Special Article: वक्फबोर्ड कानून रद्द हो न कि संशोधित- संतोष सिंह

भारतवर्ष की केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा से असीमित ताकत प्राप्त वक्फबोर्ड कानून है। जैसे ही वक्फबोर्ड कानून में संशोधन ....

Oct 22, 2024 - 13:04
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Special Article: वक्फबोर्ड कानून रद्द हो न कि संशोधित- संतोष सिंह

संतोष सिंह (राष्ट्रीय अध्यक्ष) विश्व वैदिक सनातन न्यास

भारतवर्ष की केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा से असीमित ताकत प्राप्त वक्फबोर्ड कानून है। जैसे ही वक्फबोर्ड कानून में संशोधन का विधेयक लोकसभा में रक्खा गया विरोधियों नें हायतौबा मचाना शुरू कर दिया , यह संघराज्य व्यवस्था पर आक्रमण है ,भाजपा सरकार मुसलमानों की शत्रु है, जिलाधिकारियों को अधिकार दिया गया तो वे उन्मत्त हो जाएंगे आक्रोशित विरोधी दलों नें संशोधन विधेयक का तीव्र विरोध किया। मुसलमानों का तुष्टीकरण करनेवाली कांग्रेस,एम.आई.एम., राष्ट्रवादी कांग्रेस, समाजवादी दल, माकपा एवं द्रमुक, राजनीतिक दल विरोधी खेमें में शीर्ष पर हैं। 

अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा वक्फबोर्ड कानून में संशोधन का विधेयक रखे जाने पर उसके लिए हुए व्यापक विरोध के कारण , अब उसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा दिया गया अतः इस विधेयक में क्या परिवर्तन होंगे तथा उसे पुनः कब सदन में रखा जाएगा , इस पर अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता। संशोधन की दृष्टि से उठाया गया यह पहला कदम तो कुछ समय के लिए तो रुक गया , लेकिन संशोधन विधेयक लोकसभा में आने से पहले भारतवर्ष सरकार को वक्फबोर्ड के असीमित अधिकारों पर रोक लगानें की नितांत आवश्यकता तो है।

माननीय गुरुपाल सिंह अहलुवालियाजी न्यायाधीश मध्य प्रदेश द्वारा वक्फबोर्ड की आलोचना भी वक्फबोर्ड कानून पर सीधे उंगली उठानेवाली है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग विरुद्ध वक्फबोर्ड अभियोग के समय न्यायाधीश अहलुवालिया ने वक्फबोर्ड के अधिवक्ता को डांटते हुए कहा, केवल नोटिस देकर किसी की भी संपत्ति वक्फबोर्ड की संपत्ति नहीं हो सकती है। आप इसके लिए कौन सा नियम उपयोग करते हैं, बताइए। भविष्य में आप लाल किला तथा ताजमहल सहित संपूर्ण भारतवर्ष को वक्फबोर्ड की संपत्ति घोषित कर देंगे। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के द्वारा इस प्रकार का गंभीर वक्तव्य सिद्ध करता है ,वक्फबोर्ड के द्वारा चल रहे लैंड जिहाद की सुनियोजित साजिश कैसे भारतीय समाज में चल रही है।

भारतवर्ष लोकतांत्रिक देश है। ऊपर से देखने पर सभी को ऐसा लगता है कि लोकतंत्र में बहुसंख्यकों को अधिक अधिकार अवश्य होंगे, जिन्हें ऐसा लगता है वो भी सर्वाधिक हिंदू ही हैं , परंतु कानून, सुविधाएं एवं योजनाओं का बारीक अध्ययन किया जाए, तो बड़े ही सहजता से दिख जाएगा कि अल्पसंख्यक मुसलमानों को तुष्टिकरण के लिए हमेशा सर्वाधिक, असीमित अधिकार दिया गया एवं हिंदुओं को पूर्णतः मूर्ख बनाकर। स्वतंत्र भारतवर्ष में आज तक अनेकों प्रकार से बहुसंख्यक हिंदुओं पर अन्याय - अत्याचार हुआ और अभी भी हो रहा है । भूमि भी हिन्दुओं की, कानून की तलवार भी हिंदुओं पर , करदाता हिंदू और लाभांश उठाएं मुसलमान। अल्पसंख्यक के नाम पर सम्पूर्ण सुविधाओं का लाभ तो उठाएंगे परंतु देखिए खतरे में है इस्लाम , आखिर ऐसा क्यों और कैसे है ?

