Viral News: IRCTC की डिजिटल सर्जरी- 2.5 करोड़ फर्जी अकाउंट्स पर कार्रवाई, तत्काल टिकट घोटाले पर कड़ा प्रहार।
भारतीय रेलवे की ऑनलाइन टिकट बुकिंग सेवा, इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC), ने हाल ही में एक बड़े डिजिटल घोटाले...
भारतीय रेलवे की ऑनलाइन टिकट बुकिंग सेवा, इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC), ने हाल ही में एक बड़े डिजिटल घोटाले का पर्दाफाश करते हुए 2.5 करोड़ फर्जी यूजर अकाउंट्स को निष्क्रिय कर दिया। यह कार्रवाई तत्काल और प्रीमियम तत्काल टिकट बुकिंग में बॉट्स और दलालों द्वारा की जा रही धोखाधड़ी को रोकने के लिए की गई। यह घोटाला, जिसमें सेकंड्स के भीतर टिकट बुक हो जाते थे, यात्रियों के लिए एक बड़ी समस्या बन गया था। रेल मंत्रालय ने आधार-सत्यापित अकाउंट्स को प्राथमिकता देने और एआई-आधारित निगरानी को लागू करके इस समस्या से निपटने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
IRCTC की तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली लंबे समय से यात्रियों के लिए एक चुनौती रही है। सुबह 10 बजे (एसी क्लास) और 11 बजे (नॉन-एसी क्लास) खुलने वाली तत्काल बुकिंग विंडो में टिकट चंद सेकंड्स में बिक जाते थे, जिससे आम यात्रियों को निराशा हाथ लगती थी। 4 जून 2025 को सामने आई खबरों के अनुसार, IRCTC ने जनवरी से मई 2025 के बीच 2.9 लाख संदिग्ध PNRs की पहचान की, जो बुकिंग विंडो खुलते ही मिनटों में बनाए गए थे। इनमें से अधिकांश बुकिंग्स फर्जी अकाउंट्स और बॉट्स के जरिए की गई थीं, जो डिस्पोजेबल ईमेल्स और अवैध सॉफ्टवेयर का उपयोग करके टिकटों को हड़प लेते थे।
इसके जवाब में, IRCTC ने एक बड़े पैमाने पर डिजिटल सफाई अभियान शुरू किया। 2.5 करोड़ फर्जी यूजर आईडी को निष्क्रिय कर दिया गया, और 20 लाख अन्य अकाउंट्स को आधार और अन्य दस्तावेजों के सत्यापन के लिए चिह्नित किया गया। इस कार्रवाई ने न केवल तत्काल टिकट बुकिंग की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने में मदद की, बल्कि 22 मई 2025 को एक मिनट में 31,814 टिकट बुकिंग का रिकॉर्ड भी बनाया। यह कार्रवाई रेलवे की नई एआई-आधारित निगरानी और कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN) तकनीक के कारण संभव हुई।
तत्काल टिकट प्रणाली को आपातकालीन यात्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए शुरू किया गया था, लेकिन यह जल्द ही दलालों और साइबर ठगों के लिए कमाई का जरिया बन गई। ये दलाल 'नेक्सस' और 'सुपर तत्काल' जैसे अवैध सॉफ्टवेयर का उपयोग करके सेकंड्स में टिकट बुक कर लेते थे और फिर इन्हें काले बाजार में ऊंचे दामों पर बेचते थे। एक सामान्य यात्री के लिए तत्काल टिकट बुक करना लगभग असंभव हो गया था, क्योंकि वेबसाइट अक्सर फ्रीज हो जाती थी, पेमेंट विफल हो जाते थे, या टिकट 'वेटलिस्टेड' दिखाई देते थे।
IRCTC के आंकड़ों के अनुसार, इसके 13 करोड़ सक्रिय यूजर अकाउंट्स में से केवल 1.2 करोड़ ही आधार-सत्यापित हैं। शेष अकाउंट्स में से कई डिस्पोजेबल ईमेल्स के जरिए बनाए गए थे, जिनका उपयोग बॉट्स द्वारा टिकटों को हड़पने के लिए किया जाता था। 73% यात्री पहले मिनट में ही वेटलिस्टेड हो जाते थे, जिसके कारण उन्हें दलालों पर निर्भर होना पड़ता था। इस घोटाले ने न केवल यात्रियों का विश्वास तोड़ा, बल्कि रेलवे की आय पर भी असर डाला, क्योंकि दलालों द्वारा बेचे गए टिकटों का पैसा रेलवे को नहीं मिलता था।
- IRCTC और रेल मंत्रालय की कार्रवाई
रेल मंत्रालय ने इस डिजिटल घोटाले से निपटने के लिए कई कदम उठाए:
आधार सत्यापन अनिवार्य: तत्काल और प्रीमियम तत्काल टिकट बुकिंग के लिए आधार-सत्यापित अकाउंट्स को पहले 10 मिनट की प्राथमिकता दी जाएगी। गैर-सत्यापित अकाउंट्स को बुकिंग के लिए तीन दिन तक इंतजार करना होगा।
एआई और एंटी-बॉट तकनीक: IRCTC ने एआई-आधारित निगरानी शुरू की है, जो संदिग्ध गतिविधियों और बॉट ट्रैफिक को पहचानती है। इससे बॉट ट्रैफिक, जो पहले बुकिंग के पहले पांच मिनट में 50% तक होता था, लगभग शून्य हो गया है।
CDN का उपयोग: IRCTC ने अपनी 87% स्थिर सामग्री को कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN) के जरिए सर्व करने की व्यवस्था की, जिससे सिस्टम की गति और स्थिरता में सुधार हुआ।
