Lucknow News: मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता में गुणात्मक वृद्धि की जाए, विभागीय जलाशयों के आवंटन की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी करा लिया जाये - डा0 संजय कुमार निषाद
उत्तर प्रदेश के मत्स्य विकास कैबिनेट मंत्री डा0 संजय कुमार निषाद ने कहा है कि प्रदेश में मछुआ समुदाय, मत्स्य पालन एवं मत्स्य व्यवसाय....

- मत्स्य पालन की योजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए
- योजनाओं का लाभ निष्पक्ष एवं पारदर्शी रूप से सभी पात्र लोगों को मिले
- निर्धारित लक्ष्यों को पूरा न करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही होगी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मत्स्य विकास कैबिनेट मंत्री डा0 संजय कुमार निषाद ने कहा है कि प्रदेश में मछुआ समुदाय, मत्स्य पालन एवं मत्स्य व्यवसाय हेतु संचालित विभिन्न योजनओं का व्यापक रूप के प्रचार-प्रसार किया जाये ताकि ग्रामीण एवं शहरी वर्गों के लोग मत्स्य पालन को व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित हो और अधिक से अधिक रोजगार का सृजन हो। जनपदों से लाभार्थी चयन की प्रक्रिया,कार्यों में अनियमिता एवं भुगतान के संबंध में शिकायतें प्राप्त होने पर तत्काल समाधान किया जाए। राज्य सरकार मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता में गुणात्मक वृद्धि करते हुए आजीविका हेतु मत्स्य व्यवसाय पर निर्भर गरीब मछुआ परिवारों का सामाजिक एवं आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विभागीय जलाशयों के आवंटन की प्रक्रिया 30 जून तक पूरा कराने के भी निर्देश दिये।
मत्स्य विकास मंत्री ने आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में समीक्षा बैठक की। बैठक में मंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेश में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए और मछुआ समुदाय की आय को बढ़ाने के लिए वृहद कार्ययोजना बनाकर समयबद्ध रूप से कार्य किया जाए। कार्य के प्रति अधिकारियों और कर्मचारियों की जबाबदेही तय की जाये और अपनी जिम्मेदारियों और लक्ष्यों को समय पर पूरा न करने वालों पर कार्यवाही की जायेगी। अधिकारी जनपदों में प्रत्येक स्तर पर योजनाओं का अनुश्रवण कर सुनिश्चित करें। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना,मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना,निषादराज बोट योजना,मत्स्य पालक कल्याण कोष एवं अन्य सभी योजनाओं का लाभ निष्पक्ष एवं पारदर्शी रूप से पात्र लोगांे को मिलता रहे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को मत्स्य उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है ताकि अन्य राज्यों पर मत्स्य बीज, मत्स्य आहार आदि के लिए निर्भर न रहना पड़े।
डॉ निषाद ने कहा कि मुख्यमंत्री के उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प में मत्स्य विभाग की अहम एवं सार्थक भूमिका है। उन्होंने बताया कि मत्स्य विभाग में संसाधनों को बढ़ाते हुए तकनीकि और आधुनिकता का समावेश किया जाये ताकि मत्स्य विभाग प्रदेश में प्रथम स्थान पर आ सके। मत्स्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में सघन मत्स्य पालन के लिए नयी तकनीकों जैसे रीसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम, एकीकृत मत्स्य पालन, बायोफ्लॉक आदि को अपनाने हेतु मत्स्य उद्यमियों को प्रेरित किया जाए।
मत्स्य विकास मंत्री ने सहकारी समितियो के गठन, पट्टे प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, मछुआ किसान क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना,निषाद राज बोट योजना, सघन मत्स्य पालन हेतु एरेशन सिस्टम की स्थापना तथा उत्तर प्रदेश मत्स्य पालक कल्याण कोष के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। मंत्री ने विभागीय समस्याओं से अवगत होते हुये सभी समस्याओं का शीघ्र निराकरण किये जाने का आश्वासन दिया।
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बैठक में मत्स्य विभाग के प्रमुख सचिव के रविंद्र नायक ने विभागीय योजनाओं के बारे में विस्तार से मंत्री जी को अवगत कराया और प्राप्त निर्देशों का यथाशीघ्र अनुपालन किये जाने हेतु आश्वस्त किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद स्तर पर लाभार्थियों से प्राप्त शिकायतों का तुरंत निराकरण किया जाए और सभी पात्र लोगों को योजनाओं का पूरा लाभ दिया जाना सुनिश्चित किया जाए। ऐसा न करने पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी।
बैठक में महानिदेशक,मत्स्य,राजेश प्रकाश, निदेशक एम0एस0 रहमानी, मुख्य महाप्रबंधक उत्तर प्रदेश मत्स्य विकास निगम लिमिटेड,एवं प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश मत्स्य जीवी सहकारी संघ लिमिटेड, प्रदेश के समस्त उपनिदेशक ,सहायक निदेशक मत्स्य एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पालक विकास अभिकरण सहित अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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