Ballia News: DM ने 'हमारा आंगन-हमारे बच्चें' उत्सव समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर किया शुभारंभ
आंगनबाड़ी व प्राथमिक विद्यालय में नामांकित बच्चा प्रतिदिन स्कूल आए, इन बच्चों के अभिभावकों को भी प्रेरित किया जाए। अगर बच्चा प्रतिदिन स्कूल आएगा तो वह कुछ न कुछ सीख कर जरूर...

सार-
- हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि बच्चा प्रतिदिन कुछ न कुछ सीख करके ही घर जाए
- टीचिंग लर्निंग मटेरियल का अधिक से अधिक उपयोग करते हुए बच्चों को सिखाया जाए
Report- S.Asif Hussain Zaidi
By INA News Ballia.
DM प्रवीण कुमार लक्षकार ने आज बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा बापू भवन,टाऊन हाल में आयोजित 'हमारा आंगन-हमारे बच्चें' उत्सव समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। DM ने विभिन्न विद्यालयों के कुल 36 निपुण बच्चों को प्रमाण-पत्र व मोमेंटो देकर सम्मानित व उनका उत्साहवर्धन किया। इसके साथ ही उन्होंने निपुण भारत में उत्कृष्ट कार्य करने वाले नोडल शिक्षक संकुल, नोडल शिक्षक तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी प्रमाण-पत्र व मोमेंटो देकर सम्मानित किया। DM ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार द्वारा 'हमारा आंगन-हमारे बच्चें' योजना संचालित की गई है। इसके अंतर्गत आंगनबाड़ी आने वाले बच्चों को बुनियादी शिक्षा भी प्रदान किए जाने की जिम्मेदारी दी गई है। आंगनबाड़ी से बच्चा कुछ सीख करके ही प्राथमिक विद्यालय की कक्षा एक में प्रवेश करें, इस उद्देश्य से ही यह योजना संचालित की गई है।
वर्तमान में आंगनबाड़ी एवं प्राथमिक विद्यालयों में आधारभूत सुविधाएं पहले से बहुत अच्छा हैं। परिसर साफ-सुथरा एवं रंग-बिरंगा हैं व बच्चों के खेलने के सामान भी है। पढ़ने का एक बहुत ही अच्छा माहौल बना है। उन्होंने उपस्थित शिक्षकों से कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि बच्चा प्रतिदिन कुछ न कुछ सीख करके ही घर जाए।बच्चा जब एक दो अक्षर लिखना व पढ़ना सीख जाता है तो वह फिर तेजी से सीखने व पढ़ने लगता है। यूट्यूब पर बहुत ही लर्निंग वीडियो है, इन वीडियो को भी बच्चों की पढ़ाई के लिए उपयोग में लाया जा सकता हैं, इन वीडियो में बहुत ही आकर्षक ढंग से बच्चों को अक्षर ज्ञान कराया जाता है, इससे बच्चों में सीखने और लिखने की और रुचि उत्पन्न होगी। बच्चों को अगर कलरफुल ढंग एवं आकर्षक तरीके से सिखाया जाए तो बच्चे जल्दी सीखते हैं। उन्होंने कहा कि टीचिंग लर्निंग मटेरियल से भी बच्चों को लिखना पढ़ना सिखाया जाए।
DM ने कहा कि बच्चों को सीखने के लिए यह जरूरी है कि बच्चा प्रतिदिन स्कूल आए, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। आंगनबाड़ी व प्राथमिक विद्यालय में नामांकित बच्चा प्रतिदिन स्कूल आए, इन बच्चों के अभिभावकों को भी प्रेरित किया जाए। अगर बच्चा प्रतिदिन स्कूल आएगा तो वह कुछ न कुछ सीख कर जरूर जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ सीखने के लिए सर्वप्रथम सुनना जरूरी है, देखना जरूरी है।
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जब बच्चा सुन और देखकर कुछ सीखता है तो वह जल्दी से सीख जाता है। टीचिंग लर्निंग मटेरियल का अधिक से अधिक उपयोग करते हुए बच्चों को सिखाया जाए। प्रतिदिन बच्चों को एक पेज का क्लास वर्क अवश्य कराया जाए एवं एक पेज होमवर्क के रूप में भी अवश्य दिया जाए।
सरकार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान किए जाने के लिए अनेक प्रयास कर रही है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जनसमुदाय के समक्ष निपुण लक्ष्य एवं मूलभूत साक्षरता की आवश्यकता से अवगत कराने के लिए 'हमारा आंगन-हमारे बच्चें' उत्सव का आयोजन समस्त विकासखंड एवं जनपद स्तर पर विगत वर्षों से किया जा रहा है। 'हमारा आंगन-हमारे बच्चें' कार्यक्रम में सम्मिलित जनसमुदाय एवं उनके साथ उपस्थित अभिभावकों को इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रेरित किया जाना है कि वे अपने बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं प्राथमिक विद्यालयों में नियमित रूप से भेजें तथा समय-समय पर आयोजित विद्यालय बैठकों में प्रतिभाग करें।उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की दिशा-निर्देशों के अनुसार बुनियादी साक्षरता एवं प्राथमिक अंकीय दक्षता प्राप्त करने के लिए पूर्व प्राथमिक शिक्षा का सार्वभौमिकरण किया जाना लक्षित है। शिक्षा मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा निर्धारित निपुण लक्ष्य की संप्राप्ति के लिए पूर्व प्राथमिक शिक्षा का सुदृढ़ीकरण एवं समुदाय के मध्य उसकी जागरूकता अति आवश्यक है। इस अवसर पर प्रचार डाइट शिवम सहित अन्य अधिकारीगण, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं अभिभावक उपस्थित रहे।
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