Hardoi: जनपद में शुरू हुआ पुरुष नसबंदी पखवारा, पखवारे की थीम - स्वस्थ एवं खुशहाल परिवार,पुरुष सहभागिता से ही होगा यह सपना साकार। 

पुरुष नसबंदी पखवारा शुरू हुआ है जो कि चार दिसम्बर तक चलेगा | इस सम्बन्ध में मिशन निदेशक, उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन

Nov 21, 2025 - 18:50
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Hardoi: जनपद में शुरू हुआ पुरुष नसबंदी पखवारा, पखवारे की थीम - स्वस्थ एवं खुशहाल परिवार,पुरुष सहभागिता से ही होगा यह सपना साकार। 
जनपद में शुरू हुआ पुरुष नसबंदी पखवारा, पखवारे की थीम - स्वस्थ एवं खुशहाल परिवार,पुरुष सहभागिता से ही होगा यह सपना साकार। 

हरदोई: जनपद में 21 नवम्बर से पुरुष नसबंदी पखवारा शुरू हुआ है जो कि चार दिसम्बर तक चलेगा | इस सम्बन्ध में मिशन निदेशक, उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा सभी जनपदों के सम्बन्धित अधिकारियों को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। इसको लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भवनाथ पांडे ने बताया कि 21 नवम्बर से चार दिसम्बर तक चलने वाले पुरुष नसबंदी पखवारे की थीम है – “स्वस्थ एवं खुशहाल परिवार,पुरुष सहभागिता से ही होगा यह सपना साकार |” थीम के अनुसार परिवार नियोजन में पुरुष सहभागिता पर जोर दिया गया है | परिवार नियोजन केवल महिला की नहीं बल्कि पुरुष की भी जिम्मेदारी है। 

यह पखवारा दो चरणों में आयोजित होगा | जहाँ पहला चरण मोबिलाइजेशन फेज 21 से 27 नवम्बर तक चलेगा जिसके तहत लोगों को आशा कार्यकर्ता, एएनएम सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी पुरुष नसबंदी के बारे में जागरूक करेंगे व अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे तथा इच्छुक दम्पतियों की पहचान करेंगे तथा 28 से चार दिसबर तक सेवा प्रदायगी पखावरा आयोजित होगा जिसमें सभी सीएचसी तथा जिला अस्पताल में नियत सेवा दिवस के माध्यम से प्रशिक्षित सर्जन द्वारा सेवाएं दी जायेंगी | इसके साथ ही मोबिलाइजेशन फेज के दौरान परिवार नियोजन में बेटे और सास की भागीदारी  सुनिश्चित करने के लिए हर आशा कार्यकर्ता द्वारा अपने अपने क्षेत्रों में सास-बेटा- बहु सम्मलेन का आयोजन किया जायेगा |  24 से 27 नवम्बर तह शहरी क्षेत्र सहित हर ब्लाक पर तीन सारथी वाहन चलाये जायेंगे जिसके माध्यम से लोगों को स्थायी और अस्थायी परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जागरूक किया जायेगा। 

नोडल अधिकारी डॉ. अरविन्द सचान ने बताया कि पुरुष नसबंदी, नॉन स्केल्प्टेल वेस्क्टोमी(एनएसवी) विधि द्वारा की जाती है जो कि  पूरी तरह से सुरक्षित है | इसमें में कोई चीरा कांटा लगाये प्रशिक्षित सर्जन द्वारा 10 मिनट का एक सरल ऑपरेशन किया जाता है | ऑपरेशन के दो दिन बाद व्यक्ति सामान्य काम तथा एक सप्ताह के बाद भारी काम कर सकता है | नसबंदी की सेवा अपनाने के बाद न तो पुरुषों में कमजोरी आती है और न ही पुरुषों की यौन क्षमता प्रभावित होती  है | व्यक्ति वैवाहिक सुख का पूरा आनंद लेता है | नसबंदी अपनाने के तीन माह हीयह  प्रभावशाली होती है क्योंकि शुक्रवाहिनी में पहले से मौजूद शुक्राणुओं को वीर्य के साथ बाहर निकलने में तीन माह का समय लगता है |  नसबंदी की सेवा अपनाने वाले पुरुष को 3000 रुपये की क्षतिपूर्ती राशी तथा प्रेरक को प्रति लाभार्थी 400 रूपये मिलते हैं |  पुरुष नसबंदी, महिला नसबंदी की अपेक्षा काफी आसान है | नसबंदी को लेकर मानक हैं कि नसबंदी की सेवा वह व्यक्ति अपना सकते हैं जिनकी आयु 60 साल से कम हो, जिनका कम से कम एक साल का बच्चा हो, बच्चा लड़का या लड़की कोई भी हो सकता है | जिनका परिवार पूरा हो गया हो |

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