अब निराश्रित पशुओं के संरक्षण की कवायद शुरू, 12 दिसंबर तक चलाया जाएगा अभियान

इन हाट स्पाट के साथ ही अन्य क्षेत्रों में पशुपालन विभाग, ग्राम विकास, पंचायती राज, पुलिस, वन विभाग व शासन की ओर से नामित सभी विभागों के सहयोग से ग्राम पंचायतों व नगर निकायों के दिशा निर्देशन में अभियान चलाया जाएगा....

Dec 10, 2024 - 23:11
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अब निराश्रित पशुओं के संरक्षण की कवायद शुरू, 12 दिसंबर तक चलाया जाएगा अभियान

By INA News Hardoi.

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि निराश्रित पशुओं के शतप्रतिशत संरक्षण के लिए अभियान चलाए जाने की पूर्व से ही तैयारी कर ली गई है। जनपद में सवायजपुर, शाहाबाद से पाली मार्ग, नगर पालिका शाहाबाद, टंडेर, उधरनपुर, कमालपुर, वीरमपुर, ज्यूरा, साडीखेड़ा, चंदेली, महरेपुर, उस्मानपुर, हरपालपुर थाना के निकट, पिहानी कस्बा में भट्ठी के पास, बिल्हारी, मेढू, छिबरामऊ, बघौली चौराहा, कौढ़ा व हूंसेपुर को हाट स्पाट के रूप में चिन्हित किया गया है।

इन हाट स्पाट के साथ ही अन्य क्षेत्रों में पशुपालन विभाग, ग्राम विकास, पंचायती राज, पुलिस, वन विभाग व शासन की ओर से नामित सभी विभागों के सहयोग से ग्राम पंचायतों व नगर निकायों के दिशा निर्देशन में अभियान चलाया जाएगा। खेतों में रबी की फसलें लहलहा रही हैं, निराश्रित पशु फसलों को नुकसान न पहुंचा पाएं इसके लिए पशु पालन विभाग ने ग्राम पंचायतों, निकायों, संबंधित विभागों व जन भागीदारी से अभियान चला कर निराश्रित पशुओं के संरक्षित करने का निर्णय लिया है।

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मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया शनिवार सात दिसंबर से 12 दिसंबर तक अभियान चला कर निराश्रित पशुओं को संरक्षित किया जाएगा। जनपद में 377 पशु आश्रय स्थलों, पिहानी, संडीला, बेनीगंज, सांडी, गोपामऊ, बिलग्राम, मल्लावां नगर निकायों के कान्हा गोशाला व छह वृहद गो संरक्षण केंद्रों में 70 हजार से अधिक निराश्रित पशु संरक्षित हैं। इसके अतिरिक्त आठ वृहद गो संरक्षण केंद्र बन कर तैयार हैं जिनका जल्द ही संचालन शुरू कर दिया जाएगा। सात वृहद संरक्षण केंद्र व छह निराश्रित पशु आश्रय स्थल निर्माणाधीन हैं। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया, निर्माणाधीन आश्रय स्थलों एवं वृहद संरक्षण केंद्रों के बनने के साथ ही निराश्रित पशुओं की समस्या का पूर्णत: समाधान हो जाएगा।

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया जिस किसी भी ग्राम पंचायत अथवा नगर निकाय में निराश्रित पशु सड़कों अथवा खेतों में हैं, उनकों सरंक्षित करने के लिए वो खंड विकास अधिकारी अथवा अधिशासी अधिकारी को सूचित कर सकते हैं। विभाग निशुल्क रूप से कैटल कैचर उपलब्ध करवाएगा, जिसके माध्यम से पशुओं को पशु आश्रय स्थल पहुंचाया जाएगा।

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