Viral News: अब पूरे गांव को बता दिया वक्फ की संपत्ति, कहा- टैक्स जमा करो या जमीन खाली करो, डीएम के दर पहुंचे ग्रामीण

वेल्लोर के पास कट्टुकोलाई गांव में भूमि स्वामित्व को लेकर विवाद छिड़ गया है, यहां 150 से अधिक परिवारों को नोटिस मिला है, जिसमें दावा किया गया है कि उनकी संपत्ति वक्फ भूमि है। कथित तौर पर विरिंची....

Apr 16, 2025 - 00:32
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Viral News: अब पूरे गांव को बता दिया वक्फ की संपत्ति, कहा- टैक्स जमा करो या जमीन खाली करो, डीएम के दर पहुंचे ग्रामीण

By INA News.

वक्फ कानून पर देशभर के कई हिस्सों में मचे बवाल के बीच तमिलनाडु के तिरुचेंदुरई गांव में भी हाल ही में विवाद हुआ था, जिसके बाद वेल्लोर जिले के कट्टुकोलाई गांव के निवासियों को भी झटका लगा है। उन्हें आधिकारिक नोटिस मिला है जिसमें उनकी जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित किया गया है। जानकारी के मुताबिक, यह नोटिस फरवरी में सैयद अली सुल्तान शाह दरगाह के नाम पर जारी किया गया था। इसमें दावा किया गया है कि विवादित जमीन दरगाह की है और वक्फ बोर्ड के स्वामित्व में है।

वेल्लोर के पास कट्टुकोलाई गांव में भूमि स्वामित्व को लेकर विवाद छिड़ गया है, यहां 150 से अधिक परिवारों को नोटिस मिला है, जिसमें दावा किया गया है कि उनकी संपत्ति वक्फ भूमि है। कथित तौर पर विरिंचीपुरम में सैयद अली सुल्तान शाह दरगाह द्वारा जारी किए गए नोटिस में मांग की गई है कि निवासी या तो जमीन खाली कर दें या दरगाह अधिकारियों को कर देना शुरू करें। गांव के निवासियों ने दावा किया कि उन्हें स्थानीय मस्जिद-दरगाह के प्रशासन से नोटिस मिला है, जिसमें उनकी जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि नोटिस में उन्हें किराया, शुल्क देने या खाली करने के लिए कहा गया है।

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ग्रामीणों ने मामले की जांच करने और न्याय दिलाने के लिए वेल्लोर जिला कलेक्टर वीआर सुब्बुलक्ष्मी को याचिका दी है। ग्रामीणों ने कहा कि वे लगभग तीन-चार पीढ़ियों से गांव में रह रहे हैं और अब अचानक उन्हें नोटिस मिला है। इससे ग्रामीण परेशान हैं। 150 निवासियों से कहा गया कि या तो वो अपने घर छोड़कर चले जाएं या फिर जमीन का किराया चुकाएं।

गांव वालों को कलेक्टर से आश्वासन मिला है कि फिलहाल उन्हें एक भी रुपया देने की जरूरत नहीं। उधर परेशान ग्रामीणों ने वेल्लोर जिला कलेक्टर के कार्यालय तक मार्च किया और एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई। हिंदू संगठन द्वारा समर्थित इस प्रदर्शन के बाद निवासियों ने भूमि स्वामित्व विवाद पर सुरक्षा और स्पष्टता की मांग की। उन्होंने कहा कि उनमें से कई के पास सरकार द्वारा जारी आधिकारिक भूमि दस्तावेज हैं। स्थानीय किसानों ने कहा कि यह जमीन हमारी आजीविका का एकमात्र स्रोत है और अब हमें इसे खाली करने या दरगाह को किराया देने के लिए कहा जा रहा है। इससे भय और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।

  • पढ़िए ग्रामीणों और दरगाह के लोगों का...

साथम ने कहा, "मेरे पास सारे दस्तावेज हैं जो यह दिखाते हैं कि यह जमीन हमारे वक्फ की है। यहां के ग्रामीण भी जानते हैं कि यह ज़मीन मस्जिद से जुड़ी संपत्ति है।" उन्होंने यह भी साफ़ किया कि ग्रामीणों से भवन का किराया या अन्य कर नहीं मांगा गया है, बल्कि सिर्फ भूमि का किराया मांगा गया है। "मैंने केवल ज़मीन का किराया देने के लिए नोटिस भेजा है। ये सभी दस्तावेज में सरकार और हमारे वक्फ बोर्ड को सौंपने वाला हूं। ताकि वे इस पर उचित कार्रवाई कर सकें।" अब इस पूरे मामले में ग्रामीणों की याचिका, वक्फ बोर्ड के दावे और प्रशासन की जांच के बाद ही तस्वीर साफ हो सकेगी।

कटुकोलाई गांव में रहने वाले एक ग्रामीण ने मीडिया को बताया कि, "हमारे पास ज़मीन के रजिस्ट्रेशन के कागजात हैं, हम नियमित रूप से वाटर टैक्स भी भरते हैं। लेकिन अब हमें एक नोटिस मिला है जिसमें लिखा है कि ये जमीन वक्फ की संपत्ति है।" ग्रामीण इस मुद्दे को लेकर कानूनी मदद लेने की तैयारी में हैं और प्रशासन से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। हिंदू मुन्नानी के स्थानीय पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि वक्फ बोर्ड की ओर से भेजे गए नोटिस में दावा किया गया है कि गांव की जमीन वक्फ की संपत्ति है। जबकि गांव के लोग चार पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं और उन्होंने सभी जरूरी करों का भुगतान भी किया है।

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