देवबंद आईएनए न्यूज़: बुलडोजर से न्याय नहीं न्याय का कत्ल होता है: मदनी
सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरोपियों के घरों पर बुलडोजर कार्रवाई को लेकर की गई टिप्पणी का दोनों जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्षों मौलाना अरशद मदनी....

- जमीयत के दोनों अध्यक्ष मौलाना अरशद व मौलाना महमूद मदनी ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को स्वागत किया
देवबंद। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरोपियों के घरों पर बुलडोजर कार्रवाई को लेकर की गई टिप्पणी का दोनों जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्षों मौलाना अरशद मदनीऔर मौलाना महमूद मदनी ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा की बुलडोजर से न्याय नहीं बल्कि न्याय का कत्ल होता है।मंगलवार को जारी बयान में मौलाना अरशद मदनी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा कई राज्यों में चल रहे बुलडोजर कार्रवाई पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी करना कि अगर कोई आरोपी है तो उसका घर कैसे ध्वस्त हो सकता है चाहे वह अपराधी ही क्यों न हो,उसकी संपत्ति ध्वस्त नहीं की जा सकती स्वागत योग्य है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिशा निर्देश तैयार किए जाने के बाद राज्य सरकारें उन्हें लागू करने के लिए कानूनी रुप से बाध्य होंगी और हमें उम्मीद है कि अंतिम निर्णय भी पीड़ितों के पक्ष में होगा। कहा कि पीड़ितों को मानवता के आधार पर बिना किसी भेदभाव के न्याय दिलाना तथा सेवा करना हमारा मिशन है और जमीयत उन सभी लोगों के लिए न्याय चाहती है जिन पर बुलडोजर चलाया गया है। वहीं,मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि बुलडोजर से न्याय नहीं, बल्कि न्याय का कत्ल होता है।
जिस तरह से बुलडोजर की कार्रवाई की जाती है उससे एक पूरे समुदाय को सजा दी जाती है। किसी आरोपी का घर गिरने से केवल उसे नहीं बल्कि पूरे परिवार को नुकसान उठाना पड़ता है। मौलाना मदनी ने कहा कि एक तरफ सरकारें महिलाओं के संरक्षण की बात करती हैं और दूसरी तरफ कुछ ही वर्षों में डेढ़ लाख मकानों को गिरा दिया। इनमें सबसे अधिक नुकसान महिलाओं, बच्चों और बूढ़ों को हुआ है। जिनका कोई कसूर ही नहीं है।मौलाना महमूद ने कहा कि न्याय के लिए जमीयत चुप नहीं बैठेगी और हर संभव संघर्ष करती रहेगी।
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