Viral News: ज्योति मल्होत्रा की जासूसी कहानी: ISI के हनीट्रैप में फंसी यूट्यूबर, पिता ने खोली पोल, विदेशी ऐश और पैसे का लालच बना कारण

हालांकि, पुलिस जांच में सामने आया कि ज्योति की ये विदेश यात्राएं और शानदार जीवनशैली ISI के जाल का हिस्सा थीं। वह 2023 में पाकिस्तान वीजा के लिए दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग गई ....

May 18, 2025 - 23:10
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Viral News: ज्योति मल्होत्रा की जासूसी कहानी: ISI के हनीट्रैप में फंसी यूट्यूबर, पिता ने खोली पोल, विदेशी ऐश और पैसे का लालच बना कारण
Photo: Social Media

हरियाणा के हिसार की मशहूर ट्रैवल यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) की गिरफ्तारी ने पूरे देश में सनसनी मचा दी है। 'ट्रैवल विद जो' नाम से सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स वाली ज्योति पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के लिए जासूसी करने का गंभीर आरोप है। 16 मई 2025 को हिसार के न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन से गिरफ्तार ज्योति को 17 मई को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया।

जांच में खुलासा हुआ कि ज्योति फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल्स और ISI एजेंट्स के हनीट्रैप में फंस गई थी। उसके पिता हरीश कुमार मल्होत्रा ने मीडिया से बातचीत में कई चौंकाने वाले खुलासे किए, जिसने इस मामले को और रहस्यमयी बना दिया। यह कहानी न केवल जासूसी की साजिश को उजागर करती है, बल्कि सोशल मीडिया के दुरुपयोग और युवाओं को लालच में फंसाने की ISI की रणनीति को भी सामने लाती है।

ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra): एक ट्रैवल यूट्यूबर से जासूस तक का सफर

ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra), हिसार की रहने वाली 28 वर्षीय ट्रैवल व्लॉगर, अपने यूट्यूब चैनल 'ट्रैवल विद जो' के जरिए लाखों लोगों के बीच लोकप्रिय थी। उसके यूट्यूब पर 3.77 लाख, इंस्टाग्राम पर 1.3 लाख, और फेसबुक पर 3.2 लाख फॉलोअर्स हैं। ज्योति ने पिछले दो सालों में तीन बार पाकिस्तान, एक बार चीन, और यूएई, बांग्लादेश, भूटान, व थाईलैंड की यात्राएं कीं। उसकी वीडियोज में विदेशी संस्कृति, खानपान, और पर्यटन स्थलों की झलक दिखती थी, जिसने उसे सोशल मीडिया पर स्टार बना दिया।

हालांकि, पुलिस जांच में सामने आया कि ज्योति की ये विदेश यात्राएं और शानदार जीवनशैली ISI के जाल का हिस्सा थीं। वह 2023 में पाकिस्तान वीजा के लिए दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग गई थी, जहां उसकी मुलाकात एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुई। दानिश, जो उच्चायोग में कार्यरत था, ने ज्योति को अपने जाल में फंसाया और उसे जासूसी के लिए प्रेरित किया। 13 मई 2025 को भारत सरकार ने दानिश को जासूसी के आरोप में 'पर्सोना नॉन ग्राटा' घोषित कर देश से निष्कासित कर दिया।

ISI का हनीट्रैप और ज्योति का फंसना

पुलिस के अनुसार, ज्योति को फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल्स के जरिए ISI ने अपने जाल में फंसाया। उसे महंगे गिफ्ट्स, डिजिटल पेमेंट्स, और विदेशी यात्राओं का लालच दिया गया। पाकिस्तान की उसकी यात्राओं के दौरान ISI के संदिग्धों, जैसे अली आहवान, शाकिर, और राणा शहबाज, ने उसके ठहरने और घूमने-फिरने का पूरा इंतजाम किया। ज्योति को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी कि वह सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान की सकारात्मक छवि पेश करे और भारत विरोधी प्रचार को बढ़ावा दे।

