योगी सरकार ने नदियों के स्रोत से बड़ी नदियों में संगम तक मार्ग में पड़ने वाले जनपदों को दिए मिलकर कार्य करने के निर्देश। 

Lucknow News: उत्तर प्रदेश सरकार ने नदियों के पुनरुद्धार के लिए एक समन्वित रणनीति अपनाई है। इसके तहत प्रदेश की हर नदी को उसके स्रोत से लेकर अंतिम...

Jul 10, 2025 - 17:54
 0  32
योगी सरकार ने नदियों के स्रोत से बड़ी नदियों में संगम तक मार्ग में पड़ने वाले जनपदों को दिए मिलकर कार्य करने के निर्देश। 
योगी सरकार ने नदियों के स्रोत से बड़ी नदियों में संगम तक मार्ग में पड़ने वाले जनपदों को दिए मिलकर कार्य करने के निर्देश। 
  • नदियों के पुनरुद्धार में संयुक्त कार्ययोजना बनाकर जुटेंगे समस्त जनपद 
  • संयुक्त कार्ययोजना के माध्यम से नदियों की जलधारा को सुगम बनाने के लिए की जाएगी आवश्यक कार्यवाही
  • नदी किनारों पर वृक्षारोपण से लेकर चेक डैम तक होगा बहुआयामी विकास कार्य

Lucknow News: उत्तर प्रदेश सरकार ने नदियों के पुनरुद्धार के लिए एक समन्वित रणनीति अपनाई है। इसके तहत प्रदेश की हर नदी को उसके स्रोत से लेकर अंतिम संगम बिंदु तक चिन्हित किया जाएगा और संबंधित सभी जनपदों को संयुक्त कार्ययोजना बनाकर जरूरी कदम उठाने होंगे। इसका उद्देश्य सिर्फ नदी को फिर से प्रवाहित करना नहीं, बल्कि जल गुणवत्ता, जल उपलब्धता और जैव विविधता को टिकाऊ तरीके से संरक्षित करना भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी जनपदों और विभागों को आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा गया है। निर्देशों के तहत नदियों की जलधारा को सुगम बनाने के लिए डिसिल्टेशन (गाद निकासी), चैनलाइजेशन, कोर्स करेक्शन जैसे तकनीकी उपाय किए जाएंगे। साथ ही अतिक्रमण मुक्त क्षेत्र विकसित कर वहां सघन वृक्षारोपण कराना भी अनिवार्य होगा। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार की यह पहल उत्तर प्रदेश की नदियों को “जीवित धरोहर” के रूप में संरक्षित करने की दिशा में एक नए युग की शुरुआत है। यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।

  • नदियों के पुनरुद्धार की संयुक्त रणनीति

उदाहरण के रूप में देखा जाए तो कोई नदी किसी जनपद से निकलकर अपने संगम क्षेत्र तक जितने भी जनपदों से होकर निकलेगी उन सभी पर नदी पुनरुद्धार का दायित्व होगा। हर जिले को अपने हिस्से में आने वाले नदी के क्षेत्र की सफाई, जलधारा पुनर्स्थापन और जल स्रोतों के संरक्षण के लिए कार्ययोजना तैयार करनी होगी। उसके पुनरुद्धार में संबंधित जिलों को मिलकर संरक्षणात्मक कार्य, जैसे तालाबों का जीर्णोद्धार, कैचमेंट क्षेत्र में चेक डैम और वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट बनाना होगा। नदी से जुड़ी तालाब श्रृंखलाएं भी चिन्हित कर संरक्षित की जाएंगी।

  • स्रोत से संगम तक नदी की पूरी लंबाई चिन्हित होगी

निर्देशों के क्रम में संबंधित जिलों की प्रशासनिक इकाइयों द्वारा संयुक्त कार्ययोजना बनाई जाएगी। गाद निकालने (डिसिल्टेशन) और नदी की दिशा सुधारने (कोर्स करेक्शन) के लिए उच्च तकनीकी हस्तक्षेप होगा। नदी किनारों पर सघन वृक्षारोपण और कैचमेंट क्षेत्र में भूमि जल संरक्षण की योजनाएं लागू होंगी। चेक डैम, रिचार्ज पिट्स और जल संग्रहण ढांचे बनाए जाएंगे। इसके साथ ही तालाबों और पारंपरिक जलस्रोतों का संरक्षण एवं किनारों पर पौधारोपण अनिवार्य होगा। यह नीति न केवल जल जीवन मिशन और नमामि गंगे जैसे अभियानों को मजबूती देगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि, पशुपालन जैसे क्षेत्रों में भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी। नदियों में सालभर जल प्रवाह बना रहेगा, जिससे भूजल स्तर में वृद्धि होगी और पर्यावरणीय संतुलन कायम होगा।

Also Read- Yogi government to distribute Rs 25.45 lakh to 401 farmers- Carbon Credit Finance Scheme empowers farmers, promotes green growth.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

INA News_Admin आई.एन. ए. न्यूज़ (INA NEWS) initiate news agency भारत में सबसे तेजी से बढ़ती हुई हिंदी समाचार एजेंसी है, 2017 से एक बड़ा सफर तय करके आज आप सभी के बीच एक पहचान बना सकी है| हमारा प्रयास यही है कि अपने पाठक तक सच और सही जानकारी पहुंचाएं जिसमें सही और समय का ख़ास महत्व है।