Sitapur : सपनों को उड़ान भरने के लिए खुले आसमान की जरूरत होती है- बबीता चौहान
महाविद्यालय की बालिकाओं को संबोधित करते हुए बबीता चौहान ने कहा कि भविष्य को सुंदर आकार देना हर बालिका का अधिकार है। समय को व्यर्थ न गंवाकर स
Report : संदीप चौरसिया INA NEWS ब्यूरो सीतापुर
सीतापुर। मिशन शक्ति फेज-5 के तहत दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महाविद्यालय, खैराबाद में बालिकाओं के लिए जागरूकता कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान, सदस्य सुजीता कुमारी, उपजिलाधिकारी धामनी एम दास, जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रिया पटेल और सीओ सिटी नेहा त्रिपाठी उपस्थित रहीं।
महाविद्यालय की बालिकाओं को संबोधित करते हुए बबीता चौहान ने कहा कि भविष्य को सुंदर आकार देना हर बालिका का अधिकार है। समय को व्यर्थ न गंवाकर सकारात्मक सोच से सकारात्मक दिशा में लगाएं। उन्होंने कहा कि सपनों को उड़ान भरने के लिए खुले आसमान की जरूरत होती है। समाज, घर और परिवार को आगे आना चाहिए। महिलाएं कुछ नहीं कर सकतीं, यह सोचना गलत है। आज कठिन काम बालिकाएं ही कर रही हैं। सुनीता विलियम्स, मदर टेरेसा, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर वनिका सिंह ने देश का नाम रोशन किया है। संसाधनों की कमी हो तो भी हार न मानें। जितना कर सकें, सफल प्रयास करें और अच्छे समाज का निर्माण करें। बबीता चौहान ने कहा कि बड़े पद पर पहुंचें तो भी संस्कार न भूलें। संस्कारों से ही संस्कृति बची रहती है।
राज्य महिला आयोग की सदस्य सुजीता कुमारी ने बालिकाओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और लक्ष्य प्राप्ति पर जोर दिया।
उपजिलाधिकारी धामनी एम दास ने कहा कि हर चीज के दो पहलू होते हैं। एक नकारात्मक तो दूसरा सकारात्मक। समाज पुरुष प्रधान है और पुरुष महिलाओं की उन्नति से खुश नहीं होते, यह भ्रम है। ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए पुरुष समाज से लड़ना जरूरी नहीं। उन्होंने अपना उदाहरण दिया कि उनके पद पर पहुंचने में पिता का बड़ा योगदान है। पिता, भाई और पति हर रूप में पुरुष एक जैसे नहीं होते। सोशल मीडिया पर गलत खबरें फैलती हैं, उनसे बचें। सकारात्मक तथ्यों को ही अपनाएं।
सीओ सिटी नेहा त्रिपाठी ने बालिकाओं को साइबर अपराध से बचाव के लिए टोल फ्री नंबर 1090, 181, 1076, 112, 102 और 108 की जानकारी दी। सतर्क रहने की सलाह दी।
जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रिया पटेल ने विभाग की योजनाओं के बारे में बताया। इनका लाभ बड़े स्तर पर लें। सशक्त बनने के लिए लक्ष्य तय करें। शिक्षा ही वह हथियार है, जिससे सशक्त बन सकते हैं। इसके लिए प्रयास करें।
महाविद्यालय की छात्राओं ने महिला सशक्तिकरण पर भाषण दिए। कुछ बालिकाओं ने अपने सपनों के बारे में बताया कि वे क्या बनना चाहती हैं और समाज के लिए क्या करेंगी। उसके बाद कार्यक्रम समाप्त हुआ। शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग और महिला कल्याण विभाग ने इसे सफल बनाया।
इसके बाद विकास भवन सभागार में आठ महिलाओं की जनसुनवाई हुई। निराश्रित महिला पेंशन, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना और मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के पांच-पांच लाभार्थियों को प्रशस्ति पत्र दिए गए।
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