बिहार चुनाव 2025: कांग्रेस टिकट बंटवारे पर तारिक अनवर का भेदभाव का आरोप, कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी, गजानंद शाही का टिकट कटने पर उठे सवाल। 

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नामांकन प्रक्रिया से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर हंगामा मच गया है। कटिहार से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर ने पार्टी के

Oct 18, 2025 - 17:38
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बिहार चुनाव 2025: कांग्रेस टिकट बंटवारे पर तारिक अनवर का भेदभाव का आरोप, कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी, गजानंद शाही का टिकट कटने पर उठे सवाल। 
बिहार चुनाव 2025: कांग्रेस टिकट बंटवारे पर तारिक अनवर का भेदभाव का आरोप, कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी, गजानंद शाही का टिकट कटने पर उठे सवाल। 

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नामांकन प्रक्रिया से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर हंगामा मच गया है। कटिहार से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर ने पार्टी के उम्मीदवार चयन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि टिकट वितरण में भेदभाव हुआ है, जिससे कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है। अनवर ने शेखपुरा जिले की बरबीघा विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए कहा कि 2020 के चुनाव में मात्र 113 वोटों से हारने वाले पूर्व विधायक गजानंद शाही उर्फ मुन्ना शाही का टिकट काट दिया गया, जबकि 30 हजार से ज्यादा वोटों से हारने वाले उम्मीदवारों को दोबारा मौका मिला। यह बयान 17 अक्टूबर 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया गया, जिसके बाद पार्टी के अंदर खलबली मच गई। अनवर का यह बयान महागठबंधन की एकता पर सवाल खड़ा करता है, जहां सीट बंटवारे को लेकर पहले से ही विवाद चल रहा है। कांग्रेस ने 15 अक्टूबर को पहली सूची में 48 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए थे, लेकिन कई स्थानीय नेताओं को टिकट न मिलने से बगावत की आशंका बढ़ गई है। पटना एयरपोर्ट पर प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अल्लावरू की गाड़ी पर हमले जैसी घटनाएं भी इसी नाराजगी का नतीजा हैं।

तारिक अनवर बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, जिनका राजनीतिक सफर लंबा और रोचक रहा है। उनका जन्म 16 नवंबर 1956 को किशनगंज जिले के एक मुस्लिम परिवार में हुआ। वे जदयू से शुरूआत कर 2009 में कांग्रेस में शामिल हुए। 2014 और 2019 में कटिहार से लोकसभा जीतकर वे केंद्रीय मंत्री बने। अनवर को पार्टी में मुस्लिम वोट बैंक का मजबूत चेहरा माना जाता है। बिहार चुनाव को लेकर वे सक्रिय रहे और महागठबंधन की मजबूती पर जोर देते रहे। लेकिन टिकट सूची जारी होने के बाद उनका गुस्सा फूट पड़ा। एक्स पर पोस्ट में उन्होंने लिखा, "पूर्व विधायक गजानंद शाही उर्फ मुन्ना शाही पिछले विधानसभा चुनाव में मात्र 113 मतों से पराजित हुए थे। इस बार उनकी टिकट काट दी गई है। वहीं, जो उम्मीदवार पिछले चुनाव में 30 हजार से अधिक मतों से हार चुके थे, उन्हें फिर से अवसर दिया गया है।" अनवर ने कहा कि यह चयन प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं लग रही। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अल्लावरू से कड़े सवाल पूछे कि मापदंड क्या था। अनवर का मानना है कि 2020 में मुन्ना शाही को प्रशासन ने हरवाया था, फिर भी उन्हें मौका नहीं मिला। यह बयान पार्टी के अंदर के असंतोष को उजागर करता है।

कांग्रेस ने बिहार चुनाव के लिए पहली सूची में 48 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। इनमें बरबीघा से इस बार नए चेहरे को टिकट दिया गया। गजानंद शाही 2020 में भाजपा के सुर्यकांत यादव से 113 वोटों से हारे थे। कुल वोट 1.2 लाख पड़े थे और मतदान 55 प्रतिशत रहा। शाही के समर्थक कहते हैं कि वे स्थानीय मुद्दों पर मजबूत थे, लेकिन ऊपर से दबाव में टिकट कट गया। अनवर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है। कई जिलों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। पटना एयरपोर्ट पर 15 अक्टूबर को अल्लावरू की गाड़ी पर पथराव हुआ, जहां कार्यकर्ताओं ने 5 करोड़ में टिकट बेचने का आरोप लगाया। पुलिस ने 10 लोगों को हिरासत में लिया। अनवर ने कहा कि यह भेदभाव कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ रहा है। पार्टी को इसे ठीक करना चाहिए। बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राम ने कहा कि सूची अंतिम नहीं है और बदलाव संभव हैं। लेकिन अनवर ने इसे खारिज करते हुए कहा कि अब नामांकन शुरू हो चुके हैं, देर हो चुकी है।

यह विवाद महागठबंधन की कमजोरी को दिखाता है। बिहार चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे, नतीजे 14 नवंबर को। कुल 243 सीटें हैं। महागठबंधन में आरजेडी सबसे बड़ी है, जो 144 सीटें लेगी। कांग्रेस को 58-60 सीटें मिल रही हैं, लेकिन विवाद 10-15 पर है। 2020 में कांग्रेस को 70 सीटें मिलीं, जिनमें से 1 जीती। इस बार प्रदर्शन सुधारने का दबाव है। अनवर ने कहा कि नई पार्टियां जैसे वीआईपी और लिबरेशन शामिल होने से सीटें कम हुईं। लेकिन चयन में पारदर्शिता होनी चाहिए। मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी ने भी नाराजगी जताई। आरजेडी ने कहा कि सीट बंटवारा अंतिम चरण में है। तेजस्वी यादव ने एकता का आह्वान किया। लेकिन एनडीए ने मजाक उड़ाया। नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष टूट रहा है। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस में आंतरिक कलह से फायदा होगा। अनवर ने एनडीए पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।

बिहार की राजनीति जातिगत समीकरणों पर टिकी है। बरबीघा में यादव, कुर्मी और मुस्लिम वोट प्रमुख हैं। शाही यादव समुदाय से हैं, जिनका वोट आरजेडी को जाता है। टिकट कटने से महागठबंधन का वोट बंट सकता है। अनवर ने कहा कि कार्यकर्ता निराश हैं, जो चुनाव प्रभावित करेगा। सोशल मीडिया पर #CongressTicketScam ट्रेंड कर रहा है। अनवर के पोस्ट को 50 हजार लाइक्स मिले। कार्यकर्ता रैलियां निकाल रहे हैं। पार्टी ने शांति की अपील की। अनवर ने कहा कि वे हाईकमान से बात करेंगे। सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पत्र लिखने की बात कही। यह विवाद पहले चरण के नामांकन को प्रभावित कर रहा है। 18 अक्टूबर तक नामांकन भरने हैं। कई उम्मीदवार निर्दलीय उतर सकते हैं।

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