डिस्पोजेबल ईमेल्स पर रोक: 6,800 डिस्पोजेबल ईमेल डोमेन को ब्लॉक किया गया, और 134 साइबर अपराध शिकायतें दर्ज की गईं।
साइबर क्राइम पोर्टल: यात्रियों को साइबर अपराध पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “हमारी प्राथमिकता आम यात्रियों को तत्काल टिकट आसानी से उपलब्ध कराना है। आधार-सत्यापित अकाउंट्स को प्राथमिकता देकर हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि टिकट वास्तविक यात्रियों तक पहुंचें।” IRCTC के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजय कुमार जैन ने रेलवे बोर्ड से आधार और पैन-सत्यापित यूजर्स को जल्दी पहुंच देने की मंजूरी मांगी है।
IRCTC की इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप तत्काल बुकिंग की सफलता दर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। अक्टूबर 2024 में जहां बुकिंग की सफलता दर 43.1% थी, वहीं मई 2025 तक यह बढ़कर 62.2% हो गई। 22 मई 2025 को एक मिनट में 31,814 टिकट बुक किए गए, जो एक नया रिकॉर्ड है। IRCTC की दैनिक लॉगिन संख्या में 20% की वृद्धि हुई, जो वित्तीय वर्ष 2025 में 82 लाख तक पहुंच गई, जबकि दैनिक बुकिंग में लगभग 12% की वृद्धि दर्ज की गई।
इसके अलावा, IRCTC ने वेबसाइट और ऐप की स्थिरता में सुधार के लिए कई कदम उठाए। पहले, तत्काल बुकिंग के समय वेबसाइट अक्सर क्रैश हो जाती थी, जिसके लिए यात्रियों ने कई बार शिकायत की थी। सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा, “IRCTC का सर्वर तत्काल बुकिंग के समय डाउन हो जाता है, और जब तक यह ठीक होता है, सारी सीटें चली जाती हैं। यह एक बड़ा घोटाला है!” नए उपायों ने इन समस्याओं को काफी हद तक कम किया है।
इस कार्रवाई का सबसे बड़ा प्रभाव आम यात्रियों पर पड़ा है। तत्काल टिकट प्रणाली उन लोगों के लिए बनाई गई थी, जिन्हें आपातकालीन यात्रा की आवश्यकता होती है, जैसे अंतिम संस्कार, नौकरी के लिए साक्षात्कार, या चिकित्सा आपात स्थिति। लेकिन दलालों और बॉट्स ने इस प्रणाली को आम लोगों के लिए लगभग अप्राप्य बना दिया था। फर्जी अकाउंट्स की समाप्ति और आधार सत्यापन ने वास्तविक यात्रियों को टिकट बुक करने का बेहतर मौका दिया है।
आर्थिक रूप से, तत्काल और प्रीमियम तत्काल टिकटों ने 2018 से 2023 के बीच रेलवे को 13,737 करोड़ रुपये की कमाई कराई। इस घोटाले ने न केवल यात्रियों को नुकसान पहुंचाया, बल्कि रेलवे की आय को भी प्रभावित किया। अब, नई प्रणाली के लागू होने से यह सुनिश्चित होगा कि टिकटों की बिक्री से होने वाली आय रेलवे के खजाने में जाए, न कि दलालों की जेब में।
सामाजिक स्तर पर, इस कार्रवाई ने यात्रियों के बीच IRCTC के प्रति विश्वास को बहाल करने में मदद की है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस कदम की सराहना की। @OpIndia_in ने लिखा, “यूं ही नहीं टिकट खुलते ही खत्म हो जाते हैं। चल रहा था बड़ा फर्जीवाड़ा।” @ZeeNews ने इसे “डिजिटल स्ट्राइक” करार दिया।
हालांकि IRCTC की यह कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन कुछ चुनौतियां अभी भी बाकी हैं। पहला, केवल 1.2 करोड़ अकाउंट्स ही आधार-सत्यापित हैं, जबकि 13 करोड़ सक्रिय अकाउंट्स हैं। सभी यूजर्स को आधार से जोड़ना एक लंबी प्रक्रिया हो सकती है। दूसरा, साइबर ठग नए तरीके खोज सकते हैं, जैसे नए डिस्पोजेबल ईमेल डोमेन या अन्य अवैध सॉफ्टवेयर। इसके लिए IRCTC को अपनी तकनीक को लगातार अपग्रेड करना होगा।
रेलवे ने भविष्य में तत्काल बुकिंग को और मजबूत करने की योजना बनाई है। इसमें आधार-आधारित OTP सत्यापन और काउंटर पर भी आधार सत्यापन की आवश्यकता शामिल है। इसके अलावा, थायरोकेयर के संस्थापक ए. वेलुमणि ने सुझाव दिया कि तत्काल टिकटों को एक साथ रिलीज करने के बजाय प्रति घंटे स्लॉट में रिलीज किया जाए, ताकि सर्वर पर दबाव कम हो। IRCTC द्वारा 2.5 करोड़ फर्जी अकाउंट्स को निष्क्रिय करना और तत्काल टिकट घोटाले पर डिजिटल स्ट्राइक एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल आम यात्रियों के लिए तत्काल टिकट बुकिंग को आसान बनाएगा, बल्कि रेलवे की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को भी बढ़ाएगा। आधार सत्यापन, एआई, और CDN जैसे तकनीकी उपायों ने इस प्रणाली को मजबूत किया है।
What's Your Reaction?