Sambhal : बाल्मीकि जयंती पर अवकाश बहाली की मांग, ज्ञापन सौंपा

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप सरसवाल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं का दल नई तहसील पहुंचा और ज्ञापन सौंपा। इस दौरान प्रदीप सिरसवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पूर्वव

Sep 10, 2025 - 21:37
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Sambhal : बाल्मीकि जयंती पर अवकाश बहाली की मांग, ज्ञापन सौंपा
बाल्मीकि जयंती पर अवकाश बहाली की मांग, ज्ञापन सौंपा

Report : उवैस दानिश, सम्भल

राष्ट्रीय दलित पिछड़ा वर्ग भारत संगठन ने भगवान वाल्मीकि जयंती पर राजकीय अवकाश बहाल करने की मांग को लेकर बुधवार को नई तहसील सम्भल में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, उपजिलाधिकारी और तहसील सम्भल के नाम संबोधित किया गया। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि मांग पूरी नहीं की गई, तो आंदोलन कर इस मुद्दे को सड़क से लेकर संसद तक उठाया जाएगा।

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप सरसवाल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं का दल नई तहसील पहुंचा और ज्ञापन सौंपा। इस दौरान प्रदीप सिरसवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार ने भगवान वाल्मीकि जयंती पर राजकीय अवकाश घोषित किया था। लेकिन वर्ष 2017 में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद इस अवकाश को रद्द कर दिया गया, जो कि समाज के लिए अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय भगवान वाल्मीकि के अनुयायियों और दलित समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है।राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता अंसार मलिक ने कहा कि संगठन पिछले आठ वर्षों से लगातार हर स्तर पर अवकाश बहाली की मांग कर रहा है। ज्ञापन देने, धरना-प्रदर्शन और अन्य शांतिपूर्ण तरीकों से आंदोलन करने के बावजूद अब तक सरकार ने इस पर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि सरकार जल्द ही अवकाश बहाल नहीं करती है, तो संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप सिरसवाल के नेतृत्व में बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी और यह संघर्ष सड़क से लेकर संसद तक चलेगा।संगठन के नेताओं ने कहा कि भगवान वाल्मीकि समाज सुधारक, महर्षि और रामायण के रचयिता थे। ऐसे महान व्यक्तित्व की जयंती पर राजकीय अवकाश न होना समाज के प्रति असमानता और उपेक्षा का प्रतीक है। उन्होंने सरकार से तुरंत इस निर्णय को वापस लेकर पूर्व की भांति अवकाश बहाल करने की मांग की। इस अवसर पर संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे। ज्ञापन सौंपते समय सभी ने एक सुर में सरकार से मांग की कि भगवान वाल्मीकि जयंती पर राजकीय अवकाश को बहाल किया जाए, ताकि समाज की भावनाओं को सम्मान मिल सके और राज्य में सामाजिक सौहार्द का संदेश स्थापित हो।

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