पंजाब बाढ़ प्रभावितों के लिए जमीयत उलमा-ए-हिंद का 50 लाख रुपये की राहत सामग्री से भरा काफिला रवाना
स्थानीय सिख समुदाय ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की सेवा भावना की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जब हम सफेद और काली धारियों वाला झंडा देखते हैं तो समझ जाते हैं कि य
नई दिल्ली/देवबंद : जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी के निर्देश पर मंगलवार को लुधियाना स्थित जमीयत रिलीफ सेंटर से लगभग 50 लाख रुपये मूल्य की राहत सामग्री से लदे 30 ट्रकों का काफिला पंजाब के बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए रवाना किया गया।
काफिले का नेतृत्व जमीयत उलमा हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के प्रभारी मौलाना मोहम्मद याहया करीमी ने किया। यह काफिला सुल्तानपुर लोधी, कपूरथला, अज्नाला, तरनतारण, फाजिल्का, गुरदासपुर, फिरोजपुर, लुधियाना और अन्य प्रभावित क्षेत्रों के लिए भेजा गया। इस मौके पर जमीयत के केंद्रीय और स्थानीय पदाधिकारी, पंजाब सरकार के मंत्री, सामाजिक व राजनीतिक हस्तियां तथा बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोग मौजूद रहे।
स्थानीय सिख समुदाय ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की सेवा भावना की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जब हम सफेद और काली धारियों वाला झंडा देखते हैं तो समझ जाते हैं कि यह काफिला हमारी मदद और दोस्ती के लिए आया है। मौलाना मोहम्मद याहया करीमी ने जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी का संदेश पढ़ा। मौलाना मदनी ने संदेश में कहा कि जमीयत उलमा बिना किसी भेदभाव के इंसानियत की सेवा को अपना कर्तव्य मानती है। पूरी दुनिया अल्लाह का परिवार है और अल्लाह के नजदीक वही सबसे अच्छा इंसान है जो उसके परिवार से मोहब्बत करता है। हम अपने सिख भाइयों के साथ इस मुश्किल समय में खड़े हैं। असली मदद करने वाला हमारा मालिक है, हम तो बस उसके बंदे हैं और यह सब केवल अल्लाह की खुशी के लिए किया गया है। सिख भाई पूरी दुनिया में इंसानियत की सेवा के लिए मशहूर हैं और जो दूसरों की मदद करता है अल्लाह भी उसकी मदद के लिए अपने नेक बंदों को भेजता है।
मौलाना याहया करीमी ने बताया कि जमीयत के महासचिव मौलाना मोहम्मद हकीमुद्दीन कासमी की निगरानी में मेवात की पूरी टीम, मुफ्ती मोहम्मद सलीम, मुफ्ती अरिफ (लुधियाना), हाजी नौशाद आलम, लुधियाना जमीयत यूथ क्लब के कार्यकर्ता और जमीयत के पश्चिमी यूपी व गुजरात के पदाधिकारी पहले से ही प्रभावित इलाकों में दिन-रात राहत और पुनर्वास कार्यों में लगे हैं। यह टीम जरूरत पूरी होने तक मैदान में रहेगी।
इस अवसर पर मोहम्मद कासिम, कारी मोहम्मद असलम, मुफ्ती सलीम, हाजी नौशाद आलम लुधियाना, हाजी मोहम्मद फुरकान लुधियाना, ज्ञानी कीरत सिंह (पूर्व जत्थेदार तख्त श्री दमदमा साहिब), करमजीत सिंह सरपंच खांसी कलां, अजीत सिंह सरपंच खांसी खुर्द, पंजाब सरकार के मंत्री हरदीप सिंह मंडिया, मौलाना अलाउद्दीन (हापुड़), मुफ्ती अरशद मीर (गुजरात), मौलाना नूरुलबशर, मास्टर अरशद (मुजफ्फरनगर), मास्टर जमील, रहमतुल्लाह (पोकरण, राजस्थान), मौलाना इल्तमश लुधियानवी, मुफ्ती अनस मजाहिरी, हाजी जमाल (अमीर जमात जिला लुधियाना), हाफिज तस्नीम, दिलजीत सिंह गरेवाल, कुलदीप सिंह सैखों, गरमल सिंह गुल, गुरदीप सिंह, इंदरजीत सिंह (पूर्व सरपंच), ज्ञान प्रकाश ट्रस्ट बूढ़ीवाल के संरक्षक मेजर सिंह ज्ञान प्रकाश समेत अन्य प्रमुख लोग शामिल थे।
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