हरदोई में अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती- भूपेंद्र चौधरी ने की PM मोदी की मूर्ति स्थापना की प्रशंसा, विपक्ष पर लगाया विदेशी मानसिकता का आरोप।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने हरदोई में पुण्यश्लोक राजमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जन्म जयंती...

Reported by - Vijay laxmi singh
Hardoi News: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने हरदोई में पुण्यश्लोक राजमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जन्म जयंती के अवसर पर आयोजित एक समारोह में दीप प्रज्वलित कर उनके जीवन और योगदान को याद किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी "विदेशी मानसिकता" के कारण अहिल्याबाई होलकर जैसे महान व्यक्तित्व की जन्म जयंती को पहले कभी उत्साहपूर्वक नहीं मनाया गया। चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए बताया कि हाल ही में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में उनकी मूर्ति की स्थापना की गई, जो उनके सम्मान में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस समारोह में अहिल्याबाई के शासन, धर्म, और सामाजिक सुधारों पर प्रकाश डाला गया, जिन्हें राजमाता के रूप में जाना जाता है।
हरदोई में आयोजित इस कार्यक्रम में भाजपा के कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने भाग लिया। भूपेंद्र सिंह चौधरी ने दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की और अहिल्याबाई होलकर के जीवन, उनके शासनकाल, और उनकी समाज सुधार की नीतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा, "पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर ने 18वीं सदी में नारी शक्ति, धर्म, और सामाजिक समानता का जो उदाहरण प्रस्तुत किया, वह आज भी प्रासंगिक है।" चौधरी ने यह भी जोर दिया कि अहिल्याबाई के कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए भाजपा ने 21 से 31 मई तक एक 10-दिवसीय स्मृति अभियान शुरू किया है।
- विपक्ष पर निशाना
चौधरी ने विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उनकी "विदेशी मानसिकता" के कारण भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक व्यक्तित्वों का सम्मान करने में कमी रही है। उन्होंने दावा किया, "विपक्षी दल हमारी सनातन संस्कृति और महान हस्तियों जैसे अहिल्याबाई होलकर को भूल गए, क्योंकि उनकी सोच विदेशी विचारधारा से प्रभावित है। पहले कभी उनकी जन्म जयंती को इस तरह नहीं मनाया गया, जैसा कि अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हो रहा है।" यह बयान विपक्षी दलों, विशेष रूप से समाजवादी पार्टी और कांग्रेस, पर निशाना साधने का प्रयास प्रतीत होता है, जिन्हें भाजपा अक्सर "भारतीय संस्कृति से कटे हुए" के रूप में चित्रित करती है।
- प्रधानमंत्री मोदी और अहिल्याबाई की मूर्ति
भूपेंद्र चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में अहिल्याबाई होलकर के योगदान को उचित सम्मान मिल रहा है। उन्होंने विशेष रूप से काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में अहिल्याबाई की मूर्ति की स्थापना का उल्लेख किया, जिसे 13 दिसंबर 2021 को पीएम मोदी ने उद्घाटन किया था। चौधरी ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल काशी विश्वनाथ मंदिर को पुनर्जनन दिया, बल्कि अहिल्याबाई होलकर की मूर्ति स्थापित कर उनके योगदान को अमर कर दिया। यह उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।"
- अहिल्याबाई होलकर: एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व
अहिल्याबाई होलकर (31 मई 1725 – 13 अगस्त 1795) मराठा साम्राज्य के मालवा प्रांत की होलकर रानी थीं, जिन्हें राजमाता और पुण्यश्लोक के रूप में जाना जाता है। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के चौंडी गांव में एक धनगर (गड़रिया) परिवार में जन्मीं अहिल्याबाई ने अपने पिता मनकोजी शिंदे से पढ़ना-लिखना सीखा। 1733 में, आठ साल की उम्र में, उनकी शादी मराठा पेशवा बाजीराव के सेनापति मल्हार राव होलकर के बेटे खांडेराव होलकर से हुई।
