नेपाल में उग्र आंदोलन, भारत-नेपाल सीमा 24 घंटे के लिए बंद, आंदोलन ने लिया हिंसक रूप
भारत की ओर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और स्थानीय पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा बल पूरी तरह तैयार हैं। नोमेंस
नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन अब हिंसक रूप ले चुका है। इसकी आंच भारत-नेपाल सीमा तक पहुंच गई है। बहराइच जिले के रुपईडीहा बॉर्डर को हाई अलर्ट पर रखा गया है और 24 घंटे के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया है। नेपाल के बांके जिले में प्रदर्शनकारियों ने नेपालगंज के कस्टम कार्यालय, जांच चौकी और पुलिस अधीक्षक कार्यालय को आग के हवाले कर दिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सीमा पर तनाव का माहौल है।
भारत की ओर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और स्थानीय पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा बल पूरी तरह तैयार हैं। नोमेंस लैंड पर भारी भीड़ जमा होने की खबर है, जिसके चलते सीमा पार आवाजाही पर सख्ती बरती जा रही है। केवल वैध पहचान पत्र दिखाने वालों को ही सीमा पार करने की अनुमति दी जा रही है।
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की है। नेपाल में जारी हिंसा और अशांति का असर दोनों देशों के बीच व्यापार और आवाजाही पर पड़ रहा है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में चिंता बढ़ गई है।
सुरक्षा व्यवस्था का जायजा
एसएसबी की 42वीं वाहिनी के कमांडेंट गंगा सिंह उदावत, बहराइच के पुलिस अधीक्षक राम नयन सिंह, उपजिलाधिकारी नानपारा मोनालिसा जौहरी और क्षेत्राधिकारी प्रद्युम्न सिंह ने रुपईडीहा बॉर्डर पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। सुरक्षा बलों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों के जरिए सीमा पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
नेपाल में आंदोलन की शुरुआत
नेपाल में 3 सितंबर को सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, व्हाट्सएप और एक्स सहित 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार का कहना था कि इन प्लेटफॉर्म्स ने नेपाल के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में पंजीकरण नहीं कराया। इस फैसले के खिलाफ युवाओं और छात्रों ने विरोध शुरू किया, जिसे 'जेन-जेड क्रांति' कहा जा रहा है। काठमांडू से शुरू हुआ यह आंदोलन अब वीरगंज, जनकपुर, नेपालगंज, पोखरा, बिराटनगर और चितवन जैसे शहरों तक फैल गया है।
प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। सोमवार को काठमांडू में प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन के बैरिकेड्स तोड़कर परिसर में घुसने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस के साथ झड़प हुई। पुलिस ने आंसू गैस, वाटर कैनन और रबर बुलेट्स का इस्तेमाल किया। कई जगहों पर गोलीबारी की खबरें भी आईं, जिसमें 20 से अधिक लोगों की मौत और 300 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है।
नेपाल सरकार का रुख
हालात बिगड़ने के बाद नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया। देर रात 8 सितंबर को आपात कैबिनेट बैठक के बाद सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटाने का ऐलान किया, लेकिन प्रदर्शनकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन जारी रखने पर अड़े हैं। काठमांडू, नेपालगंज, बिराटनगर और अन्य शहरों में कर्फ्यू लागू है और सेना तैनात की गई है।
भारत पर असर
नेपाल में बिगड़ते हालात के चलते भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बिहार के सात जिलों पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया, सुपौल, पूर्वी चंपारण और किशनगंज के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत में सीमा सील कर दी गई है। जोगबनी और गौरीफंटा बॉर्डर पर भी आवाजाही बंद है।
बहराइच के रुपईडीहा बॉर्डर पर व्यापारियों का कहना है कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के कारण ऑर्डर और भुगतान की जानकारी साझा करने में दिक्कत हो रही है। स्थानीय निवासियों को भी नेपाल में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से संपर्क करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
काठमांडू में कर्फ्यू और सेना की तैनाती
काठमांडू में संसद भवन, राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री आवास के आसपास भारी सुरक्षा बल तैनात हैं। कई शहरों में रात 9 बजे से सुबह तक कर्फ्यू लागू है। त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, जिसके कारण एयर इंडिया और इंडिगो ने दिल्ली-काठमांडू उड़ानें रद्द कर दी हैं।
नेपाल के निवासी अमृत गिरी ने कहा, "सोशल मीडिया पर प्रतिबंध से सरकार की गलत नीतियां सामने आ रही थीं। इसे रोकने के लिए बैन लगाया गया, लेकिन युवा अब भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर हैं।" एक अन्य निवासी लक्ष्मण देव पाल ने इसे 'जेन-जेड की हड़ताल' बताया और कहा कि यह आंदोलन अब केवल सोशल मीडिया तक सीमित नहीं है।
नेपाल में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह आंदोलन भ्रष्टाचार और आर्थिक संकट के खिलाफ जनता के गुस्से का परिणाम है। भारत-नेपाल सीमा पर सख्ती के कारण व्यापार और पर्यटन पर असर पड़ सकता है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह दी है।
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