Lucknow : बिजली विभाग को मुख्यमंत्री योगी का साफ़ संदेश- ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग और अनावश्यक कटौती नहीं चलेगी
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जून 2025 में उत्तर प्रदेश ने रिकॉर्ड 31,486 मेगावाट की अधिकतम बिजली मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस दौरान 16,930 मिलिय
शुक्रवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने बिजली आपूर्ति में हो रही समस्याओं, जैसे ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग और अनावश्यक कटौती, पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिजली अब केवल तकनीकी या प्रशासनिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह जनता के भरोसे और सरकार की संवेदनशीलता का प्रतीक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग और अनावश्यक कटौती किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सुधार करना अनिवार्य है, और लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
बिजली आपूर्ति की स्थिति
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जून 2025 में उत्तर प्रदेश ने रिकॉर्ड 31,486 मेगावाट की अधिकतम बिजली मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस दौरान 16,930 मिलियन यूनिट बिजली की आपूर्ति की गई।
भीषण गर्मी और उमस के बावजूद शहरी क्षेत्रों में औसतन 24 घंटे, तहसील स्तर पर 21.5 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गई। हालांकि, कई क्षेत्रों से ट्रिपिंग, ओवरलोडिंग और गलत बिलिंग की शिकायतें मिलीं, जिन पर मुख्यमंत्री ने कड़ा रुख अपनाया।
बिजली उत्पादन और भविष्य की योजनाएं
वर्तमान में उत्तर प्रदेश की बिजली उत्पादन क्षमता 11,595 मेगावाट है, जिसमें थर्मल, जलविद्युत, नवीकरणीय ऊर्जा और केंद्रीय परियोजनाएं शामिल हैं। घाटमपुर, खुर्जा, पनकी और मेजा जैसी नई परियोजनाओं के पूरा होने पर अगले दो वर्षों में यह क्षमता 16,000 मेगावाट से अधिक हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने इन परियोजनाओं की निरंतर निगरानी और समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कृषि फीडरों को अलग करने और ट्यूबवेलों को सौर ऊर्जा से जोड़ने की प्रक्रिया को तेज करने को भी कहा।
ट्रिपिंग और तकनीकी सुधार
मुख्यमंत्री ने ट्रिपिंग की शिकायतों पर गहरी नाराजगी जताई और प्रत्येक फीडर की तकनीकी जांच करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कमजोर बिंदुओं की पहचान कर तुरंत सुधार करने और जहां जरूरत हो, वहां ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता बढ़ाने को कहा। उन्होंने जोर दिया कि फील्ड से मिलने वाली शिकायतों का समाधान समय पर हो, ताकि जनता को राहत मिले।
बिलिंग व्यवस्था में सुधार
बिलिंग को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक उपभोक्ता को हर महीने समय पर सटीक और स्पष्ट बिल मिलना चाहिए। ओवरबिलिंग और गलत बिलिंग जैसी शिकायतें विभाग की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाती हैं। उन्होंने ऐसी गड़बड़ियों को पूरी तरह रोकने के निर्देश दिए। अब तक 31 लाख उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर से जोड़ा जा चुका है, और यह अभियान ब्लॉक स्तर तक तेजी से बढ़ रहा है।
जवाबदेही और संसाधनों की उपलब्धता
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को याद दिलाया कि सरकार ने बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण के लिए रिकॉर्ड बजट और संसाधन उपलब्ध कराए हैं। उन्होंने कहा कि न तो बिजली की कमी है, न ही धन की। इसलिए, लापरवाही के लिए कोई बहाना स्वीकार नहीं किया जाएगा। प्रत्येक डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनी) को अपनी रणनीति बनाकर लाइन लॉस को चरणबद्ध तरीके से कम करने और जवाबदेही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
उपभोक्ता सुविधा के लिए कदम
हाल ही में योगी सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए कई कदम उठाए हैं। 21 और 22 जुलाई 2025 को बिल सुधार शिविरों का आयोजन किया गया, जहां गलत बिलों का सुधार, नए कनेक्शन, भार वृद्धि और अन्य शिकायतों का समाधान किया गया। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने निर्देश दिए कि उपभोक्ताओं को अनावश्यक दस्तावेज नहीं मांगने पड़ें और विभाग अपने रिकॉर्ड के आधार पर शिकायतों का समाधान करे। 1912 हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों की नियमित निगरानी के लिए भी कहा गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया कि बिजली आपूर्ति में सुधार और उपभोक्ता शिकायतों का त्वरित समाधान सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने ऊर्जा विभाग को चेतावनी दी कि अगर व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। यह बैठक उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था को मजबूत करने और जनता का भरोसा बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हाल के महीनों में, सरकार ने बिजली चोरी रोकने, अवैध कनेक्शनों पर कार्रवाई और स्मार्ट मीटरिंग को बढ़ावा देने जैसे कदमों पर भी ध्यान केंद्रित किया है।
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