Pune News: मंदिर-मस्जिद विवाद पर मोहन भागवत ने जताई चिंता, बोले- हर दिन नया मामला उठाना गलत।
महाराष्ट्र के पुणे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत सहजीवन व्याख्यानमाला के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे। जहां पर उन्होंने कहा कि...

अशरफ अंसारी की रिपोर्ट-
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर एक बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि हर दिन देखा जा रहा है कि नहीं नहीं मामले आ रही है ऐसा गलत है। हमें दुनिया को सद्भावना से जुड़ा संदेश देना है और उसी के साथ चलना है।
- कुछ लोगों को लगता है वे हिंदुओं के बड़े नेता बन जायेंगे
महाराष्ट्र के पुणे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत सहजीवन व्याख्यानमाला के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे। जहां पर उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में धार्मिक सहिष्णुता और समावेशिता को बढ़ावा देने का सभी को कम करना चाहिए। वहीं अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोग इसे एक राजनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल करके "हिंदुओं के नेता" बनने की कोशिश कर रहे हैं, जो उनकी दृष्टि में स्वीकार्य नहीं है।
भागवत ने भारतीय समाज की बहुलता को उजागर करते हुए बताया कि हमारे देश में विभिन्न धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं, और हमें इस विविधता का सम्मान करना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, उन्होंने रामकृष्ण मिशन का उल्लेख किया, जहां क्रिसमस मनाया जाता है, जिससे यह साबित होता है कि भारत में विभिन्न धर्मों का सम्मान किया जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि यह सद्भावना और धार्मिक सहिष्णुता का आदर्श केवल भारत ही दिखा सकता है, क्योंकि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर है। उनका मानना है कि अगर हमें दुनिया को यह सद्भावना और एकता का संदेश देना है, तो हमें खुद इसे एक ठोस मॉडल के रूप में प्रस्तुत करना होगा।
हर दिन नया विवाद उठाया जा रहा।
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मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण हिंदुओं की आस्था से जुड़ा हुआ था और यह एक ऐतिहासिक निर्णय था, जिसे किसी अन्य विवाद से जोड़ा नहीं जाना चाहिए। भागवत ने एक सवाल उठाया कि जब हर दिन कोई नया विवाद उठता है, तो ऐसे विवादों को कैसे बढ़ने दिया जा सकता है, क्योंकि इससे समाज में तनाव और असहमति बढ़ सकती है।
भारत को यह दिखाना चाहिए कि वह विविधताओं के बावजूद एकजुट रह सकता है। आगे कहा कि किसी भी धार्मिक या सांस्कृतिक विवाद को राजनीतिक और सामाजिक फायदा उठाने के लिए उठाना सही नहीं है, क्योंकि यह देश की एकता और शांति के लिए खतरे की घंटी हो सकती है।
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