हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल: रात्रि एक बजे मुस्लिम युवक ने हिंदू महिला के लिए किया रक्तदान।
Sambhal News: सम्भल जिले में मानवता और भाईचारे की एक अनोखी मिसाल सामने आई है। यहां एक मुस्लिम युवक ने रात्रि एक बजे ....
उवैस दानिश, सम्भल
Sambhal News: सम्भल जिले में मानवता और भाईचारे की एक अनोखी मिसाल सामने आई है। यहां एक मुस्लिम युवक ने रात्रि एक बजे अपने घर से निकलकर एक हिंदू महिला की जान बचाने के लिए रक्तदान कर सामाजिक एकता की एक प्रेरणादायक कहानी लिख दी। यह घटना उस समय की है जब एक महिला की डिलीवरी के दौरान रक्त की अत्यंत आवश्यकता थी और समय पर ब्लड की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी।
जानकारी के अनुसार, नगर के सक्सैना हॉस्पिटल में एक हिंदू महिला को प्रसव पीड़ा के चलते भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने डिलीवरी के समय बताया कि महिला को तुरंत खून की जरूरत है, अन्यथा जच्चा-बच्चा दोनों की जान को खतरा हो सकता है। परिजन काफी परेशान हो गए और कई जगह संपर्क किया, लेकिन रात के समय रक्त की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा था। ऐसे में किसी ने स्थानीय मोहल्ला बेगम सराय निवासी मोहम्मद दानिश से संपर्क किया, जिनका ब्लड ग्रुप महिला से मेल खाता था। जैसे ही दानिश को यह जानकारी मिली, वह बिना देरी किए सचिन सक्सैना ब्लड बैंक पहुंच गए और रक्तदान कर महिला की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई। अस्पताल के डॉक्टरों ने भी युवक की तत्परता और हिम्मत की सराहना की।
मोहम्मद दानिश ने कहा कि "इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है। अगर मेरे खून से किसी की जान बच सकती है, तो इससे बड़ा सौभाग्य और क्या होगा।" उन्होंने यह भी कहा कि समाज को धर्म-जाति से ऊपर उठकर एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए। इस घटना की जानकारी फैलते ही क्षेत्र में मुस्लिम युवक की जमकर सराहना हो रही है। लोगों का कहना है कि ऐसे कार्य समाज में नफरत नहीं, मोहब्बत और भाईचारे का पैगाम देते हैं। सामाजिक संगठनों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी मोहम्मद दानिश के इस कदम की सराहना करते हुए उन्हें सम्मानित करने की बात कही है। यह घटना बताती है कि जब मानवता जिंदा होती है, तब धर्म की दीवारें अपने आप गिर जाती हैं। हिन्दू-मुस्लिम एकता की यह मिसाल समाज को सोचने पर मजबूर करती है कि असली धर्म एक-दूसरे की मदद करना है।
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