वक्फबोर्ड कानून के कारण भारत भूमि पर अधिकार जताने का दावा सीधे-सीधे लैंड जिहाद को खुलेआम बढ़ावा ही नहीं देता बल्कि लैंड जिहाद ही है। लोकतांत्रिक भारतवर्ष में ऐसा कानून आखिर बना ही क्यों? यह मूलभूत यक्षप्रश्न है। यह तुष्टिकरण की पराकाष्ठा है। वक्फबोर्ड के नाजायज दबाव से धर्मान्तरण का भी घिनौना खेल चल रहा है । घर द्वार जमीन छोड़ दो या इस्लाम स्वीकार करो। यह परतंत्र भारतवर्ष के इस्लामिक शासकों की पुरानी गुलामी की नीति आज भी स्वतंत्रता के बाद भी देश में बदस्तूर जारी है। 

  • यह बहुसंख्यक हिंदुओं के नैसर्गिक मूल अधिकारों का स्पष्टतः हनन है। 

अतः अब हिंदू ऐसे काले कानून को कत्तई बरदास्त नहीं करेगा। क्योंकि संशोधन किया भी गया, तब भी उससे बहुसंख्यक हिंदुओं को ही कष्ट झेलना पडेंगा ,तो ऐसे कानून में संशोधन का क्या मतलब है।

अभी तक वक्फ बोर्ड द्वारा लैंड जिहाद कर हडपी गई भूमि का कठोरता से जांच कर सरकार अपनें कब्जे में ले और प्रस्तावित संशोधनों के परिणामों पर गहनतापूर्वक एवं गंभीरता से विचार करे । वक्फबोर्ड कानून में संशोधन नहीं चाहता बहुसंख्यक समाज, कानून रद्द करनें से भारतीय समाज की बहुत बड़ी समस्या का सहजता से समाधान हो जाएगा।

वक्फबोर्ड कानून के माध्यम से मुसलमानों द्वारा भारतवर्ष सरकार के समानांतर न्यायतंत्र चलाना तथा हलाल प्रमाणपत्र के माध्यम से समानांतर अर्थव्यवस्था चलाना तो ‘गजवा-ए-हिन्द’ की दिशा में तीव्र गति से बढनें का महामार्ग है । यह देश को पुनः विभाजित करने की दिशा में पिछले कई दशकों से योजनाबद्ध  जिहाद चल रहा है। भारतवर्ष के विद्वान राजनेताओं कर्मठ देशभक्त अधिकारियों को क्यों नहीं दिखता , यह भी गंभीर विषय है। वास्तव में इस कानून का उद्देश्य भी यदि समझ लिया जाए, तो रूह कांप उठेगी, यह षड्यंत्र इतना भयानक है। 

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आज कुछ देशभक्त हिंदुत्वनिष्ठ हिंदुओं के लिए निरंतर आवाज उठाते रहते हैं , इसलिए भारत में हिंदू सुरक्षित हैं । विधर्मियों ने लालच, बलप्रयोग, हिंसा जैसे विभिन्न पैंतरे चलाकर हिंदुओं को मिटाने का भरपूर प्रयास चला रखा है । जिसका समर्थन बामपंथी और सेक्युलर जमात मुस्तैदी से करता रहता है।  

भारतवर्ष में अगर लोकतंत्र है तो उसका कारण मात्र एक है यहां के बहुसंख्यक हिंदू हैं। भारतवर्ष को जब चारों ओर से अस्थिर बनाने के भरपूर दुष्प्रयास हो रहा है, तब भारतवर्ष सरकार द्वारा लिए गए ठोस निर्णय ही देश को सशक्त बना सकता है । अत: हिंदूहित में अवरोध बने कानूनों एवं नियमों को तुरंत पहचान कर केंद्रीय स्तर पर रद्द किया जाए । आज के परिपेक्ष्य में वक्फबोर्ड कानून में संशोधन की कोई आवश्यकता नहीं है, बल्कि तत्काल रद्द किया जाना चाहिए । तभी हिंदुओं की भूमि उनके नियंत्रण में रह पाएगी। 

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