संभल हिंसा पर SC का आदेश, निचली अदालत न ले कोई एक्शन, फैसले पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने ख़ुशी जाहिर की, अगली सुनवाई 6 जनवरी को

संभल जिले स्थित जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर विवाद मामले में मस्जिद पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस ...

Nov 30, 2024 - 00:11
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संभल हिंसा पर SC का आदेश, निचली अदालत न ले कोई एक्शन, फैसले पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने ख़ुशी जाहिर की, अगली सुनवाई 6 जनवरी को

High Court decision on Sambhal Voilence.

उच्चतम न्यायलय ने जिला प्रशासन को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि वह यह सुनिश्चित करें कि संभल में शांति व्यवस्था बनी रहे, साथ ही निचली अदालत से भी कहा कि संबंधित मामले में फिलहाई कोई एक्शन न ले। मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी के बाद होगी। शुक्रवार को संभल मामले में सुनवाई शुरू हुई तो मस्जिद कमेटी ने दलील देते हुए कहा कि सर्वे का आदेश उसी दिन आ गया जिस दिन आवेदन दायर किया गया था और यह दोनों की तारीख 19 नवंबर थी। यही नहीं सर्वे भी उसी दिन शाम 6 बजे से लेकर रात 8.30 बजे तक हुआ।

संभल जिले स्थित जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर विवाद मामले में मस्जिद पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने सख्त टिप्पणियां की हैं। मस्जिद पक्ष ने कोर्ट के सामने कहा कि 23 नवंबर को जब हम कानूनी सलाह लेने की तैयारी कर रहे थे तभी उसी दिन आधीरात में पता चला कि सर्वे अगले दिन ही होगा। 24 नवंबर को सुबह 6.15 बजे सर्वे की टीम मस्जिद पहुंच गई और सुबह की नमाज के लिए जो नमाजी इकट्ठा थे उन्हें वहां से जाने के लिए कहा गया।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आप हाई कोर्ट क्यों नहीं गए, आपको नहीं लगता कि इस मामले में पहले हाईकोर्ट जाना उचित होता। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि आप अपनी दलीलें उचित पीठ के सामने रखें। मस्जिद पक्ष की दलील के बाद उच्चतम न्यायलय ने निचली अदालत को निर्देशित किया वह इस मुकदमे में तब तक आगे न बढ़े, जब तक कि सर्वे के आदेश को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति की याचिका हाईकोर्ट में सूचीबद्ध न हो जाए। इसके अलावा कोर्ट ने कमिश्नर की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखने और इस दौरान उसे न खोलने का भी निर्देश दिया।

साथ ही उत्तर प्रदेश प्रशासन को भी सख्त निर्देश दिए कि संभल में शांति और सद्भाव बने रहना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए मुस्लिम पक्ष को हाई कोर्ट में अपील करने की अनुमति दी है। फरंगी महली ने कहा, इस फैसले से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने की सख्त हिदायत दी है। जो घटनाएं हुईं, उनसे पूरे देश में नाराजगी थी, लेकिन इस फैसले से इंसाफ की उम्मीद बढ़ी है। कोर्ट ने योगी सरकार से कहा कि जिले में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रयास करे।

इसके साथ ही निचली कोर्ट को निर्देश दिए कि मुकदमे में आगे न बढ़ें, जब तक कि सर्वे आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति द्वारा याचिक सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध न हो जाए। जिला प्रशासन से भी शांति बनाए रखने के निर्देश दिए। बता दें कि 19 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के जिला कोर्ट के आदेश के बाद संभल में 24 नवंबर को भड़की हिंसा पांच लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी।

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जिला प्रशासन ने शुक्रवार शाम यानी 29 नवंबत तक के लिए इसे बंद रखने का ही फैसला लिया है। वहीं मौलाना ने कहा कि संभल में जो कुछ हुआ, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। इस हिंसा में पुलिस ने खुलेआम गोली चलाई है। उन लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है, जो लोग नारे लगाते हुए जा रहे थे। उन्होंने कहा कि इसकी सारी वीडियो हमारे पास मौजूद है। सरकार को दंगा करवाने वाले तत्वों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम 1991 का खुला उल्लंघन हो रहा है।

अदालतों के जज लालच में फैसला देते हैं, क्योंकि रिटायर्ड होने के बाद उनको ओहदा दिया जाता है। जजों के रिटायर्ड होने पर उन्हें कोई पद न दिया जाए ताकि इस तरह के फैसले न आएं। उन्होंने कहा कि सर्वे का काम न्यायालय की निगरानी में शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए। उन्होंने कहा, राज्य सरकार और जिला प्रशासन को तुरंत शांति बहाली के लिए कदम उठाने चाहिए। हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और निर्दोषों को न्याय मिले।

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सपा सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी एक निजी कार्यक्रम में रामपुर पहुंचे तो संभल में हुए बवाल पर पुलिस, प्रशासन और सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया। पुलिस फायरिंग की घटना को जनरल डायर के बाद इतिहास की सबसे क्रूर घटना करार दिया। उन्होंने कहा डीएम, एसपी और सीओ ने डायरेक्ट गोलियां चलाई हैं। जिसमे लोगों के चेहरों को कुचला गया है, लाठियों से गिराया गया और पिस्तौल से निकलकर गोलियां मारी गई हैं। इनको कॉन्स्टिट्यूशन और लोगों की हिफाजत करने की जिम्मेदारी दी गई है लेकिन अपनी ही शहरियों को कुचल रहे हैं। नदवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा," संभल घटना मुल्क की तारीख का सबसे बदतरीन हादसा है। घटिया और तीसरे दर्जे की सियासत के कुछ माइंड सेट हैं, जिन्होंने यह शुरू की है।

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