1754 में खांडेराव की युद्ध में मृत्यु और 1766 में मल्हार राव के निधन के बाद, अहिल्याबाई ने अपने बेटे मालेराव के निधन (1767) के बाद मालवा की बागडोर संभाली। उन्होंने 1767 से 1795 तक माहेश्वर (मध्य प्रदेश) को अपनी राजधानी बनाकर शासन किया। उनकी शासन शैली नारी शक्ति, धर्म, और सामाजिक सुधारों का प्रतीक थी।
- अहिल्याबाई के प्रमुख योगदान:
मंदिरों का पुनर्निर्माण और संरक्षण: अहिल्याबाई ने काशी विश्वनाथ (1780), सोमनाथ, केदारनाथ, बद्रीनाथ, हरिद्वार, गया, पुष्कर, मथुरा, द्वारका, रामेश्वरम, और पुरी सहित देशभर के तीर्थ स्थलों पर मंदिरों, घाटों, और धर्मशालाओं का निर्माण और जीर्णोद्धार कराया।
सामाजिक सुधार: उन्होंने विधवाओं के संपत्ति अधिकारों को सुनिश्चित किया, विधवा पुनर्विवाह को प्रोत्साहन दिया, और बाल विवाह के खिलाफ कदम उठाए। उन्होंने माहेश्वर में साड़ी उद्योग को बढ़ावा देकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया।
प्रशासन और न्याय: अहिल्याबाई ने निष्पक्ष और त्वरित न्याय प्रणाली स्थापित की। उन्होंने अपने इकलौते बेटे मालेराव को भी एक अपराध के लिए मृत्युदंड दिया, जिससे उनकी निष्पक्षता का परिचय मिलता है।
सैन्य नेतृत्व: उन्होंने स्वयं युद्धों में सेना का नेतृत्व किया और मालवा को आक्रमणकारियों से बचाया।
आर्थिक और बुनियादी ढांचा विकास: अहिल्याबाई ने माहेश्वर में डाक व्यवस्था शुरू की, सड़कों, कुओं, और विश्रामगृहों का निर्माण कराया, और व्यापार को बढ़ावा दिया।
उनके शासनकाल में मालवा में शांति, समृद्धि, और सांस्कृतिक उत्कर्ष देखा गया। उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए भारत सरकार ने 25 अगस्त 1996 को उनकी स्मृति में एक डाक टिकट जारी किया, और इंदौर हवाई अड्डे का नाम "देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डा" रखा गया।
- भाजपा का स्मृति अभियान
भाजपा ने अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जन्म जयंती को भव्य रूप से मनाने के लिए 21 से 31 मई तक देशव्यापी स्मृति अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:
शैक्षिक और सांस्कृतिक आयोजन: विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अहिल्याबाई के जीवन पर सेमिनार और प्रतियोगिताएं।
महिला सशक्तीकरण सम्मेलन: विशेष रूप से महिलाओं और युवतियों के लिए प्रेरणादायक कार्यक्रम।
प्रदर्शनियां: उनके जीवन और कार्यों को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनियां।
आरती और धार्मिक आयोजन: उनके द्वारा पुनर्निर्मित मंदिरों और घाटों पर विशेष आरती।
हरदोई में आयोजित कार्यक्रम भी इसी अभियान का हिस्सा था, जिसमें भूपेंद्र चौधरी ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे अहिल्याबाई के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाएं।
भूपेंद्र चौधरी का यह बयान और अहिल्याबाई की जन्म जयंती का उत्सव भाजपा की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक हस्तियों को बढ़ावा देकर अपनी हिंदूवादी छवि को मजबूत कर रही है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और अयोध्या में राम मंदिर जैसे प्रोजेक्ट्स के जरिए पार्टी प्रधानमंत्री मोदी को अहिल्याबाई जैसे महान नेताओं की विरासत को आगे बढ़ाने वाले के रूप में पेश कर रही है।
विपक्ष पर "विदेशी मानसिकता" का आरोप लगाकर चौधरी ने राजनीतिक ध्रुवीकरण की कोशिश की, जो उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर महत्वपूर्ण हो सकता है। हालांकि, विपक्ष ने इस बयान पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
हरदोई में अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जन्म जयंती पर आयोजित समारोह न केवल उनके ऐतिहासिक योगदान को याद करने का अवसर था, बल्कि भाजपा के लिए अपनी सांस्कृतिक और राजनीतिक रणनीति को मजबूत करने का मंच भी बना। भूपेंद्र सिंह चौधरी ने अहिल्याबाई के जीवन को प्रेरणादायक बताते हुए विपक्ष पर निशाना साधा और पीएम मोदी के प्रयासों को उनकी विरासत से जोड़ा। राजमाता अहिल्याबाई होलकर की कहानी नारी शक्ति, धर्म, और सामाजिक सुधार का प्रतीक है, जो आज भी प्रासंगिक बनी हुई है। भाजपा का यह स्मृति अभियान उनके आदर्शों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक प्रयास है, जो भारतीय इतिहास में उनके अमर योगदान को और उजागर करता है।
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