Hardoi News: सहायक अध्यापक पर फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी करने का आरोप, DM के आदेशों की अवहेलना कर रहे CMO हरदोई
आवेदक द्वारा DM व BSA से शिकायत करने के बाद DM ने विकलांगता की जांच करने के आदेश दिए थे, BSA द्वारा कई बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी CMO ने न तो जांच की और न ही संदर्भ प्रस्तुत किया...
By INA News Hardoi.
हरदोई में एक सहायक अध्यापक पर फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी करने का आरोप लगाया गया है। इस मामले की शिकायत के बाद DM ने CMO को संबंधित सहायक अध्यापक की विकलांगता की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे लेकिन CMO साहब के कानों पर जूं तक न रेंगी। इस मामले को आये गए करीब 5 महीने से भी ज्यादा हो गए। जब इस बावत BSA ने CMO को रिमाइंडर भेजा इस पर भी CMO साहब ने सहायक अध्यापक की जांच करने की जहमत नहीं उठाई और लगातार DM के आदेशों की अवहेलना करते नजर आ रहे हैं। शिकायतकर्ता ने CMO द्वारा इस मामले में कोई दिलचस्पी न दिखाने व DM के आदेशों को दरकिनार करने के बाद CMO की संलिप्तता की शंका जाहिर की है।
दरअसल, सोमवार को BSA हरदोई के नाम लिखित एक शिकायती पत्र में गजेंद्र सिंह उर्फ रवी सिंह निवासी ग्राम टंडौना थाना पिहानी जिला हरदोई ने कहा कि प्रशांत अग्निहोत्री पुत्र श्रीकांत अग्निहोत्री प्राथमिक विद्यालय रहतौरा ब्लॉक भरखनी जिला हरदोई में सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी कर रहे हैं। प्रशांत ने यह नौकरी फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र के सहारे पाई है। शिकायत के बाद उक्त मामले की जांच 3 अक्टूबर 2024 व 27 जनवरी 2025 को लिखित पत्र के माध्यम से DM के आदेश के बाद CMO हरदोई को सौंपी गई थी लेकिन CMO ने सहायक अध्यापक प्रशांत अग्निहोत्री की जांच नहीं कराई।
गजेंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले की शिकायत 2 बार DM से की जा चुकी है। जिसके बाद उन्होंने सहायक अध्यापक प्रशांत की विकलांगता की जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद BSA हरदोई ने CMO को पत्र लिखकर संबंधित जांच करने व रिपोर्ट प्रस्तुत करने की बात कही थी लेकिन CMO ने दम्भ भरते हुए DM के आदेशों का पालन नहीं किया और यह जांच ठंडे बस्ते में डाल दी।
उधर गजेंद्र सिंह उर्फ रवी ने CMO पर जांच न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि BSA ऑफिस से 3 बार रिमाइंडर भेजा जा चुका है लेकिन CMO ने DM के आदेशों का पालन नहीं किया। इससे प्रतीत होता है कि CMO और सहायक अध्यापक प्रशांत आपस में मिले हुए हैं। उन्होंने CMO द्वारा लाखों रूपये लेकर मामले को दबाने की बात भी कही। पत्र में उन्होंने लिखा कि सहायक अध्यापक प्रशांत अग्निहोत्री का वेतन रोका जाए और उनकी दिव्यांगता स्थिति की जांच कराई जाए अन्यथा वे उच्च न्यायालय में इस मामले को लेकर याचिका दाखिल करेंगे।
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