया। केंद्र और प्रदेश दोनों जगह सत्ता पक्ष की सरकार होने के बावजूद राजघाट का विकास अधूरा है।
प्रशासनिक योजनाएं लटकी हुई हैं। स्थानीय लोग कहते हैं कि गंगा तट के प्रति यह उपेक्षा राजनीतिक असंवेदनशीलता का चिन्ह है। गंगा समग्र का यह कदम जनता के बीच सवाल खड़ा कर रहा है कि क्या धार्मिक आस्था के इस स्थान को विकास से दूर रखना राजनीतिक कमजोरी है या जानबूझकर की गई अनदेखी? संगठन के प्रतिनिधियों का कहना है कि अब समय आ गया है कि राजनीति से ऊपर उठकर जनता की आस्था और सुविधाओं को महत्व दिया जाए। इससे राजघाट गंगा तट का सम्मान फिर से बहाल हो सके।
जिला गंगा समिति ने पहले फरवरी और मार्च 2025 की बैठकों में भागीरथी द्वार बनाने की मांग की थी, जिस पर जिला मजिस्ट्रेट ने अभियंताओं को नोडल अधिकारी नामित किया है। एक्सईएन ने बिलग्राम कन्नौज मुख्य मार्ग से राजघाट जाने वाले मार्ग पर द्वार के स्थान का चयन कर लोक निर्माण विभाग को सूचित किया है। जिला परियोजना अधिकारी अश्वनी कुमार मिश्र ने द्वार के निर्माण की पुष्टि की है।
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