Hardoi : मिशन शक्ति फेज 5.0 के तहत हरदोई पुलिस का विशेष जागरूकता अभियान, महिलाओं को सुरक्षा और अधिकारों की दी जानकारी

मिशन शक्ति अभियान की शुरुआत 2019 में हुई थी और यह महिलाओं को सशक्त बनाने का एक बड़ा प्रयास है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस चरण का शुभारंभ न

Oct 3, 2025 - 23:52
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Hardoi : मिशन शक्ति फेज 5.0 के तहत हरदोई पुलिस का विशेष जागरूकता अभियान, महिलाओं को सुरक्षा और अधिकारों की दी जानकारी
Hardoi : मिशन शक्ति फेज 5.0 के तहत हरदोई पुलिस का विशेष जागरूकता अभियान, महिलाओं को सुरक्षा और अधिकारों की दी जानकारी

हरदोई। मिशन शक्ति फेज 5.0 अभियान के तहत महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए जिले की पुलिस ने एक विशेष जन जागरूकता अभियान चलाया। पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा के निर्देशन में यह अभियान पूरे जिले के थानों में सक्रिय रूप से संचालित किया गया। अभियान का मुख्य लक्ष्य महिलाओं और युवतियों को उनके अधिकारों के प्रति सजग बनाना, साइबर अपराधों से बचाव और आपात स्थिति में मदद के उपाय बताना है। उत्तर प्रदेश सरकार की इस योजना का पांचवां चरण हाल ही में शुरू हुआ, जिसमें पूरे प्रदेश में 1663 पुलिस स्टेशनों पर मिशन शक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं। हरदोई जिले में भी महिला बीट आरक्षियों और एंटी रोमियो टीमों ने गांवों, स्कूलों और सामुदायिक स्थानों पर जाकर सैकड़ों महिलाओं तक पहुंच बनाई।मिशन शक्ति अभियान की शुरुआत 2019 में हुई थी और यह महिलाओं को सशक्त बनाने का एक बड़ा प्रयास है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस चरण का शुभारंभ नवरात्रि के अवसर पर किया, जो 30 दिनों तक चलेगा। अभियान के तहत न केवल जागरूकता फैलाई जा रही है, बल्कि साइबर क्राइम के खिलाफ कार्रवाई, गुमशुदा महिलाओं की तलाश और आत्मरक्षा प्रशिक्षण पर भी जोर दिया जा रहा है। पिछले चरणों में अभियान से लाखों महिलाओं को लाभ हुआ, जैसे कि 1090 हेल्पलाइन पर 7.75 लाख शिकायतों का निपटारा। हरदोई में यह अभियान ग्रामीण क्षेत्रों पर केंद्रित रहा, जहां महिलाओं को घरेलू हिंसा और सड़क सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया।अभियान के दौरान जिले के सभी थानों में तैनात महिला बीट आरक्षियों ने 38 गांवों में चौपाल का आयोजन किया। इन चौपालों में 420 महिलाओं और युवतियों से बातचीत हुई। आरक्षियों ने घरेलू हिंसा के खिलाफ कानूनों, साइबर अपराधों से बचाव के तरीकों, महिला सुरक्षा उपायों और संबंधित कानूनों की सरल भाषा में जानकारी दी। एक चौपाल में एक महिला ने बताया कि पहले उन्हें हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी नहीं थी, लेकिन अब वे जरूरत पड़ने पर तुरंत मदद ले सकेंगी। चौपालों के माध्यम से महिलाओं को बताया गया कि घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के तहत वे संरक्षण अधिकारी से शिकायत कर सकती हैं, जो तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करता है। साइबर अपराधों पर चर्चा में महिलाओं को ऑनलाइन धोखाधड़ी और सोशल मीडिया के खतरे के बारे में सलाह दी गई।इसके अलावा, महिला अपराध से जुड़ी दो पीड़िताओं से व्यक्तिगत मुलाकात की गई। आरक्षियों ने उनकी काउंसलिंग की और कानूनी सहायता उपलब्ध कराई। संबंधित थानों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए। एक पीड़िता ने बताया कि पुलिस की इस पहल से उन्हें न्याय की उम्मीद जगी है। अभियान में पीड़िताओं को रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष और साक्षी संरक्षण योजना 2024 के बारे में भी बताया गया, जो आर्थिक और कानूनी मदद प्रदान करती हैं।बीट सूचना संप्रेषण के तहत गांव की महिलाओं से बातचीत कर अवैध गतिविधियों जैसे अवैध शराब, गांजा, चरस और अन्य नशीले पदार्थों की जानकारी ली गई। महिलाओं को पुलिस बीट नंबर, संबंधित अधिकारी के मोबाइल नंबर और महिला हेल्पलाइन 112, 1090 तथा 1098 की पूरी जानकारी दी गई। आरक्षियों ने पर्चे बांटे, जिनमें ये नंबर और उपयोग के तरीके लिखे थे। एक गांव में महिलाओं ने बताया कि नशीले पदार्थों की समस्या से युवा प्रभावित हो रहे हैं, और पुलिस की यह पहल स्वागतयोग्य है।