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X पर कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया कि ज्योति को ISI ने "हैंडसम एजेंट्स" और "VIP ट्रीटमेंट" के जरिए लुभाया, जिसने उसे ऐशो-आराम और पैसे के लिए देशद्रोह की राह पर ले गया। एक पोस्ट में कहा गया, "पाकिस्तान के फाइव स्टार होटल में बैठकर भारत के खिलाफ जासूसी करना — यही था ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) का प्रेम जाल में फंसकर चुना हुआ रास्ता।" हालांकि, ये दावे पूरी तरह सत्यापित नहीं हैं, लेकिन जांच में ज्योति के मोबाइल और लैपटॉप से संदिग्ध सामग्री और ISI अधिकारियों के संपर्क नंबर मिले हैं।

ज्योति ने भारत लौटने के बाद सोशल मीडिया के जरिए संवेदनशील जानकारी, जैसे सैन्य ठिकानों और ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी जानकारियां, ISI तक पहुंचाईं। उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंट्स के साथ नियमित संपर्क बनाए रखा और डिजिटल माध्यमों से भारत विरोधी नैरेटिव को बढ़ावा दिया।

पिता की इनसाइड स्टोरी: ज्योति की जिंदगी का अनछुआ पहलू

ज्योति के पिता हरीश कुमार मल्होत्रा, जो बिजली विभाग से रिटायर्ड कर्मचारी हैं, ने मीडिया से बातचीत में कई हैरान करने वाली बातें बताईं 17 मई 2025 को अमर उजाला से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ज्योति की मां से उनका तलाक हो चुका है, और वह ज्योति की मां से कोई संपर्क नहीं रखते। उन्होंने बताया कि ज्योति पहले दिल्ली में 20 हजार रुपये की नौकरी करती थी, लेकिन 2020 में लॉकडाउन के बाद वह हिसार लौट आई और यूट्यूब पर वीडियो बनाने लगी।

हरीश ने कहा, "मुझे नहीं पता कि ज्योति यूट्यूब से कितना कमाती थी, और मैंने कभी नहीं पूछा। दिल्ली में वह 12 हजार रुपये किराया देती थी, लेकिन अब मकान मेरा है।" उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें नहीं पता कि ज्योति पाकिस्तान के अलावा और किन देशों में गई थी। पिता के बयान से यह साफ होता है कि ज्योति की जिंदगी और उसकी गतिविधियों के बारे में उनके परिवार को ज्यादा जानकारी नहीं थी। कुछ X यूजर्स ने पिता के इस रवैये पर सवाल उठाए, एक पोस्ट में लिखा गया, "पिता को बेटी की कमाई और विदेश यात्राओं की कोई जानकारी नहीं? यह कैसे संभव है?" 

हालांकि, हरीश ने ज्योति के जासूसी कांड पर कोई सीधा बयान नहीं दिया, लेकिन उनके बयानों से यह संकेत मिलता है कि ज्योति की आर्थिक महत्वाकांक्षा और स्वतंत्र जीवनशैली ने उसे ISI के जाल में फंसने के लिए प्रेरित किया हो सकता है। लॉकडाउन के बाद नौकरी छूटने और यूट्यूब पर सफलता की चाहत ने उसे जल्दी पैसा कमाने के रास्ते पर धकेल दिया।

जासूसी नेटवर्क और कैराना कनेक्शन

ज्योति की गिरफ्तारी पंजाब के मलेरकोटला में गजाला और यामीन मोहम्मद की गिरफ्तारी के बाद हुई, जिन्होंने पूछताछ में ज्योति समेत अन्य जासूसों के नाम उजागर किए। यह पूरा नेटवर्क ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत में ISI की बढ़ती जासूसी गतिविधियों का हिस्सा है। जांच में उत्तर प्रदेश के कैराना का नाम भी बार-बार सामने आ रहा है, जिसे इस जासूसी नेटवर्क का एक अहम केंद्र माना जा रहा है।

कैराना के नोमान इलाही, जो 10 मई 2025 को पानीपत से गिरफ्तार हुआ था, को ISI का बड़ा मोहरा बताया जा रहा है। कैराना के कई मुस्लिम परिवारों के रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते हैं, और कुछ युवक ISI के हैंडलर बन चुके हैं। 2021 में दरभंगा रेलवे स्टेशन पार्सल ब्लास्ट और 1995 में 361 पिस्तौलों के साथ इकबाल काना की गिरफ्तारी भी कैराना से जुड़ी थी, जिससे इस क्षेत्र की संदिग्ध गतिविधियों का इतिहास सामने आता है।

