Sambhal : पंजाब के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जुलूस-ए-मोहम्मदी में टीम हकीम सुबहान का स्टॉल लगाकर किया चंदा

टीम हकीम सुबहान के सदस्यों ने जुलूस में शामिल लोगों से अपील की कि वे अपनी क्षमता अनुसार बाढ़ प्रभावित परिवारों की मदद के लिए आगे आएं। उन्होंने लोगों को बताया कि पंजाब के कई जिलों में आई भ

Sep 5, 2025 - 17:05
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Sambhal : पंजाब के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जुलूस-ए-मोहम्मदी में टीम हकीम सुबहान का स्टॉल लगाकर किया चंदा
पंजाब के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जुलूस-ए-मोहम्मदी में टीम हकीम सुबहान का स्टॉल लगाकर किया चंदा

Report : उवैस दानिश, सम्भल

ईद मिलादुन्नबी के मौके पर शुक्रवार को जुलूस-ए-मोहम्मदी बड़े ही शानो-शौकत के साथ निकाला गया। जुलूस में जहां एक ओर धार्मिक झांकियां और नक्शे आकर्षण का केंद्र रहे, वहीं दीपा सराय स्थित टीम हकीम सुबहान द्वारा लगाया गया स्टॉल मानवता की मिसाल बनकर उभरा। इस स्टॉल पर पंजाब के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए खाद्य सामग्री और आर्थिक सहायता एकत्र करने का अभियान चलाया गया।टीम हकीम सुबहान के सदस्यों ने जुलूस में शामिल लोगों से अपील की कि वे अपनी क्षमता अनुसार बाढ़ प्रभावित परिवारों की मदद के लिए आगे आएं। उन्होंने लोगों को बताया कि पंजाब के कई जिलों में आई भयंकर बाढ़ के कारण हजारों परिवार बेघर हो गए हैं और उन्हें खाने-पीने की वस्तुओं, कपड़ों व दवाइयों की सख्त जरूरत है।इस दौरान लोगों ने बढ़-चढ़कर सहयोग किया। किसी ने खाद्य सामग्री दान की तो किसी ने नकद राशि देकर बाढ़ पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं। स्टॉल पर सुबह से ही लोगों का आना-जाना लगा रहा। टीम हकीम सुबहान के सदस्यों ने आने वाले लोगों का धन्यवाद करते हुए उन्हें भरोसा दिलाया कि एकत्रित की गई सामग्री और धनराशि को पूरी पारदर्शिता के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाया जाएगा। टीम के प्रमुख हकीम सुबहान ने कहा कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता।बाढ़ जैसी आपदाओं में हमें एकजुट होकर जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि टीम का उद्देश्य सिर्फ मदद एकत्र करना ही नहीं है, बल्कि समाज में सहयोग और भाईचारे का संदेश भी फैलाना है। जुलूस-ए-मोहम्मदी में शामिल लोगों ने इस पहल की सराहना की और इसे मानवता की सच्ची सेवा बताया। कई स्थानीय व्यापारियों और सामाजिक संगठनों ने भी टीम से संपर्क कर आगे सहयोग करने का आश्वासन दिया।टीम हकीम सुबहान की इस पहल से जुलूस-ए-मोहम्मदी केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक ही नहीं रहा, बल्कि यह मानवता और सेवा का संदेश देने वाला कार्यक्रम भी बन गया। इस दौरान माहौल पूरी तरह सौहार्दपूर्ण रहा। लोगों की जबान पर "लब्बैक या रसूल अल्लाह" के नारे गूंजते रहे और साथ ही पंजाब के बाढ़ पीड़ितों के लिए मदद के संदेश भी सुनाई देते रहे। टीम के सदस्यों ने कहा कि जल्द ही एकत्रित सहायता सामग्री को ट्रक के माध्यम से पंजाब भेजा जाएगा, ताकि बाढ़ से प्रभावित परिवारों तक यह मदद समय पर पहुंच सके।

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