जन जागरूकता कार्यक्रमों के तहत स्कूलों, कॉलेजों और सामुदायिक केंद्रों में छात्राओं और महिलाओं को गुड टच बैड टच, साइबर सुरक्षा, हेल्पलाइन का उपयोग और महिला अधिकारों पर विशेष व्याख्यान दिए गए। इन सत्रों में छात्राओं को बताया गया कि गुड टच और बैड टच के बीच फर्क समझना कितना जरूरी है, और किसी भी गलत व्यवहार पर तुरंत शिक्षक या पुलिस से संपर्क करें। साइबर सुरक्षा पर जोर देते हुए महिलाओं को ऑनलाइन गोपनीयता बनाए रखने और संदिग्ध मैसेज से सावधान रहने की सलाह दी गई। एक कॉलेज में आयोजित सत्र में 200 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया, जहां आत्मरक्षा के सरल तरीके भी सिखाए गए।

पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा के आदेश पर जिले के सभी थानों में स्कूली छात्राओं को एक दिन के लिए जनशिकायत अधिकारी बनाया गया। छात्राओं ने जनशिकायतें सुनीं और उनके निपटारे के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। यह कदम छात्राओं को नेतृत्व और जिम्मेदारी सिखाने का प्रयास था। एक छात्रा ने कहा कि यह अनुभव उन्हें समाज सेवा के प्रति प्रेरित कर रहा है।एंटी रोमियो स्क्वाड की टीमों ने कुल 51 स्थानों पर चेकिंग की। 530 संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ कर उन्हें सख्त चेतावनी दी गई। चेकिंग के दौरान सड़कों पर वाहनों की तलाशी ली गई और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की संभावना वाले व्यवहार पर नजर रखी गई। एक टीम ने बताया कि चेतावनी से कई युवक सुधर गए।

हरदोई पुलिस ने महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता जताई है। किसी भी असामाजिक गतिविधि की जानकारी तुरंत नजदीकी थाने या हेल्पलाइन पर देने की अपील की गई। प्रमुख हेल्पलाइन नंबरों में महिला हेल्पलाइन 1090, आपात सहायता 112, बाल संरक्षण 1098, साइबर क्राइम 1930, एम्बुलेंस सेवा 108 और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 शामिल हैं।

यह अभियान जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं के बीच विश्वास बढ़ा रहा है। स्थानीय महिलाओं ने पुलिस की इस पहल की सराहना की और कहा कि इससे वे बिना डर के बाहर निकल सकेंगी। अभियान के तहत आगे भी ऐसे कार्यक्रम जारी रहेंगे, ताकि महिलाएं सशक्त और सुरक्षित महसूस करें।

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