कानूनी कार्यवाही और जांच

ज्योति के खिलाफ सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन, हिसार में 16 मई 2025 को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 और ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923 की धाराओं 3, 4, और 5 के तहत मामला दर्ज किया गया। उसे 17 मई को कोर्ट में पेश किया गया, और 22 मई को दोबारा पेश किया जाएगा। पुलिस ने उसके मोबाइल, लैपटॉप, क्लाउड डेटा, और सोशल मीडिया चैट्स की फोरेंसिक जांच शुरू कर दी है।

हिसार के डीएसपी कमलजीत ने बताया कि ज्योति से पूछताछ में कई अहम सुराग मिले हैं, और केंद्रीय एजेंसियां भी इस मामले की जांच में शामिल हैं। ज्योति के साथ गिरफ्तार अन्य पांच संदिग्धों में गजाला, यामीन मोहम्मद, और कैराना के कुछ लोग शामिल हैं। यह मामला केवल जासूसी तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत की आंतरिक सुरक्षा को कमजोर करने की एक संगठित साजिश का हिस्सा माना जा रहा है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

X पर इस मामले ने तीखी प्रतिक्रियाएं पैदा कीं। एक यूजर ने लिखा, "ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) को ISI ने पैसा, होटल, और शानो-शौकत दी, और वह देशद्रोही बन गई।" एक अन्य पोस्ट में कहा गया, "ISI इस कमजोरी को जानता है। ज्योति को ट्रैप करने के लिए सबसे हैंडसम एजेंट्स लगाए होंगे।" कुछ यूजर्स ने इसे सामाजिक और धार्मिक मुद्दे से जोड़ा, लेकिन कई लोगों ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का गंभीर मामला बताते हुए कड़ी सजा की मांग की। एक पोस्ट में लिखा गया, "हरियाणा-पंजाब से 6 जासूस पकड़े गए, ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) ने खुद कई राज उगले।"

सामाजिक और सुरक्षा निहितार्थ

ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) का मामला सोशल मीडिया के दुरुपयोग और ISI की नई रणनीति को उजागर करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ISI भारतीय युवाओं, खासकर सोशल मीडिया प्रभावितों को टारगेट कर रही है, जो आर्थिक लालच या भावनात्मक कमजोरियों का शिकार हो सकते हैं। यह मामला करतारपुर कॉरिडोर और अन्य माध्यमों के दुरुपयोग को भी सामने लाता है, जिसके जरिए ISI भारतीय नागरिकों को भर्ती कर रही है।

ज्योति की गिरफ्तारी ऑपरेशन सिंदूर के बाद दूसरा बड़ा जासूसी कांड है, जिसमें हरियाणा और पंजाब के छह लोग पकड़े गए हैं। यह घटना भारत की खुफिया एजेंसियों के लिए एक चेतावनी है कि सोशल मीडिया पर निगरानी और साइबर सुरक्षा को और मजबूत करना होगा।

ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) की जासूसी कहानी एक साधारण यूट्यूबर से देशद्रोही बनने की दुखद गाथा है। ISI के हनीट्रैप, विदेशी ऐश, और पैसे के लालच ने उसे राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ काम करने के लिए प्रेरित किया। उसके पिता के बयान इस बात की पुष्टि करते हैं कि ज्योति की महत्वाकांक्षा और स्वतंत्र जीवनशैली ने उसे इस जाल में फंसने के लिए कमजोर बनाया। यह मामला न केवल ज्योति की व्यक्तिगत विफलता है, बल्कि यह सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल और युवाओं को लुभाने की ISI की रणनीति को भी उजागर करता है। जांच अभी जारी है, और आने वाले दिनों में इस नेटवर्क के और खुलासे होने की संभावना है। यह घटना हर भारतीय के लिए एक सबक है कि देश की सुरक्षा के प्रति सतर्कता और जिम्मेदारी जरूरी है।

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