Sitapur: बिना तकनीकी विशेषज्ञ के निष्पक्ष जांच कैसे संभव, अधीनस्थों को बचाने में जुटा प्रशासन, दिव्यांगजन अधिकारी की एकल टीम को सौंपी जांच खारिज।
पसनैका गांव के लोगों द्वारा ऐलिया ब्लॉक मुख्यालय इमलिया सुल्तानपुर पर चल रहा अनिश्चितकालीन धरना सातवें दिन भी जारी रहा। सातवें दिन ब्लॉक कर्मचारी जब

इमलिया सुल्तानपुर/सीतापुर। पसनैका गांव के लोगों द्वारा ऐलिया ब्लॉक मुख्यालय इमलिया सुल्तानपुर पर चल रहा अनिश्चितकालीन धरना सातवें दिन भी जारी रहा। सातवें दिन ब्लॉक कर्मचारी जब जिलाधिकारी के हस्ताक्षर वाली जांच आदेश की प्रति धरने पर लेकर पहुंचे, तो इसमें जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी राजकुमार को एकल जांच अधिकारी बनाए जाने पर ग्रामीण नाराज हो गए। उन्होंने सवाल उठाया कि तकनीकी जांच कौन करेगा। अवर अभियंता स्तर के अधिकारी को टीम में शामिल क्यों नहीं किया गया। इससे साफ जाहिर होता है कि जिले के अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को बचाने की साजिश रच रहे हैं, जो स्वीकार्य नहीं है। क्योंकि कुछ महीने पहले ऐलिया ब्लॉक के रामपुर टिकवापारा गांव के प्रधान की शिकायत पर मनरेगा कार्यों की जांच हुई थी। दोष साबित होने पर सचिव, तकनीकी सहायक और रोजगार सेवक को नोटिस दिए गए थे।
लेकिन जांच रिपोर्ट में तकनीकी जांच अवर अभियंता स्तर के अधिकारी से न होने के कारण सभी दोषी अदालत से राहत पाकर फिर से भ्रष्टाचार में लग गए। ऐसी स्थिति में शिकायत करने वालों का हौसला टूट जाता है। वर्तमान में स्वतंत्र नौकरशाही आम नागरिकों के अधिकारों का हनन करने में जुटी है। नौकरशाही की यह जिद सरकार को भारी नुकसान पहुंचा रही है। जबकि धरने पर बैठे पांच लोग रविवार से भूख हड़ताल पर हैं। उनकी हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। दो लोगों का रक्तचाप कम हो चुका है। सभी का वजन घटता जा रहा है। इसकी पूरी रिपोर्ट लखनऊ से धरने पर पहुंची एसआईओ माधुरी देवी ने दर्ज की और पंचायत घर, सामुदायिक शौचालय, स्कूल शौचालय व सीमा दीवार आदि की जांच कर सबूत लिए हैं। फिर भी जिले में एसी कमरों में बैठे अधिकारी धरना स्थल पर न जाकर अपनी चालें चल रहे हैं, तो धरने पर बैठे ग्रामीण पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उनकी मांग के अनुसार ग्राम पंचायत के जूनियर स्कूल में शौचालय निर्माण और पंचायत भवन की सफाई जोरों पर चल रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि पहले की जांचों में तकनीकी कमियों के कारण भ्रष्टाचारियों को बचाया गया, जिससे मनरेगा जैसे योजनाओं में अनियमितताएं बढ़ी हैं। धरना जारी रहने से ब्लॉक कार्यालय का कामकाज प्रभावित हो रहा है, और ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक तकनीकी विशेषज्ञ वाली निष्पक्ष टीम नहीं बनेगी, वे हटेंगे नहीं। जिला प्रशासन के सूत्रों से पता चला है कि उच्च स्तर पर इस मामले की समीक्षा हो रही है, लेकिन अभी कोई बदलाव नहीं किया गया।
Also Read- Sitapur: मिशन शक्ति 5,0 के तहत छात्रा दीक्षा विमल डीएम व पूजा भारती एक दिन की बनी एसपी।
What's Your Reaction?






